Dalai Lama in Bihar: तिब्बती आध्यात्मिक 14वें बौद्ध धर्मगुरु दलाई लामा बिहार के गया में स्थित विश्व धरोहर महाबोधी मंदिर पहुंचे. यहां उन्होंने महाबोधी मंदिर के गृभगृह तथा बोधीवृक्ष के नीचे विशेष पूजा अर्चना की है. भगवान बुद्ध की ज्ञान स्थली बोधगया के महाबोधी मंदिर में तिब्बती आध्यात्मिक बौद्ध धर्मगुरु दलाई लामा पहुंचे है. वह तिब्बती मंदिर से ई- रिक्शा से कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच मंदिर में आए. बता दें कि दलाई लामा 15 दिसंबर को बोधगया पहुंचे थे. यहां तिब्बत मंदिर में प्रवास स्थल है. दलाई लामा बोधगया में लगभग 25 दिनों के प्रवास पर है.
प्रवास के दौरान तिब्बत मंदिर से लेकर महाबोधी मंदिर तक कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है. इसी बीच सुबह कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच बौद्ध धर्मगुरु दलाई लामा का महाबोधी मंदिर में आगमन हुआ है. इस दौरान उनके दर्शन व एक झलक पाने के लिए बौद्ध अनुयाई उत्साहित दिख रहे थे . दलाई लामा ने महबोधी मंदिर के गृभगृह में विश्वशांति के लिए विशेष पूजा अर्चना की तथा बोधी वृक्ष के नीचे साधना भी की. इस अवधी तक महाबोधी मंदिर में अन्य श्रद्धालुओ के प्रवेश पर रोक लगा दी गई है. दलाई लामा के पूजा के बाद आम श्रद्धालुओ के लिए महाबोधी मंदिर खोल दिया जाएगा.
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बता दें कि बौद्ध धर्मगुरू दलाई लामा कड़ी सुरक्षा के बीच 15 दिसंबर को गया के अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा में पहुंचे. यहां डीएम व सीटी समेत कई अधिकारियों ने उनका जोरदार स्वागत किया. धर्मगुरु स़ॉक मार्ग से बोधगया पहुंचे है. तिब्बत मॉनस्ट्री में धर्मगुरु के आवासन के इंतजाम है. यहां सुरक्षा की व्यवस्था तगड़ी है. पुलिस के जवानों की तैनाती की गई है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आगामी कार्यक्रम में भी इनके शामिल होने की संभावना जताई गई है.
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दलाई लामा के आगमन को लेकर यातायात की व्यवस्था में भी बदलाव हुआ है. पुलिस प्रशासन की ओर से ट्रैफिक प्लान तैयार हुआ था. 16 दिसंबर से 20 जनवरी तक कई स्थानों पर गाड़ियों के आवागमन पर रोक लगाई गई है. भीड़ को ध्यान में रखकर ट्रैफिक व्यवस्था का प्लान तैयार किया गया है. महाबोधि मंदिर की ओर आने वाले रास्ते में बड़े वाहनों को प्रवेश पर रोक रहेगी. इंट्री पास के साथ ही यहां वाहनों के प्रवेश की अनुमति होगी.
