DMCH परिसर में बुधवार को एक कुंवारी मां ने सामाजिक लोक लाज से बचने के लिये सड़क किनारे जन्म के तुरंत बाद बच्चे को बगल के नाला में फेंक दी. निकट की दुकान पर चाय पी रहे आउटसोर्सिंग कर्मियों की नजर नाला में पड़े बच्चे पर पड़ी तो उसने बच्चे को निकाला. बच्चे के शरीर से कीचड़ साफ कर उसे आपातकालीन विभाग में भर्ती कराया. बाद में उसे बेहतर उपचार के लिये शिशु विभाग भेज दिया. वहीं युवती को उपचार के लिये गायनी विभाग में भर्ती कराया गया. वहां से उसे जीओटी ले जाया गया. घटना दोपहर करीब 2.30 बजे ओपीडी के प्रवेश मार्ग के निकट की है. जानकारी के अनुसार युवती की उम्र करीब 17 साल बतायी जा रही है. वह एक महिला के साथ अस्पताल पहुंची थी. एपीएम थाना क्षेत्र के एक गांव की रहने वाली किशोरी व बच्चा फिलहाल खतरे से बाहर है. बताया जा रहा है कि बच्चे के स्वस्थ होने के बाद कानूनी प्रक्रिया के तहत आगे की कार्रवाई की जायेगी. किशोरी दुष्कर्म करने वाले के बारे में फिलहाल कुछ नहीं बता पा रही है.
बच्चे के फेंकने की आवाज सुनाई पड़ने पर हरकत में आये ट्रॉली मैन
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार ओपीडी गेट के निकट चाय की दुकान के समीप दो महिला बैठी थी. उसमें से एक किशोरी प्रेग्नेंट थी. इसी बीच वहीं पर बच्चे का जन्म हो गया. युवती को कुछ समझ नहीं आया. वह आनन-फानन में नारा काटकर बच्चे को अपने से अलग की तथा बगल के नाला में फेंक दी. समीप की चाय दुकान पर ट्रॉली मैन रिंकु कुमार व मोनू पासवान यह सब देख रहा था. मोनू ने किसी तरह बच्चे को नाली से बाहर निकाल लिया.
ट्रॉली मैन की अधीक्षक ने की प्रशंसा
जानकारी मिलते ही अधीक्षक डॉ हरिशंकर मिश्रा ने मरीजों के समुचित उपचार का निर्देश दिया. साथ ही दोनों ट्राली मैन को पुरस्कृत करने की बात कही. इस संबंध में बेंता ओपी की महिला पुलिसकर्मी ने बताया कि मां व बच्चे को वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया है. आगे की जानकारी ली जा रही है. कानूनी प्रक्रिया के तहत नवजात को चाइल्ड लाइन के हवाले कर दिया जायेगा.