दरभंगा-मुजफ्फरपुर रेलखंड का होगा सर्वे, शिलान्यास के डेढ़ दशक बाद 66 किमी लाइन के लिए मिले 20 करोड़
वर्षों से बजट में टोकन मनी की राशि के सहारे कागज पर जीवित दरभंगा-मुजफ्फरपुर नयी रेल लाइन के लिए इस बार 20 करोड़ का प्रावधान किया गया है. इस रेल लाइन के निर्माण की प्रतीक्षा में बैठे लोगों में इससे आशा की किरण मजबूत हुई है.
दरभंगा. वर्षों से बजट में टोकन मनी की राशि के सहारे कागज पर जीवित दरभंगा-मुजफ्फरपुर नयी रेल लाइन के लिए इस बार 20 करोड़ का प्रावधान किया गया है. इस रेल लाइन के निर्माण की प्रतीक्षा में बैठे लोगों में इससे आशा की किरण मजबूत हुई है. जानकार बताते हैं कि इस राशि से सर्वे का कार्य किया जा सकेगा. हालांकि जितनी बड़ी यह परियोजना है, उसके अनुपात में राशि अति अल्प दी गयी है. नई रेल लाइन के सर्वे की जिम्मेवारी रूड़की की एक निजी एजेंसी को दी गई है.
शिलान्यास डेढ़ दशक से अधिक समय पूर्व किया था
इस परियोजना को बजट में तत्कालीन रेल मंत्री लालू प्रसाद ने शामिल किया था. इस नयी रेल लाइन का शिलान्यास डेढ़ दशक से अधिक समय पूर्व किया था. यह अलग बात है कि शिलान्यास के पश्चात रेलवे के अभियंता उसी समय शिलापट्ट उठाकर अपने साथ लेकर चले गये. 66.09 किमी लंबे इस रेलखंड के निर्माण के लिए उस समय 281 करोड़ की परियोजना बनायी गयी थी. लालू प्रसाद के रेलमंत्री पद से हटने के बाद यह परियोजना प्राथमिकता सूची से बाहर आ गयी और रेल मंत्रालय ने महज टोकन मनी देकर इसे कागजों पर जिंदा रखने का काम किया.
एक-एक हजार रुपये का ही प्रावधान किया गया था
2012-13 में इस खंड के लिए पांच करोड़ का प्रावधान किया गया था. इससे पूर्व एक करोड़ रुपये खर्च हो चुके थे. कालांतर में इसमें थोड़ी-थोड़ी राशि दी जाती रही. 2015-16 में 10 लाख, 2019-20 में 10 लाख, 2020-21 में एक हजार, 2021-22 व 2022-23 में भी एक-एक हजार रुपये का ही प्रावधान किया गया था. इस बीच वित्तीय वर्ष 2023-24 के बजट में 20 करोड़ का प्रावधान किये जाने से इस खंड को निर्माण के नजरिए से पुनर्जीवन मिलने के आसार बढ़ गये हैं.
लागत छह गुना अधिक बढ़ी, पहले स्वीकृत लागत 282 करोड़ थी
दरभंगा मुजफ्फरपुर रेल लाइन का काम समय से शुरू नहीं होने से इस परियोजना की लागत करीब छह गुना अधिक बढ़ गयी है. करीब 20 साल पहले इस योजना की स्वीकृत लागत 282 करोड़ रुपए थी. वर्ष 2007-08 में इस नयी लाइन के लिए सर्वेक्षण भी हुआ. उस वक्त इसकी लागत 495 करोड़ रुपए बतायी गई थी. वर्ष 2012 में रेलवे बोर्ड की नयी पॉलिसी आने के बाद काम रोक दिया गया.
24 किलोमीटर कम हो जाएगी दरभंगा की दूरी
सीधी रेल सेवा चालू हो जाने से मुजफ्फरपुर से दरभंगा की दूरी करीब 24 किलोमीटर कम हो जाएगी. फिलहाल, मुजफ्फरपुर से वाया समस्तीपुर होते हुए दरभंगा की दूरी करीब 91 किलोमीटर है, जबकि, सीधी रेल लाइन महज 77 किलोमीटर है. फिलहाल, मुजफ्फरपुर से वाया समस्तीपुर होते हुए दरभंगा जाने वाली ट्रेन कम से कम दो घंटे में पहुंचती है. सीधी रेल सेवा चालू होने के बाद महज एक से डेढ़ घंटे में मुजफ्फरपुर से दरभंगा तक की सफर पूरी होगी.