भागलपुर. गंगा का पानी रौद्र रूप लेते जा रहा है. मंगलवार को क्षेत्र अंतर्गत फरक्का पंचायत स्थित घोषपुर फरक्का बांध में पानी का रिसाव के बाद शाम में फरका के पास एक हिस्सा टूट कर गंगा में समा गया. टूटे हिस्से से तेजी से गांव में पानी फैलने लगा और देखते ही देखते पूरे गांव को अपनी चपेट में ले लिया. त्राहिमाम की स्थिति बन गयी और लोग ऊंचे स्थानों के लिए घर छोड़ने लगे. मुखिया राजेंद्र मंडल व सरपंच राजेश कुमार यादव ने बताया कि पंचायत के तीन गांव इंग्लिश फरक्का और घोषपुर में पानी समा रहा है. लगभग सौ घरों में पानी प्रवेश कर चुका है. स्थिति भयावह होने लगी है और एनएच 80 पर भी खतरा मंडराने लगा है. बांध टूटने से लगभग पंचायत के 15000 से ज्यादा की आबादी प्रभावित होगी. सबसे ज्यादा परेशानी पशुपालकों को होगी, जिन्हें चारा के लिए दर-दर भटकना पड़ सकता है.
अंचलाधिकारी, प्रखंड विकास पदाधिकारी, राजस्व अधिकारी सहित आपदा विभाग के कनीय अभियंता स्थिति का आकलन किये और पंचायत में बने ऊंचे भवनों का निरीक्षण कर परिवार को वहां ठहरने की व्यवस्था करने की बात बतायी. बीडीओ प्रतीक राज ने बताया कि निरीक्षण कर क्षेत्र का रिपोर्ट वरीय पदाधिकारी को भेजी गयी है. स्थिति का आकलन किया जा रहा है. एनएच 80 पर जगह-जगह पानी का दबाव बढ़ रहा है. सीओ अजीत कुमार झा ने बताया कि बाढ़ प्रभावित इलाके का निरीक्षण किया गया और स्थानीय समस्या के अलावा ठहराव आदि का भी निरीक्षण किया गया. स्थिति पर नजर बनाये हुए हैं. जिला स्तरीय वरीय पदाधिकारी को क्षेत्र की स्थिति से अवगत कराया गया है.
मंगलवार को गंगा के पानी में काफी इजाफा होने की बात बतायी जा रही है. पानी गांव में प्रवेश करना शुरू हो गया है. निचले इलाके में कई घरों में पानी प्रवेश कर चुका है कई गांव के निकासी मार्ग पर पानी जम गया है. मौजूदा स्थिति बरकरार रहने पर तीन से चार दिनों में क्षेत्र के दर्जनों गांवों में पानी प्रवेश कर जायेगा और आम जनजीवन प्रभावित होने लगेगा. मौसम साफ रहने से थोड़ी राहत है. लगातार बारिश होने की स्थिति में त्राहिमाम की स्थिति बन जायेगी. गोराडीह प्रखंड के बहियारों में लगी फसल डूबने लगी है. आधा दर्जन के आसपास गांव में पानी प्रवेश कर चुका है और तेजी से फैल रहा है. सबौर-जमसी पथ के बाद राजपुर मुरहन पथ पर पानी का बहाव शुरू हो गया है. सबौर के साथ गोराडीह प्रखंड टापू में तब्दील हो गया है और धीरे-धीरे पानी में वृद्धि से स्थिति बिगड़ती जा रही है.
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गंगा व कोसी के जलस्तर में बढ़ोतरी होने के कारण कुछ गांवों में पानी घुस गया है. दियारा के कई गांव बाढ़ से घिर गये हैं. लोग ऊंचे स्थानों पर जाने के लिए पलायन करना शुरू कर चुके हैं. दूसरी ओर जिला प्रशासन ने बाढ़ पीड़ितों के लिए तात्कालिक सुविधा उपलब्ध कराना मंगलवार से शुरू किया है. राहत व बचाव कार्य को लेकर रंगराचौक, सुलतानगंज, नाथनगर, सबौर व नारायणपुर में दो-दो नाव समेत कुल 10 नाव का परिचालन शुरू किया गया है. जिला आपदा प्रबंधन शाखा के प्रभारी शैलेंद्र कुमार ने बताया कि इन अंचलों के सीओ ने दो-दो नाव की मांग की थी.
कोशी नदी में जलस्तर में वृद्धि के कारण रंगराचौक अंचल के जहांगीरपुर बैसी के कुल 26 परिवारों का घर कटाव में बह गया था. इन परिवारों को गृह क्षति अनुदान दिया जायेगा. इसे लेकर गत 24 अगस्त को जिला आपदा प्रबंधन शाखा ने 24 लाख 72 हजार 600 रुपये की मांग आपदा प्रबंधन विभाग से की है. वहीं सिविल सर्जन द्वारा नारायणपुर में एक, रंगरा चौक में दो और नाथनगर में दो चलंत चिकित्सा दल द्वारा जलस्तर से प्रभावित परिवारों को चिकिस्तकीय सुविधा उपलब्ध करायी जा रही है. लोक स्वास्थ्य प्रमंडल द्वारा रंगरा चौक व नाथनगर क्षेत्र के बाढ़ से प्रभावित परिवारों के लिए चार चापाकल व आठ शौचालय की व्यवस्था की गयी है. इसके अलावा यहां दो चापाकल और 12 शौचालय की व्यवस्था करने का काम चल रहा है.