Darbhanga Airport News: बिहार के दरभंगा एयरपोर्ट पर मंगलवार को सारी उड़ानें रद्द कर दी गयीं. प्रदेश के कई जिले कोहरे की मार बीते कुछ दिनों से झेल रहे हैं. कोहरे के कारण ट्रेन और विमान सेवा चरमरायी हुई है. दरभंगा एयरपोर्ट पर बीते कुछ दिनों से कई विमानों को कैंसिल किया जा रहा है. मंगलवार को यहां से एक भी फ्लाइट को उड़ान भरने की अनुमति नहीं मिल सकी. जिसके बाद यात्रियों की परेशानी बढ़ी रही. वहीं अब दरभंगा एयरपोर्ट पर इंस्ट्रुमेंट लैंडिंग सिस्टम (ILS) की मांग तेज हो गयी है. वहीं बिहार सरकार के मंत्री संजय झा ने दरभंगा एयरपोर्ट पर नाइट लैंडिंग फेसिलिटी की मांग करते हुए केंद्र सरकार को घेरा है.
मंगलवार को दरभंगा एयरपोर्ट पर विजिबलिटी काफी कम रहने के कारण सभी उड़ानें रद्द कर दिया गया. एयरपोर्ट अथॉरिटी ने घना कोहरा और लो विजिबिलिटी के कारण उड़ानों को रद्द करने की बात कही. वहीं दूर-दराज से पटना एयरपोर्ट पहुंचे यात्रियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा. शहर में ट्रक-बस ड्राइवरों की हड़ताल के बीच ये यात्री किसी तरह एयरपोर्ट तक पहुंचे थे लेकिन अचानक इन्हें जानकारी मिली कि विमान को कैंसिल कर दिया गया. जिससे इनकी परेशानी बढ़ी रही.
दरभंगा एयरपोर्ट पर अब इंस्ट्रुमेंट लैंडिंग सिस्टम (ILS) की मांग तेज हो गयी है. यात्रियों ने कहा कि दरभंगा एयरपोर्ट से उड़ाने तीन साल पहले से रवाना हो रही हैं. लेकिन आज भी खराब मौसम का हवाला देकर विमानों को रद्द कर दिया जाता है. आखिर अभीतक यहां आइएलएस क्यों नहीं है. यात्रियों की शिकायत रही कि वो मोटी रकम देकर टिकट बुक कराते हैं. उन्हें समय की बचत चाहिए होती है इसलिए फ्लाइट की टिकट लेते हैं. लेकिन इस तरह अगर विमान कैंसिल कर दिया जाता है तो वो ठगा महसूस करते हैं.
Also Read: PHOTOS: मंत्री-सांसद भी थे सवार और फ्लाइट में आयी समस्या, देखिए पटना एयरपोर्ट पर कैसे हुई इमरजेंसी लैंडिंगबता दें कि इंस्ट्रुमेंट लैंडिंग सिस्टम (ILS) एक सटीक रेडियो नेविगेशन सिस्टम है. यह खराब मौसम या रात में विमानों को रनवे तक पहुंचने के लिए मददगार साबित होता है. कम दूरी का मार्गदर्शन इस दौरान यह देता है. आईएलएस सामान्य विमानन पायलटों को कम से कम 800 मीटर दृश्यता और जमीन से 200 फीट (61 मीटर) ऊपर आने तक आने की अनुमति देता है. बता दें कि लो विजिबिलिटी की समस्या का निदान हाल में देवघर एयरपोर्ट के लिए निकाला गया. यहां स्पेशल वीएफआर परिचालन पहली बार कॉमर्शियल उड़ानों के लिए शुरू कर दिया गया. यहां नाइट लैंडिंग की सुविधा शुरू होने वाली है.
इधर, दरभंगा एयरपोर्ट पर विमानों के रद्द होने पर सूचना एवं जनसंपर्क सह जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा ने बुधवार को अपने एक्स हैंडल पर लिखा है कि यह दरभंगा एयरपोर्ट है. यहां किराया आसमान में उड़ता है, विमान जमीन पर कोहरा छंटने का इंतजार करते हैं. उन्होंने लिखा है कि मैंने तीन अक्तूबर , 2022 को नयी दिल्ली में केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री से मुलाकात की थी. उन्हें बताया था कि दरभंगा एयरपोर्ट पर नाइट लैंडिंग फेसिलिटी की स्थापना और सिविल इन्क्लेव के निर्माण के लिए जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया तेजी से चल रही है. साथ ही अनुरोध किया कि उक्त सुविधाओं के लिए टेंडर प्रक्रिया और अन्य तैयारियां अविलंब शुरू कराएं, ताकि राज्य सरकार द्वारा अधिग्रहीत जमीन के हस्तांतरण के बाद निर्माण कार्य में विलंब नहीं हो.
संजय झा ने लिखा कि बिहार सरकार ने 342 करोड़ रुपये से अधिक खर्च कर अधिग्रहीत करीब 78 एकड़ जमीन दो किस्तों में एयरपोर्ट ऑथोरिटी ऑफ इंडिया को महीनों पहले सौंप दी है. हमलोगों को उम्मीद थी कि कम-से-कम नाइट लैंडिंग फेसिलिटी की स्थापना वर्ष 2023 में कोहरे का सीजन शुरू होने से पहले कर दी जायेगी. दरभंगा एयरपोर्ट से यात्रा करने वाले हवाई यात्रियों पर कोहरे का कहर वर्ष 2024 में भी जारी है. आखिर कब तक?