वक्त के साथ बदलाव की गतिशीलता आदमी-समाज की तरक्की का पैमाना भी होती है. बिहार के अनेक क्षेत्रों में बदलाव हुए हैं. सड़कों की हालत अच्छी हुई है, इसका प्रभाव भी दिख रहा है. गांवों तक बिजली पहुंची ही नहीं, बल्कि रह भी रही है. राज्य के प्रमुख जिला मुख्यालयों को हवाई मार्ग से जोड़ने का काम भी शुरू हो गया है. दरभंगा एयरपोर्ट व्यावसायिक उड़ान के मामले में रिकॉर्ड बना रहा है. इन बदलावों पर पढ़िए दरभंगा से लौट कर राजदेव पांडेय की ग्राउंड रिपोर्ट.
लोगों ने शायद पहले सोचा भी नहीं होगा कि दरभंगा जैसे छोटे शहर से हवाई सेवा शुरू हो सकती है. अगर शुरू होगी भी, तो सवारी नहीं मिल पायेगी. ऐसे सारे अनुमान अब हवा हो गये. दरभंगा से उड़ान शुरू ही नहीं हुई, बल्कि चल निकली. इसका असर यह हुआ कि दरभंगा अंचल के कारोबार में कम-से-कम 80 से 100 करोड़ रुपये प्रति माह का इजाफा हो गया. ऐसा आवागमन तेज और आसान होने की वजह से हुआ है. इस तरह स्थानीय व्यापार में सालाना 1200 करोड़ तक की बढ़ोतरी संभावित है.
व्यापार की बढ़ोतरी की दर 15-20 प्रतिशत तक आंकी जा रही है. व्यापार विशेषज्ञों के मुताबिक हवाई सुविधा शुरू होने से पटना, भागलपुर और मुजफ्फरपुर के बाद अब दरभंगा प्रदेश का बड़ा ट्रेड हब के रूप में विकसित होने की राह पर है. जानकारों के मुताबिक दरभंगा की अर्थव्यवस्था उपभोग आधारित है. बाजार में इतना पैसा आने से न केवल रोजगार में इजाफा होगा, बल्कि उद्यमियों के पास निवेश योग्य पूंजी भी आयेगी.
व्यापार में दर्ज किये गये इजाफे में सबसे बड़ी भागीदारी मशीनरी और वस्त्र व्यापार से संबंधित है. शेष क्षेत्रों में अभी सीमित इजाफा हुआ है. प्रदेश में भागलपुर सिल्क और सूत्री वस्त्र के कारोबार का सबसे बड़ा सेंटर मुजफ्फरपुर है. दरभंगा तीसरे बड़े व्यापारिक सेंटर के रूप में पहचान बनाने जा रहा है. दरअसल, दरभंगा इन दोनों शहरों के व्यापार को हवाई रूट दे रहा है. प्रदेश की आर्थिक तरक्की में अब संतुलित विकास हो सकेगा.
दरभंगा एयरपोर्ट पर कॉमर्शियल फ्लाइट चालू होने के बाद से अब तक चार लाख से अधिक यात्री हवाई सफर कर चुके हैं. इनमें से 33% लोग वे युवक हैं, जो रोजी-रोटी के लिए जाने के लिए फ्लाइट पकड़ते हैं. यात्रियों से की गयी बातचीत पर आधारित आकलन के मुताबिक हर दूसरा युवक पहली बार घर से निकला है.
इस तरह करीब सवा लाख युवकों में करीब 50% युवक पहली बार रोजी-रोटी कमाने गये हैं. अगर पहली बार कमाने गये युवक हर माह अपने घर पांच हजार रुपये भी भेजते हैं, तो माह में 30 करोड़ और साल में 3.60 अरब रुपये लोगों के घरों में पहुंचेंगे.
