पटना. बिहार सरकार ने दरभंगा जिले के शोभन बाइपास में बिहार के दूसरे एम्स के निर्माण का नया प्रस्ताव गुरुवार को केंद्र सरकार को सौंप दिया गया. स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत राज्य सरकार के नये प्रस्ताव को लेकर दिल्ली गये थे, जहां उन्होंने केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के सचिव सुधांश पंत को सौंपा है. नये प्रस्ताव में राज्य सरकार ने केंद्र सरकार की सभी आवश्यक शर्तों को स्वीकार कर लिया है. इसमें दरभंगा एम्स को फोरलेन की कनेक्टिविटी से जोड़ा जाना है. साथ ही यहां पर जमीन का समतलीकरण कर बिजली और पानी की आपूर्ति बहाल की जानी है. केंद्र सरकार से यह भी अनुरोध किया गया है कि वह दरभंगा में नयी डिजाइन का एम्स निर्माण करावे जो स्थानीय जरूरतों को पूरा करे.
बिहार स्वास्थ्य एवं आधारभूत संरचना निगम लिमिटेड को सौंपी जिम्मेदारी
राज्य सरकार ने दरभंगा एम्स के निर्माण को लेकर पहले से ही जमीन के अधिग्रहण करने की कार्रवाई की है. एम्स निर्माण के लिए फिलहाल 189 एकड़ जमीन चिह्नित की गयी है. इस जमीन की भराई, समतलीकरण और चहारदीवारी के निर्माण के लिए राज्य सरकार ने 309 करोड़ की स्वीकृति अप्रैल में ही कर दी थी. मालूम हो कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जनवरी 2023 में अपनी समाधान यात्रा के दौरान चिह्नित की गयी भूमि का स्थल निरीक्षण किया था. मार्च 2023 में कैबिनेट से इस भूखंड को एम्स निर्माण की स्वीकृति दी गयी थी. शोभन में स्वीकृत की गयी जमीन आमस-दरभंगा फोरलेन से पांच किलोमीटर दूर है. ऐसे में यहां मरीज बिना किसी जाम में फंसे आसानी से पहुंच सकते हैं. राज्य सरकार ने इस जमीन की भराई और चाहरदीवारी निर्माण की जिम्मेदारी बिहार स्वास्थ्य एवं आधारभूत संरचना निगम लिमिटेड को सौंपी है.
पूरे उत्तर बिहार को होगा दरभंगा में एम्स बनने से लाभ
दरभंगा में एम्स निर्माण को लेकर नीतीश सरकार के मंत्री और बिहार के कद्दावर नेता संजय झा ने पिछले दिनों पत्रकारों से बात करते हुए साफ तौर पर कहा था कि दरभंगा में एम्स बनेगा तो इससे केवल दरभंगा के लोगों को लाभ नहीं होगा, संपूर्ण मिथिला और संपूर्ण उत्तर बिहार के साथ-साथ नेपाल तक से लोग वहां आकर इलाज करवाएंगे. संजय कुमार झा ने दरभंगा एम्स से जुड़े घटनाक्रम की विस्तार बताते हुए कहा था कि स्वास्थ्य विभाग, बिहार सरकार ने 3 अप्रैल 2023 को लिखे पत्र के जरिये केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय से अनुरोध किया गया था कि दरभंगा एम्स के लिए बहादुरपुर अंचल में शोभन-एकमी बाईपास के निकट नि:शुल्क आवंटित 151.17 एकड़ भूमि पर एम्स निर्माण की स्वीकृति दें. बिहार सरकार की ओर से गये इस प्रताव के जवाब में सचिव, केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने 12 अप्रैल 2023 के अपने पत्र में कहा, उनका मंत्रालय राज्य सरकार द्वारा ऑफर की गई भूमि पर एम्स के निर्माण के संबंध में कोई भी निर्णय लेने से पहले मंत्रालय द्वारा गठित केंद्रीय टीम के जरिये जमीन का आकलन करवायेगी कि वह एम्स निर्माण के लिए उपयुक्त है या नहीं. टीम के गठन और उसके दरभंगा भ्रमण के बारे में सूचना दे दी जायेगी.
