राजदेव पांडेय,पटना. ऑल इंडिया हायर एजुकेशन की हालिया एक रिपोर्ट के मुताबिक बिहार में शिक्षण संस्थाओं की असल संख्या 916 हो गयी है. हालांकि इनमें से 57 फीसदी उच्च शिक्षण संस्थान केवल 10 जिलों में हैं. यही नहीं प्रदेश के उच्च शिक्षण संस्थानों में नामांकित होने वाले करीब 16 लाख विद्यार्थियों में 69 फीसदी नामांकन केवल 12 जिलों के उच्च शिक्षण संस्थानों में हुए. इस तरह उच्च शिक्षा के अवसर कुछ ही शहरों एवं जिलों में सिमटते जा रहे हैं.
जिला- शिक्षण संस्थाओं की संख्या
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पटना- 154
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दरभंगा- 56
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मुजफ्फरपुर-51
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नालंदा-42
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गया-39
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मधुबनी-39
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समस्तीपुर- 37
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रोहतास -35
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वैशाली-34
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भागलपुर- 31
शैक्षणिक सत्र 2019-20 के डाटा पर आधारित यह रिपोर्ट से साफ है कि कम शिक्षण संस्थानों वाले जिलों के विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा के लिए अपने शहर या जिले से बाहर जाना पड़ रहा है.वहीं कुछ जिलों के शिक्षण संस्थानों में उनकी क्षमता कई गुना अधिक विद्यार्थियों का दबाव है. जहां प्रति शिक्षण संस्थान विद्यार्थियों की संख्या तीन से चार हजार के बीच तक है, जो राष्ट्रीय अनुपात से करीब दो गुना अधिक है.
रिपोर्ट के मुताबिक प्रदेश में पूर्वी चंपारण और गया जिले के उच्च शिक्षण संस्थानों में विद्यार्थियों का घनत्व सबसे ज्यादा है. इन दोनों जिलों में प्रति शिक्षण संस्थान विद्यार्थियों का घनत्व क्रमश: 3858 और 3566 है. इसके अलावा प्रदेश के प्रति शिक्षण संस्थान विद्यार्थियों के सर्वाधिक घनत्व वाले जिलों में भागलपुर में 2879,समस्तीपुर में 2685,भोजपुर में 2365, दरभंगा में 2337, मधुबनी में 2135, रोहतास में 2117, पटना में 1800, गया में 1575, नालंदा में 1442, मुजफ्फरपुर में 1117 शामिल हैं.
यह वह जिले हैं, जहां के शिक्षण संस्थानों में 50 हजार से अधिक विद्यार्थी नामांकित किये गये हैं. बिहार में एक लाख से अधिक नामांकन वाले दो जिले पहचाने गये हैं. इनमें सबसे अधिक नामांकन 2019-20 के शैक्षणिक सत्र में पटना जिले में 277222 और दरभंगा में 130873 हुए. एक लाख से कुछ ही कम 99378 नामांकन समस्तीपुर में दर्ज किये गये थे.
उल्लेखनीय है कि शिवहर, लखीसराय, जमुई, शेखपुरा, अरवल, सुपौल और किशनगंज में दस से कम उच्च शिक्षण संस्थान हैं. उल्लेखनीय है कि प्रदेश में नामांकन और उच्च शिक्षण संस्थानों में नामांकन का अनुपात कमोबेश बना रहता है.
Posted by Ashish Jha