मुंगेर : बिहार में कोरोना वायरस संक्रमण से पहली मौत मुंगेर के चुरंबा गांव निवासी एक युवक का पिछले सप्ताह हुआ और लगातार कोरोना संदिग्धों की लिस्ट लंबी होती जा रही है. मुंगेर के जिस युवक की मौत हुई है उससे संक्रमित होकर अबतक सात लोग कोरोना से पॉजिटिव हो चुके हैं, जिसमें मृत युवक के तीन रिश्तेदार व पटना शरनम अस्पताल के चार कर्मचारी शामिल हैं. जबकि, उसके संपर्क में आने वाले 54 लोगों का कोरोना वायरस जांच रिपोर्ट आनी अभी बाकी है.
माना जा रहा है कि सोमवार तक यह रिपोर्ट स्वास्थ्य विभाग को प्राप्त हो जायेगी. इसमें सात मुंगेर के उस नेशनल अस्पताल के हैं, जहां संक्रमित युवक का इलाज हुआ था. मुंगेर आज कोरोना वायरस का डेंजर बन चुका है. बावजूद अबतक सरकार ने मुंगेर में जांच की व्यवस्था तो दूर संदिग्धों के स्वाब कलेक्शन सेंटर तक खोलने की कोई व्यवस्था नहीं की है. मुंगेर के चुरंबा निवासी युवक की मौत भले ही पटना में हुई है.
लेकिन उसके संपर्क में आने वाले अबतक सात पॉजिटिव केस सामने आ चुके हैं. पहला केस तो उस युवक के रिश्ते में चाची और भगीना में पॉजिटिव पाया गया. इसके बाद बिहार में कोरोना की स्थिति भयावह हो गयी. जिस शरनम अस्पताल पटना से उसे रेफर कर एम्स भेजा गया. उस अस्पताल के भी चार स्टाफ में कोरोना वायरस पॉजिटिव पाये गये. हद तो यह है कि शरनम अस्पताल के जिस 20 वर्षीया नर्स ने उसका ब्लड प्रेशर जांच किया था. जांच में वह भी कोरोना पॉजिटिव पायी गयी है.
इधर, उसके एक रिश्तेदार लखीसराय सूर्यगढ़ा की महिला में भी कोरोना पॉजिटिव पाया गया है. मृतक युवक की कोरोना चेन का दायरा जिस तरह से बढ़ता जा रहा है कि आमलोग परेशान हैं. क्योंकि वह मुंगेर प्रवास के दौरान चार दिनों में न जाने कितने लोगों से कितने जिलों में जाकर मुलाकात कर लिया था. सूत्रों की माने तो वह पूर्णिया के एक एसएसबी के जवान के संपर्क में भी आया और उस एसएसबी जवान को कोरोना वायरस जांच के लिए भागलपुर स्थित जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल भेजा गया है.
वहीं, मृतक युवक के चेन बढ़ने के कारण मुंगेर कोरोना वायरस संक्रमण को लेकर हाई रिस्क जोन में शामिल हो गया है. लेकिन, अबतक संदिग्धों के लिए कलेक्शन सेंटर तक की सुविधा नहीं की है. संदिग्धों को जांच के लिए भागलपुर भेजा जाता है या भागलपुर से टीम मुंगेर पहुंच कर संदिग्धों का स्वाब जांच के लिए कलेक्शन करते हैं. जबकि यहां जांच के साथ ही कलेक्शन सेंटर खोलने की जरूरत आन पड़ी है. क्योंकि, उसके संपर्क में रहने वाले मुंगेर में सर्वाधिक संख्या में है.
