पाकिस्तान से जुड़ रहे दरभंगा पार्सल विस्फोट के तार, संदिग्धों का बैंक डिटेल खंगाल रही NIA

दरभंगा जंक्शन पर गत 17 जून को हुए पार्सल ब्लास्ट मामले के तार पाकिस्तान से जुड़ रहे हैं. लिहाजा एनआइए ने जांच तेज कर दी है. इस कांड का कनेक्शन जिन इलाकों से जुड़ रहे हैं, उन सभी क्षेत्र के संदिग्धों की हिस्ट्री खंगाली जा रही है.

By Prabhat Khabar News Desk | June 28, 2021 1:30 PM

दरभंगा. दरभंगा जंक्शन पर गत 17 जून को हुए पार्सल ब्लास्ट मामले के तार पाकिस्तान से जुड़ रहे हैं. लिहाजा एनआइए ने जांच तेज कर दी है. इस कांड का कनेक्शन जिन इलाकों से जुड़ रहे हैं, उन सभी क्षेत्र के संदिग्धों की हिस्ट्री खंगाली जा रही है. सूत्रों की मानें तो इस मामले की जांच के क्रम में उत्तरप्रदेश से गिरफ्तार पिता-पुत्र से हुई पूछताछ में कई अहम जानकारी जांच एजेंसी के हाथ लगी है. इससे इस कांड के तार पाकिस्तान से जुड़े होने के संकेत मिल रहे हैं.

इस नजरिये से उच्च स्तर पर एनआइए ने जांच शुरू कर रखी है. संदिग्ध आतंकी व उनके कनेक्शन में रहे लोगों के बारे में पूरी जानकारी इकट्ठी की जा रही है. माना जाता है कि इस तरह की वारदातों में आतंकी व आतंकी संगठनों को पाकिस्तान से फंडिंग की जा रही है. इसके मद्देनजर उनके बैंक डिटेल की पड़ताल की जा रही है.

इधर, जंक्शन पर ब्लास्ट करनेवाले पैकेट को बुक कराने वाला मो सूफियान भी पकड़ में अब तक नहीं आया है. वैसे माना जा रहा है कि या तो इस नाम का कोई व्यक्ति वास्तव में है नहीं और अगर है भी तो वह आतंकियों का ऐसा मोहरा हो सकता है, जिसका इस्तेमाल मात्र पार्सल बुक कराने के लिए किया गया होगा.

बावजूद जांच एजेंसी उसके करीब पहुंचने के लिए मिले साक्ष्य व सूत्र के सहारे आगे बढ़ रही है.सनद रहे कि रेडिमेड कपड़ों के जिस पैकेट में विस्फोट हुआ था, उस पार्सल को सिकंदराबाद में घटना से दो दिन पहले 15 जून को मो सूफियान नामक व्यक्ति ने बुक कराया था.

सूत्रों की मानें तो वहां के लैब में इसकी पुख्ता जांच संभव नहीं है. इसलिए पुणे से एफएसएल जांच टीम को बुलाया गया है. वह टीम कोलकाता में इसके साक्ष्य की जांच करेगी. इसके बाद ही इस्तेमाल विस्फोटक का सही पता चल पायेगा. वैसे इसमें केमिकल बम के प्रयोग की बात कही जा रही है. हालांकि इस मामले में कोई भी कुछ बोलने के लिए तैयार नहीं है.

कोलकाता जायेगा विशेषज्ञों का दल

सिकंदराबाद में आधा दर्जन संदिग्धों को चिह्नित किया जा चुका है. उनकी तलाश की जा रही है. इस मामले की जांच का जिम्मा हाथ में लेने के साथ ही एनआइए की तीन सदस्यीय टीम गत 25 व 26 जून को यहां से जांच कर लौट चुकी है.

एक तरफ जांच एजेंसी जहां संदिग्धों के सहारे मामले की तह तक पहुंचने की कोशिश में हैं, वहीं दूसरी ओर इस मामले में उपयोग किये गये विस्फोटक की फुल प्रूफ जांच का भी प्रयास चल रहा है. मुजफ्फरपुर एफएसएल लैब के बाद इसके साक्ष्य को फिर से जांच के लिए कोलकाता भेज दिया गया.

Posted by Ashish Jha

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