Darbhanga AIIMS : आखिरकार लंबे सयय बाद ही सही बिहार को दरभंगा एम्स के रूप में अपना दूसरा एम्स मिलने जा रहा है. पिछले दिनों बिहार सरकार के स्वास्थय मंत्री मंगल पांडे की मौजूदगी में नीतीश सरकार ने केंद्र सरकार को शहर में 188 एकड़ भूमि सौंप दी. जमीन मिलते ही केंद्र सरकार ने इस परियोजना के निर्माण का जिम्मा एनबीसीसी लि. की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी एचएससीसी इंडिया लिमिटेड सौंप दिया है. इसके लिए मोदी सरकार ने फिलहाल 1261 करोड़ रुपये का बजट भी जारी कर दिया है.
36 महीने में पूरा होगा निर्माण कार्य
राज्य सरकार द्वारा जमीन उपलब्ध कराए जाने के बाद से ही एम्स के निर्माण कार्य में तेजी देखी जा रही है. निर्माण कार्य का जिम्मा मिलने के बाद कंपनी की तरफ से बताया गया कि एम्स निर्माण के पहले चरण में आवंटित जमीन में से 2.25 लाख वर्ग मीटर से अधिक क्षेत्र में एम्स के भवनों का निर्माण होगा. इस पूरी परियोजना को 36 महीने यानी तीन वर्ष में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है. वहीं, स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक दरभंगा एम्स को अत्याधुनिक स्वास्थ्य देखभाल संस्थान के रूप में विकसित किया जाएगा. इसका लक्ष्य राज्य के लोगों को कम पैसे में बेहतर स्वास्थय सेवा देना है.
दरभंगा एम्स में इन चीजों का भी होगा निर्माण
साल 2019 में घोषित एम्स दरभंगा में सुसज्जित देखभाल अस्पताल, एक मेडिकल कालेज, एक आयुष अस्पताल, तथा डाक्टरों और कर्मचारियों के आवास के साथ ही अध्ययन करने वाले छात्रों के लिए हास्टल का निर्माण भी होगा. विभाग के अनुसार एम्स दरभंगा भारत सरकार की संपूर्ण देश में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थानों का नेटवर्क स्थापित करने वाली पहल का हिस्सा है.
इन जिलों के लोगों को मिलेगा सीधा फायदा
बता दें कि दरभंगा में एम्स के निर्माण के बाद यह राज्य में एक प्रमुख चिकित्सा संस्थान के रूप में कार्य करेगा. इसके साथ ही सीतामढ़ी, मधुबनी, समस्तीपुर और मुजफ्फरपुर में रहने वाले लोगों को इसका सीधा फायदा होगा और बेहतर इलाज के लिए उन्हें बड़ें शहरों का रूख नहीं करना पड़ेगा.