Darbhanga Airport : किराया आसमान में, विमान जमीन पर, केंद्र सरकार की बेरुखी से मंत्री संजय झा नाराज
दरभंगा एयरपोर्ट की लगातार हो रही उपेक्षा पर उन्होंने नाराजगी जतायी है. उन्होंने इसे लेकर केंद्र सरकार पर कई सवाल उठाये हैं. सोशल मीडिया पर लिखे पोस्ट में उन्होंने एक बार फिर दरभंगा एयरपोर्ट का मामला उठाया है. उन्होंने लिखा है कि यह दरभंगा एयरपोर्ट है.
पटना. दरभंगा एयरपोर्ट की कुव्यवस्था को लेकर बिहार सरकार के कैबिनेट में मंत्री संजय झा ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा है. दरभंगा एयरपोर्ट की लगातार हो रही उपेक्षा पर उन्होंने नाराजगी जतायी है. उन्होंने इसे लेकर केंद्र सरकार पर कई सवाल उठाये हैं. सोशल मीडिया पर लिखे पोस्ट में उन्होंने एक बार फिर दरभंगा एयरपोर्ट का मामला उठाया है. उन्होंने लिखा है कि यह दरभंगा एयरपोर्ट है. यहां किराया आसमान में उड़ता है, विमान जमीन पर कोहरा छंटने का इंतजार करते हैं.
कार्य में तेजी लाने का कर चुके हैं कई बार अनुरोध
नीतीश कुमार के बेहद करीबी माने जानेवाले जदयू नेता संजय झा ने आगे लिखा कि मैंने 3 अक्टूबर 2022 को नई दिल्ली में केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया से मुलाकात कर उन्हें बताया था कि दरभंगा एयरपोर्ट पर नाइट लैंडिंग फेसिलिटी की स्थापना और सिविल इन्क्लेव के निर्माण के लिए जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया तेजी से चल रही है. साथ ही अनुरोध किया उक्त सुविधाओं के लिए टेंडर प्रक्रिया एवं अन्य तैयारियां अविलंब शुरू कराएं, ताकि राज्य सरकार द्वारा अधिग्रहीत जमीन के हस्तांतरण के बाद निर्माण कार्य में विलंब न हो.
जमीन सौंपने के बाद भी नहीं हो रहा कोई काम
संजय झा ने सिंधिया को बताया कि राज्य सरकार ने 342 करोड़ रुपये से अधिक खर्च कर अधिग्रहित करीब 78 एकड़ जमीन दो किस्तों में एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया को महीनों पहले सौंप दी है. संजय झा ने कहा कि बिहार सरकार ने एयरपोर्ट के विकास के लिए मांगी गयी जमीन सौंप दी है, लेकिन कई माह बीत जाने के बावजूद अब तक टेंडर प्रक्रिया तक पूरा नहीं किया गया है. दरभंगा एयरपोर्ट पर लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. फ्लाइट में देरी के चलते लोगों को काफी देर तक एयरपोर्ट पर ही इंतजार करना पड़ रहा है. अब इसी समस्या को लेकर मंत्री संजय झा केंद्र पर सवाल उठाए हैं.
नाइट लैंडिंग फेसिलिटी में देरी पर जताया दुख
उन्होंने अनुरोध किया है कि उक्त सुविधाओं के लिए टेंडर प्रक्रिया एवं अन्य तैयारियां अविलंब शुरू कराएं, ताकि राज्य सरकार द्वारा अधिग्रहित जमीन के हस्तांतरण के बाद निर्माण कार्य में विलंब न हो. उन्होंने लिखा है कि हमलोगों को उम्मीद थी कि कम-से-कम नाइट लैंडिंग फेसिलिटी की स्थापना वर्ष 2023 में कोहरे का सीजन शुरू होने से पहले कर दी जाएगी, लेकिन, दरभंगा एयरपोर्ट से यात्रा करने वाले हवाई यात्रियों पर कोहरे का कहर वर्ष 2024 में भी जारी है. आखिर कब तक?
किराये की यह उड़ान आखिर कब तक
जेडीयू नेता व बिहार के मंत्री संजय झा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पहले भी किराये के मुद्दे पर केंद्र सरकार को घेरते रहे हैं. पिछले दिनों भी उन्होंने लिखा था कि एक साथी को कल ही दरभंगा से दिल्ली पहुंचना जरूरी है, लेकिन कल की फ्लाइट का किराया 27 हजार से 34 हजार रुपये के बीच है. ऐसे तो दरभंगा से चप्पल वाला क्या, सूट-बूट वाला भी उड़ान नहीं भर पायेगा. उड़ान स्कीम के एयरपोर्ट से किराये की यह उड़ान आखिर कब तक? एक्स पर लिखे इस टिप्पणी के साथ उन्होंने नागर विमानन मंत्रालय, एएआई और दरभंगा एयरपोर्ट को भी टैग किया था.
दिवाली के समय भी उठाया था किराये का मसला
संजय झा ने इससे पूर्व भी महंगे विमान सेवाओं को लेकर टिप्पणी की थी. इसे लेकर वे नागरिक विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया से भी मिल चुके हैं. एएआई से विमान किराये की अधिकतम सीमा तय करने का अनुरोध भी कर चुके हैं, लेकिन छठ महापर्व के बाद विमान का किराया इतना बढ़ गया है कि आम लोग हवाई जहाज पर चढ़ने से परहेज कर रहे हैं, जबकि पीएम मोदी ने कहा था कि ऐसी व्यवस्था की गयी है कि अब चप्पल वाला भी हवाई सफर करेगा.
कम हो गयी है लोगों की आवाजाही
ताजा स्थिति यह है कि दरभंगा से दिल्ली का किराया 29 नवंबर की तिथि में 14274 और 15534 रुपये है. 30 नंबर को 12070 और 13120 रुपया किराया दरभंगा से दिल्ली का है. फ्लाइट का किराया बढ़ने से लोगों की आवाजाही भी कम हो गयी है. पहले दरभंगा एयरपोर्ट पर जितने यात्री आते थे, उसमें अब कमी आ गयी है. किराया बढ़ने के कारण लोग अब ट्रेन से ही दिल्ली जाना मुनासिब समझ रहे हैं. पिछले दिनों जब संजय झा ने इस मुद्दे को उठाया था तो एक दो दिन विमानन कंपनी ने किराया जरुर कम किया, लेकिन जैसे ही मामला ठंडा पड़ा हवाई किराया एक बार फिर आसमान पर चला गया.