1 जनवरी 2025 को 100 साल का हो जायेगा दानापुर रेलवे स्टेशन, दीनापुर से ऐसे बना दानापुर
Danapur Railway Station: दिल्ली-कोलकाता मेन लाइन से पंडित दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन (मुगलसराय) और पटना मार्ग के माध्यम से भारत के महानगरीय क्षेत्रों से जोड़ने वाला दानापुर स्टेशन कल सौ वर्ष का हो जायेगा.
कल यानी, पहली जनवरी 2025 को दानापुर रेल मंडल सौ साल का हो जायेगा. दानापुर को पहले ‘दीनापुर’ स्टेशन के नाम से जाना जाता था. इस मंडल की स्थापना एक जनवरी, 1925 को हुई थी. अपने 100 साल का सफर पूरा करने के बाद दानापुर रेल मंडल की ओर से 31 जनवरी 2025 को शताब्दी वर्ष समारोह मनाया जायेगा, जिसकी जोर-शोर से तैयारी चल रही है. दानापुर रेलवे स्टेशन पूर्व मध्य रेलवे के दानापुर रेलवे डिवीजन का मुख्यालय है.
एक जनवरी, 1925 को हुई थी मंडल की स्थापना
दिल्ली-कोलकाता मेन लाइन से पंडित दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन (मुगलसराय) और पटना मार्ग के माध्यम से भारत के महानगरीय क्षेत्रों से जोड़ने वाला दानापुर स्टेशन कल सौ वर्ष का हो जायेगा. इस रेल मंडल की स्थापना एक जनवरी, 1925 को हुई थी. अपने 100 साल का सफर पूरा करने के बाद दानापुर रेल मंडल की ओर से 31 जनवरी 2025 को शताब्दी समारोह मनाने की तैयारी चल रही है. इस रेल मंडल के एडीआरएम आधार राज ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिये इस समारोह की जानकारी दी. एडीआरएम ने बताया कि शताब्दी समारोह को लेकर कॉफी टेबल बुक के प्रकाशन की तैयारी चल रही है. साथ ही एक विशेष पत्रिका का विमोचन भी किया जायेगा. दानापुर डीआरएम ऑफिस कार्यालय से पुराने जगजीवन स्टेडियम में भव्य रूप से शताब्दी वर्ष समारोह मनाने की तैयारी चल रही है. इस मौके पर दानापुर रेल मंडल की पुरानी व ऐतिहासिक अभिलेखीय दस्तावेजों, तस्वीरों और रेलवे कलाकृतियों की प्रदर्शनी लगेगी, ताकि लोग इसके समृद्ध इतिहास से रू-ब-रू हो सकें.
दानापुर के पहले मंडल अधीक्षक थे सी आयर्स
मिली जानकारी के अनुसार दानापुर के पहले मंडल अधीक्षक सी आयर्स थे, जिन्होंने 1 जनवरी, 1925 को कार्यभार संभाला था. उत्तराधिकार बोर्ड पर प्रदर्शित जानकारी के अनुसार 1980 के दशक के बाद इस पद का नाम बदल कर मंडल रेल प्रबंधक (डीआरएम) कर दिया गया. रेलवे विशेषज्ञों और कुछ अभिलेखों के अनुसार दानापुर (पूर्व में दीनापुर) रेलवे स्टेशन का निर्माण 1860 के दशक में हुआ था. साथ ही पटना सिटी में स्थित पुराने पटना स्टेशन (अब पटना साहिब स्टेशन) और हावड़ा-दिल्ली लाइन पर तत्कालीन बांकीपुर स्टेशन (जो काफी बाद में निर्मित वर्तमान पटना जंक्शन के स्थल के निकट है) का निर्माण भी इसी समय हुआ था.
दानापुर से झाझा व कुचमन तक फैला है यह मंडल
एडीआरएम ने बताया कि इस लाइन के एक हिस्से पर स्थित फतुहा, बख्तियारपुर, बाढ़, मोकामा, गुलजारबाग और बिहटा के पुराने स्टेशन, जो दानापुर डिवीजन की सीमा में आते हैं. वर्तमान दानापुर डिवीजन झाझा से कुचमन तक रेल नेटवर्क में फैला हुआ है. इस मंडल के सबसे बड़े स्टेशनों में पटना जंक्शन शामिल है, जो बिहार का भी सबसे बड़ा रेलवे स्टेशन है. इसके अलावा राजेंद्र नगर टर्मिनल, दानापुर और पाटलिपुत्र स्टेशन के अलावा आरा, बक्सर और पटना साहिब स्टेशन प्रमुख हैं. एक समय में मुगलसराय रेल नेटवर्क भी इसका हिस्सा था, लेकिन बाद के दशकों में इसे आजादी के बाद एक अलग डिवीजन बना दिया गया. कुछ साल पहले पटना साहिब स्टेशन के पुनर्विकास तक, इसकी इमारत की एक दीवार पर लगी पटना 1861 वाली पट्टिका प्लेटफॉर्म से दिखाई देती थी.