केंद्र ने इन कारणों से जमीन को कर दिया था खारिज
संजय झा ने कहा कि इसके बाद सचिव, केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने 26 मई 2023 के अपने पत्र के माध्यम से बताया कि मंत्रालय की एक टीम ने दरभंगा एम्स के लिए प्रस्तावित भूमि का 24 अप्रैल 2023 को स्थल निरीक्षण किया. टीम ने उक्त भूमि को विभिन्न कारणों से एम्स निर्माण के लिए अनुपयुक्त पाया है. इनमें प्रमुख कारण हैं- प्रस्तावित भूमि लो लैंड है. उसमें कई छोटे-बड़े गड्ढे हैं. प्रस्तावित भूमि में बड़े पैमाने पर मिट्टी भराई की आवश्यकता होगी, जो शायद दरभंगा के आसपास मिल पाना संभव नहीं होगा. साथ ही इससे प्रोजेक्ट की लागत काफी बढ़ जाएगी. मिट्टी भर कर एम्स का निर्माण कराने पर उसके ढांचे के स्थायित्व को गंभीर खतरा रहेगा. मिट्टी भराने के बाद भूमि विकास तकनीक से उसकी उपयोगिता की जांच करानी पड़ेगी, इससे भी लागत में वृद्धि होगी. उक्त कारणों से उनके मंत्रालय ने बिहार सरकार द्वारा प्रस्तावित भूमि को एम्स निर्माण के लिए अनुपयुक्त पाया है. इसलिए उनका मंत्रालय राज्य सरकार से अनुरोध कर रहा है कि किसी अन्य उपयुक्त भूमि का प्रस्ताव भेजे.
सभी प्रकार से उपयुक्त है दरभंगा में आवंटित जमीन
मंत्री संजय झा ने कहा कि केंद्र के उक्त पत्र का बिहार सरकार की तरफ से उपमुख्यमंत्री सह स्वास्थ्य मंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव ने अपने पत्र 22 जून 2023 के माध्यम से विस्तृत जवाब दिया. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मांडविया को संबोधित उक्त पत्र में बताया गया कि दरभंगा एम्स के लिए नि:शुल्क आवंटित भूमि पर मिट्टी भराई, समतलीकरण एवं चहारदीवारी निर्माण के लिए राज्य सरकार द्वारा अलग से 309 करोड़ रुपये की मंजूरी दी जा चुकी है तथा इसकी निविदा प्रक्रियाधीन है. प्रस्तावित संपूर्ण भूखंड (सरकारी एवं रैयती) ग्रीनफील्ड एरिया है. उक्त भूमि ईस्ट-वेस्ट कॉरिडोर से करीब तीन किलोमीटर, दरभंगा शहर से करीब 5 किलोमीटर और दरभंगा हवाई अड्डा से करीब 10 किलोमीटर की दूरी पर है. इससे वहां मरीजों का आवागमन सुगम होगा. अत: जनहित में उक्त भूमि के प्रस्ताव को स्वीकृत किया जाना सर्वथा उपयुक्त होगा. इस पर केंद्र सरकार से कोई जवाब नहीं मिलने पर उपमुख्यमंत्री सह स्वास्थ्य मंत्री ने 14 अगस्त 2023 को फिर एक रिमाइंडर लिखा. पुन: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मांडविया को संबोधित पत्र में कहा गया है कि 22 जून 2023 को लिखे गये पत्र का उत्तर अप्राप्त है. इसके बाद केंद्र सरकार की ओर से पत्र आया, जिसमें केंद्र ने जिन शर्तों का जिक्र किया है उसे बिहार सरकार ने स्वीकार कर लिया है.