शुक्रवार को महाबोधि मंदिर पहुंचने के बाद सबसे पहले दलाई लामा मंदिर के गर्भगृह में जाकर भगवान बुद्ध को नमन किया. फिर विश्व शांति और दुनियां के सभी मानव जाति के कल्याण के लिए पूजा-अर्चना की. अहले सुबह 7:45 बजे दलाई लामा तिब्बत मन्दिर से ई -रिक्शा से कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बिच निकलकर महाबोधि मंदिर पहुंचे. मंदिर के गर्भगृह में लगभग एक घंटे से ज्यादा समय तक पूजा अर्चना किया. यहां बीटीएमसी सचिव डॉ महाश्वेता महारथी सहित अन्य सदस्यों ने उनकी अगुवानी की. उन्होंने मंदिर के गर्भगृह में भगवान बुद्ध की प्रतिमा के समक्ष सूत्तपात पाठ किया और विश्व शांति की कामना की. मंदिर परिसर में हजारों की संख्या में मौजूद श्रद्धालुओं ने अपने धर्म गुरु को नमन किया. श्रद्धालु अपने धर्म गुरु की एक झलक पाने के लिए बेताब दिखे. तिब्बती मंदिर से जैसे ही दलाई लामा निकले सड़क किनारे हजारों की संख्या में श्रद्धालु हाथ जोड़कर खड़े हो गए. महाबोधि मंदिर प्रवेश करने पर एक साथ खड़े होकर श्रद्धालु श्रद्धा से सिर झुकाकर उनका स्वागत किया. दलाई लामा ने भी हाथ हिलाकर लोगों का अभिवादन स्वीकार किया.
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लगभग 20 दिनों का प्रवास पर दलाई लामा गुरुवार को बोधगया पहुंचे हैं. बता दें कि प्रवास के दौरान दलाई लामा 29 दिसंबर से विशेष शैक्षणिक सत्र की अगुवाई करेंगे. उनके प्रवास के दौरान कालचक्र मैदान में अध्यात्म, दर्शन और विज्ञान का संगम होगा. उनके स्वागत के लिए बोधगया को आकर्षक ढंग से सजाया सवांरा गया है. बोधगया आने के बाद दलाई लामा तिब्बत बौद्ध मठ में प्रवास करते हैं. उनके प्रवास स्थल और महाबोधि मंदिर को रंगीन बल्बों और पंचशील पताकों से आकर्षक ढंग से सजाया गया है. उनके आगमन को देखते हुए बोधगया की सुरक्षा व्यवस्था को कड़ा कर दिया गया है. दलाई लामा के प्रवास स्थल, पूजा स्थल और महाबोधि मंदिर के एरिया को अभेद्य सुरक्षा घेरे में रखा गया है. 29 दिसंबर से कालचक्र मैदान में दलाई लामा विशेष शैक्षणिक सत्र का शुभारंभ करेंगे. पूजा में भाग लेने के लिए लगभग एक लाख श्रद्धालुओं की भीड़ जुटने की उम्मीद है. विशेष शैक्षणिक सत्र में चित्त यानी आत्मा को बुद्धत्त्व प्राप्ति के लायक शुद्ध और सशक्त बनाने जैसा आध्यात्मिक अभ्यास करायेंगे. इसके पूर्व 20 दिसंबर को महाबोधि सांस्कृतिक केन्द्र में दलाई लामा के द्वारा इंटरनेशनल संघ फोरम के आयोजन किया जाएगा. इस समारोह में 30 देशों से लगभग 2500 लोग शामिल होंगे. श्रीलंका, थाईलैण्ड, जापान, कोरिया, वियतनाम आदि देश के श्रद्धालु भाग लेंगे. 23 दिसंबर को दलाई लामा महाबोधि मंदिर परिसर में इसका समापन करेंगे. इसके बाद बोधगया के कालचक्र मैदान में दलाई लामा के नेतृत्व में 3 दिनों का विशेष शैक्षणिक सत्र शुरू होगा. दलाई लामा के शैक्षणिक कार्यक्रम में भाग लेने के लिए देश-विदेश के लाखों बौद्ध श्रद्धालु आएंगे. इसको लेकर बिजली, पेयजल, शौचालय और साफ-सफाई की पुख्ता बंदोवस्त की जाएगी. इसके साथ वाहन पार्किंग, सूरक्षा, साफ-सफाई की मुकम्मल व्यवस्था करने की तैयारी जोर शोर से चल रही है. एक जनवरी को दलाई लामा की लंबी आयु व बेहतर स्वास्थ्य को लेकर विशेष प्रार्थना होगी.