घर लौटने की बेबसी : भलजोर बॉर्डर पर उमड़े लोग
बौंसी (बांका). कोलकाता सहित अन्य राज्यों में कार्य कर रहे मजदूरों का बिहार लौटना लगातार जारी है. इसी कड़ी में रविवार को भी भारी संख्या में बिहार के विभिन्न जिलों के लोग अंतरराज्यीय सीमा भलजोर बॉर्डर के रास्ते बिहार में प्रवेश करते देखे गये. सूचना मिलने के साथ डीएम और एसपी द्वारा अब तक दो बार चेकपोस्ट पर जाकर भीड़ का जायजा लिया गया. बताया गया कि सुबह के तीन बजे से ही ट्रकों, पिकअप वाहनों सहित अन्य गाड़ियों पर लोगों का आना शुरू हो गया था, जो देर शाम तक जारी रहा.
जिला प्रशासन के आदेश पर सभी गाड़ियों को चेक पोस्ट पर ही रोक दिया गया और सभी लोगों की थर्मल स्क्रीनिंग की गयी. बताया जा रहा है कि हजारों लोगों की भीड़ चेक पोस्ट पर मौजूद थी. भलजोर चेकपोस्ट से झारखंड के सात किलोमीटर अंदर तक वाहनों और लोगों की लंबी कतार लगी हुई थी. डीएम ने बाहर से आने वाले लोगों का बारी-बारी से थर्मल स्क्रीनिंग करने का सख्त निर्देश दिया. इसके बाद लोगों के हाथों में होम क्वारंटीन की मुहर भी लगायी गयी.
भोजन के पड़े लाले, तो 11 मजदूर नेपाल से नदी की धार के सहारे पहुंचे परिहार
परिहार (सीतामढ़ी). यूपी, झारखंड व मोतिहारी के दर्जन भर मजदूर नदी के पानी की धार के सहारे परिहार में पहुंचे हैं. सभी मजदूर नेपाल से नदी के रास्ते प्रखंड के मझौड़ा गांव पहुंचे. वहां से अपने-अपने घरों को चले. तभी इसकी खबर मुखिया वीरेंद्र मंडल को लगी. सूचना पर तुरंत मेडिकल टीम पहुंची और मजदूरों की जांच की. सभी को निगेटिव पाया गया.
मजदूरों ने बताया कि नेपाल के बद्रीबास में जांधाकोला नदी पर रेलवे ओवरब्रिज बन रहा है. उसी के निर्माण में सभी काम करते हैं. जैसे ही लॉकडाउन की घोषणा हुई, ठेकेदार काम छोड़कर भाग गया. वहां तीन दिन से भूखे-प्यासे थे. जब खाने का कोई सामान नहीं बचा, तो सभी शनिवार की देर रात वहां से नदी के धार के सहारे अपने जीवन की नैया को पार करते भारतीय सीमा में रविवार की दोपहर पहुंचे.
375 किलोमीटर चलकर जमालपुर पहुंचे 11 लड़के
जमालपुर (मुंगेर). कुछ लड़के पिछले एक सप्ताह से चलकर रविवार को जमालपुर पहुंचे, जहां स्थानीय नेताओं ने बिस्कुट व पानी उपलब्ध कराया. इन युवकों ने बताया कि वे लोग पिछले सोमवार को ही मुगलसराय से कोई वाहन उपलब्ध नहीं होने पर पैदल ही सुल्तानगंज के लिए निकले थे.
उनके दल में 11 लड़के शामिल थे. उन लोगों ने बताया कि वे लोग जब मुगलसराय से सुल्तानगंज के लिए रवाना हुए, तो पटना से आगे निकलने पर उन्हें एक जगह कुछ लोगों ने खाने-पीने की कुछ सामग्री दी. इसके बाद से वे लोग सड़क मार्ग से ही लखीसराय, किऊल और कजरा, धरहरा के रास्ते जमालपुर पहुंचे थे. उन लोगों ने बताया कि उनके पास पर्याप्त पैसे भी नहीं हैं, ताकि रास्ते में कुछ खा पी सकें.
