दरभंगा में सजी फूलों की अनोखी दुनिया, पुष्प प्रदर्शनी में दुर्लभ कैक्टस बना आकर्षण का केंद्र
नॉर्थ बिहार हॉर्टिकल्चर सोसाइटी की 29वीं पुष्प प्रदर्शनी का शनिवार को उद्घाटन हुआ. यह पुष्प प्रदर्शनी रविवार यानी 26 दिसंबर तक आम लोगों के लिए खुली रहेगी.
दरभंगा. शहर के लक्ष्मीश्वर पब्लिक लाइब्रेरी परिसर में दुर्लभ फूलों की दुनिया अनोखी दुनिया सजी है. नॉर्थ बिहार हॉर्टिकल्चर सोसाइटी की 29वीं पुष्प प्रदर्शनी का शनिवार को उद्घाटन हुआ. यह पुष्प प्रदर्शनी रविवार यानी 26 दिसंबर तक आम लोगों के लिए खुली रहेगी.
इस प्रदर्शनी में ढाई सौ प्रकार के फूलों पौधों और कैक्टस को प्रदर्शित किया गया है. इसके अलावा पर्यावरण के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए स्कूली बच्चों की पर्यावरण पर आधारित पेंटिंग प्रतियोगिता आयोजित की गयी है. इस पुष्प प्रदर्शनी में आकर्षक पौधों को किंग ऑफ द शो, क्वीन ऑफ द शो, प्रिंसेस ऑफ द शो और प्रिंस ऑफ द शो का पुरस्कार दिया जाएगा. प्रदर्शनी को देखने के लिए दरभंगा समेत आसपास के कई जिलों के लोग पहुंच रहे हैं.
स्थानीय लोगों में इस प्रदर्शनी को लेकर खासा उत्साह है. लोग कहते हैं कि शहर में ऐसे आयोजन को देखकर काफी खुशी मिलती है. यहां कई तरह के फूल पौधे देखने को मिल रहे हैं. उसने कहा कि यहां से यह सीख मिल रही है कि हम सारे लोग अपने आसपास पेड़-पौधे लगाएं और पर्यावरण को शुद्ध बनाएं. स्थानीय आयुर्वेदाचार्य सुनील कुमार मिश्रा ने कहा कि इस पुष्प प्रदर्शनी में मेडिसिनल प्लांट्स की कमी खल रही है.
उन्होंने कहा कि कई मेडिसिनल प्लांट्स ऐसे होते हैं जो अपने आसपास के वातावरण में भरपूर ऑक्सीजन का उत्पादन करते हैं. आजकल कोरोना की बार-बार लहर आ रही है जिसमें ऑक्सीजन की कमी हो रही है. इसलिए पुष्प प्रदर्शनी में मेडिसिनल प्लांट्स को प्रदर्शित किया जाना चाहिए ताकि लोग इससे प्रेरणा लेकर अपने घरों में ऐसे पौधों को लगाएं.
दरभंगा नगर निगम के आयुक्त मनेश कुमार मीणा ने कहा कि जो लोग अपने घरों और छतों पर पौधे लगाते हैं, उन्होंने आज इस प्रदर्शनी का आयोजन किया है जिसे देखकर काफी अच्छा महसूस हो रहा है. उन्होंने कहा कि शहर को साफ-सुथरा और प्रदूषण मुक्त रखने में ऐसे लोग काफी मदद कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि ऐसे लोग अपने आसपास के कचरे से कंपोस्ट खाद बनाते हैं और फिर उसका इन इन पौधों में इस्तेमाल करते हैं. इससे शहर को साफ-सुथरा रखने में काफी मदद मिल रही है.