बिहार में लीजिए अब कश्मीर के डल झील का मजा, गंगा की लहरों पर मिलेगा तैरता हाउस बोट

गंगा नदी के ऊपर आधुनिक सुविधाओं से लैस फ्लोटिंग हाउस में आप डल झील के हाउस बोट जैसा आनंद उठा सकते हैं. यह फ्लोटिंग हाउस प्राकृतिक सामग्री के इस्तेमाल से बना है, जो ठंड के मौसम में गर्म और गर्मियों के मौसम में घर के अंदर ठंड का अहसास होता है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 16, 2024 5:29 PM

पटना. आरा के इंजीनियर बेटे प्रशांत कुमार ने बिहार में कश्मीर का मजा देने के लिए स्थानीय संसाधनों से एक हाउस बोट तैयार किया है. गंगा नदी के ऊपर आधुनिक सुविधाओं से लैस फ्लोटिंग हाउस में आप डल झील के हाउस बोट जैसा आनंद उठा सकते हैं. यह फ्लोटिंग हाउस प्राकृतिक सामग्री के इस्तेमाल से बना है, जो ठंड के मौसम में गर्म और गर्मियों के मौसम में घर के अंदर ठंड का अहसास होता है.

6 लाख रुपये की लागत से तैयार हुआ ये घर

ठेठ बिहारी मिजाज में जलवायु परिवर्तन के अनुरूप बनाया गया यह हाउस बोट आरा मुख्यालय से महज 15 किलोमीटर दूर महुली में तैयार हुआ है. यही गंगा तट पर इसे तैरता हुआ देखा जा सकता है. इको-टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए इंजीनियर प्रशांत कुमार और उनकी टीम ने इस खूबसूरत हाउस बोट का निर्माण किया है. इंजीनियर प्रशांत कुमार ने स्थानीय पत्रकारों को बताया कि इस हाउस बोट को करीब 6 लाख रुपये की लागत से बनाया गया है. उनकी टीम अब एक लाख से डेढ लाख तक में ऐसे कुछ बोट का निर्माण करने की योजना पर काम कर रहे हैं.

नेचुरल चीजों से बनाया गया है ये घर

इंजीनियर प्रशांत कुमार ने बताया कि इस में तमाम संसाधन प्राकृतिक और सथानीय है. इसमें गाय के गोबर से बनी ईंट, पुआल, मिट्टी, सुरखी चुना और बांस के बल्ले जैसी कई प्राकृतिक सामग्रियों का उपयोग किया गया है. वहीं घर के अंदर और बाहर की सजावट को हस्तनिर्मित शिल्प की मदद से खूबसूरती से सजाया गया है. पानी में तैरते इस हाउस बोट में आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित दो बड़े फूस के कमरे बने हैं.

सात लोगों के लिए प्रयाप्त जगह

इंजीनियर प्रशांत कुमार ने कहा कि इस हाउस बोट में एक बड़े परिवार के खान-पान को ध्यान में रखते हुए एक बेहतरीन किचन और मोटर पंप से सुसज्जित बायो टॉयलेट के साथ एक बड़ा आंगन भी बनाया गया है. इस हाउबोट में लगभग 6 से 7 लोग आराम से रह सकते हैं. यह घर गंगा नदी के बीचों बीच भी जा सकता है. उन्होंने कहा कि सुरक्षा की दृष्टि से यह हाउस बोट पूरी तरह मानक के अनुरूप है. मल्टीड्रम तकनीक के कारण डूबने की संभावना ना के बराबर है.

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तैरते हुए हाउस बोट को देखने जमा हुई भीड़

बिहार के आरा में इस तैरते हाउस बोट को देखने के लिए महुली गंगा घाट पर लोगों की भारी भीड़ जमा हो रही है. लोगों के लिए यह चर्चा का विषय बन गया है. वहीं इस घर के सामने सेल्फी लेने और रील बनाने के लिए लोगों का तांता लगा रहता है. घर को किराये पर देने के संबंध में प्रशांत कहते हैं कि अभी कुछ सोचा नहीं है. इसे बनाने का मेरा मकसद यह था कि बाढ़ और पर्यटन. पर्यटन की दृष्टि से इको-टूरिज्म के तौर पर इस्तेमाल करने की योजना है. इस संबंध में सरकार और उनके अधिकारियों से भी चर्चा की गई है और इस विषय में उनके द्वारा आश्वासन भी दिया गया है.

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