गोरखपुर से साइकिल चलाकर 18 घंटे में मधुबन पहुंचे छह मजदूर
मधुबन (पूर्वी चंपारण). शनिवार की शाम करीब 6.30 बजे छह मजदूरों का जत्था साइकिल से ही गोरखपुर से मधुबन पहुंचा. इनमें वाजितपुर पंचायत के वार्ड नंबर आठ के वार्ड सदस्य के पति सुनील जायसवाल भी शामिल थे. मधुबन पहुंचे सभी मजदूर अपना मेडिकल चेकअप कराने के लिए सबसे पहले सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे, जहां मौजूद चिकित्सक ने सभी मजदूरों का लक्षण देखकर घर जाने व 14 दिनों तक आइसोलेशन में रहने की हिदायत दी. मजदूरों के जत्थे में मधुबन प्रखंड के अलावा तेतरिया व एक मुजफ्फरपुर का भी व्यक्ति शामिल है. इनमें एक 15 वर्ष का किशोर भी था.
गोरखपुर से मधुबन के बहुआराभान गांव के बासुलोचन चौधरी का 39 वर्षीय पुत्र लालकिशोर चौधरी, मुजफ्फरपुर जिले के बसौली नन्हकार गांव के रामचंद्र साह का 19 वर्षीय पुत्र अजीत कुमार, तेतरिया प्रखंड के मधुआहांवृत गांव का सुजीत कुमार, भोला साह के अलावा जुबराती का 15 वर्षीय पुत्र रोजादीन शामिल है. रोजाद्दीन को साइकिल पीछे बैठाकर पहुंचे थे. सभी छह लोगों ने रात के करीब एक बजे गोरखपुर से निकल पड़े, जो एनएच होकर ही आये. सभी रास्ते में रुकते व ठहरते हुए शाम में करीब 6:30 बजे मधुबन पहुंचे जो खुद ही अपना चेकअप कराने पहुंचे. चिकित्सक ने बताया कि इनके अंदर अभी कोरोना का लक्षण नहीं है. यात्रा करके आये हैं. घर में अकेले या पंचायत में बने आइसोलेशन केंद्र में रहने की सलाह दी गयी है.
बांका : कोरोना संदिग्ध की मौत से मचा हड़कंप
बांका. सदर अस्पताल में शनिवार की देर रात कोरोना वायरस के संदिग्ध एक मरीज की मौत हो गयी. इसके बाद से सदर अस्पताल में हड़कंप मचा है. चिकित्सक व स्वास्थ्यकर्मी कुछ देर के लिए दहशत में आ गये. यहां तक की लंबे समय तक कोई शव छूने को राजी नहीं थे.
हालांकि, रविवार को शव परिजन को सौंप दिया गया. वहीं, दूसरी ओर स्वास्थ्य विभाग ने मृतक के गले व नाक से सैंपल लेकर कोरोना जांच के लिए आरएमआइ पटना भेज दिया है. एक सप्ताह के अंदर यह रिपोर्ट आने के बाद ही साफ होगा कि इस मरीज की मौत कोरोना वायरस से हुई है या अन्य बीमारी की वजह से. बहरहाल, कथित कोरोना वायरस संदिग्ध की पहली मौत के बाद से पूरा इलाका सन्न है. जानकारी के मुताबिक संदिग्ध मृतक 42 वर्ष का था, जो पंजवारा थाने के एक गांव का निवासी था. वह पिछले कई दिन से सदर थाने के गोवाबखार स्थित ससुराल में रहकर इलाज करा रहा था.
सूर्यगढ़ा : महिला के पॉजिटिव मिलने से दहशत
सूर्यगढ़ा (लखीसराय). स्थानीय एक महिला का सैंपल कोरोना पॉजिटिव पाये जाने के बाद से क्षेत्र में भय का माहौल है. जानकारी के मुताबिक सात दिन पूर्व रविवार को पटना के एम्स में मुंगेर निवासी कोरोना संक्रमित एक मरीज की मौत के बाद सूर्यगढ़ा क्षेत्र के लोगों की निगाह सूर्यगढ़ा अस्पताल चौक काजी टोला निवासी उनके रिश्तेदारों पर टिकी है.