पहले इआर रेलवे जोन में था दानापुर
शुरुआत के समय में दानापुर मंडल को 1952 में स्थापित कोलकाता स्थित पूर्वी रेलवे (इआर) के अधीन रखा गया था. 2002 के बाद से, यह पूर्व मध्य रेलवे (इसीआर) के अंतर्गत आ गया. इआर से अलग होने के बाद दानापुर मंडल का मुख्यालय अब पूर्व मध्य रेलवे के हाजीपुर में स्थापित है. जानकार बताते हैं कि 1925 से भारत सरकार द्वारा इआइआर का प्रबंधन अपने हाथ में लेने के बाद, इसे छह डिवीजन में विभाजित कर दिया गया. इसमें हावड़ा, आसनसोल और दीनापुर, जिन्हें निचले डिवीजन के रूप में जाना जाता था. इलाहाबाद, लखनऊ और मुरादाबाद, जिन्हें ऊपरी डिवीजन के रूप में जाना जाता था.
दानापुर मंडल में अब 180 जोड़ी यात्री व 160 मालगाड़ी ट्रेनें चलती हैं
1925 में हावड़ा से मुरादाबाद के बीच कुल छह मंडल थे. इनमें दानापुर मंडल भी शामिल था. वहीं जैसे-जैसे रेलवे विकसित होते गया उसी के अनुसार दानापुर मंडल में भी यात्री सुविधाओं का विकास हुआ. वर्तमान में दानापुर मंडल में 180 जोड़ी यात्री ट्रेनें गुजरती हैं. इसके अलावा 160 मालगाड़ी ट्रेनों का परिचालन किया जा रहा है. दानापुर मंडल में लगातार आय की वृद्धि भी हो रही है.
- आज 180 ट्रेनों यहां से होकर गुजरती है
- टोटल 180 ट्रेनों दानापुर मंडल से होकर गुजरती हैं.
- अकेले पार्सल से 18 प्रतिशत की आय प्राप्त हो रही है.
- दानापुर मंडल में कुल 229 छोटे-बड़े स्टेशन व हाल्ट हैं.
- दानापुर मंडल से 38 प्रतिशत आय का इजाफा हो रहा है.
- 160 मालगाड़ी ट्रेनों का परिचालन दानापुर मंडल हो रहा है.
- दानापुर मंडल में वंदे भारत, तेजस समेत सभी प्रमुख ट्रेनों का परिचालन किया जाता है.
- रोजाना करीब पांच से छह लाख यात्री पैसेंजर ट्रेन व 1.20 लाख यात्री रिजर्वेशन टिकट लेकर सफर करते हैं
यात्री सुविधाओं को ध्यान में रख हो रहा विकास
दीनापुर से दानापुर मंडल तक का सफर हम सभी लोगों के लिए एक गौरव की बात है. आज हम दानापुर मंडल का 100 वर्ष पूरा होने पर शताब्दी समारोह मनाने जा रहे हैं. दानापुर मंडल का इतिहास काफी सराहनीय है. वर्तमान में यात्रियों की सुरक्षा व संरक्षा के साथ सफर सुहाना बनाने में रेलवे लगातार काम कर रहा है. यही वजह है कि दानापुर मंडल में तेजी से विकास कार्य किये जा रहे हैं. वंदे भारत, तेजस राजधानी, संपूर्ण क्रांति, दुरंतो समेत कई प्रमुख ट्रेनों का परिचालन दानापुर मंडल के सबसे बड़े स्टेशन में शामिल पटना जंक्शन से किया जा रहा है. आने वाले समय में दानापुर मंडल की ख्याति और बढ़ने जा रही है, इस दिशा में रेलवे की ओर से तेजी से विकास कार्य किये जा रहे हैं.
- अभिनव सिद्धार्थ, सीनियर डीसीएम, दानापुर मंडल.
प्रभात खबर के लिए आनंद तिवारी की खास पेशकश