दरभंगा से हवाई सेवा चालू हो जाने से मिथिला क्षेत्र के प्रसिद्ध उत्पादों को बड़ा बाजार मिलने की शुरुआत हो गयी है. उदाहरण के लिए मुजफ्फरपुर की शाही लीची के पहले मौसम में दरभंगा हवाई अड्डे से इस साल 35 टन शाही लीची दिल्ली, मुंबई, अहमदाबाद और बेंगलुरु भेजी गयी. दरभंगा एयरपोर्ट अथॉरिटी के मुताबिक जैसे ही कार्गो की अतिरिक्त सुविधा मिलती है, दरभंगा की प्रसिद्ध मछली और ताराबाई पान को भी देश-विदेश का नया बाजारा मिलेगा. इससे सीधे तौर पर दरभंगा अंचल के हजारों परिवारों की आर्थिक आय में इजाफा होगा.
दरभंगा के लिए हवाई उड़ान समूचे मिथिलांचल में चिकित्सीय सुविधा देने के लिहाज से खास साबित हुई है. दिल्ली और गुरुग्राम से नामी-गिरामी चिकित्सक दरभंगा आ रहे हैं. अभी उनकी आवाजाही माह में एक बार हो रही है. हालांकि, कुछ एक निजी चिकित्सा संस्थानों में वह माह में दो बार आ रहे हैं. मरीजों को कठिन रोगों का बेहतर इलाज अपने शहर में मिल पा रहा है.
उदाहरण के तौर पर सुनीता नाम की महिला का पटना के एक प्रतिष्ठित संस्थान में कैंसर का इलाज चल रहा था. हालात बिगड़ी तो दरभंगा में स्थानीय चिकित्सक की राय पर गुडगांव से आये कैंसर चिकित्सक ने उसका परीक्षण किया, तो पता चला कि मामला कैंसर का नहीं, बल्कि टीवी का है. दरभंगा के चिकित्सक डॉ मृदुल कुमार शुक्ला बताते हैं कि कठिन रोगों में परामर्श के लिए बाहरी चिकित्सक को अब बुलाना आसान हो गया है.
हवाई सेवा शुरू के बाद सिटी ट्रांसपोर्ट विशेषकर टैक्सी सेवाओं में करीब 300% की बढ़ोतरी हुई है. स्थानीय स्तर पर टैक्सी सेवा देने वाले छोटे-छोटे ब्रांड सामने आये हैं. सबसे ज्यादा रोजगार इसी सेक्टर में सामने आया है. यहां स्टैंडर्ड होटल खोलने के लिए भी आवेदन भी आये हैं. दरभंगा हवाई अड्डे करीब 80% कर्मचारी स्थानीय ही हैं. एयर हॉस्टेस भी स्थानीय हैं.
डिवीजनल चैंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष और दरभंगा एयरपोर्ट एडवाइजरी कमेटी के नामित सदस्य पवन कुमार सुरेका ने कहा कि हवाई सेवा मिलने से कपड़ा,मशीनरी आदि सेक्टर में 80 करोड़ से अधिक का कारोबार बढ़ा है. दरभंगा में टैक्सी व होटल इंडस्ट्रीज में बढ़ोतरी तय है. दरभंगा व मुजफ्फरपुर के कारोबारी अब बिना किसी मध्यस्थ के कपड़ा व्यापार के लिए गुजरात और मशीनरी उत्पाद के लिए पंजाब और दिल्ली जाते हैं.
दरभंगा एयरपोर्ट अथॉरिटी के निदेशक मनीष कुमार ने कहा कि एयरपोर्ट शुरू होने के बाद इलाके की आर्थिक तरक्की तय है. नयी राह खुल रही है. इस साल हमने 35 टन लीची विभिन्न शहरों को भेजी है. बहुत जल्द कार्गो सेवा का विस्तार करने जा रहे हैं. इससे दरभंगा की खास पहचान मछली व पान को भी बाहर भेज सकेंगे. धनिया बेंगलुरु से आ रहा है. यहां से पूरे बिहार जाता है.
Posted by Ashish Jha