Darbhanga News: दरभंगा हवाई अड्डा आने-जाने वाले 10 हवाई जहाजों ने नहीं भरी उड़ान
Darbhanga News:लो- विजिबिलिटी के कारण दरभंगा हवाई अड्डा से विमान सेवा लगातार प्रभावित हो रही है.
Darbhanga News: दरभंगा. लो- विजिबिलिटी के कारण दरभंगा हवाई अड्डा से विमान सेवा लगातार प्रभावित हो रही है. यह सिलसिला गुरुवार को भी जारी रहा. इस कारण यात्रियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. गुरुवार को 12 विमानों में से 10 का संचालन ठप रहा. केवल हैदराबाद रूट पर जहाजों का आना- जाना हुआ. दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु व कोलकाता रूट पर विमान सेवा पूरी तरह से ठप रही. लोग लगातार विमानन कंपनी से संपर्क करते रहे. कंपनी द्वारा दरभंगा में सामान्य स्थिति होने पर उड़ान शुरू करने की बात कही जा रही है. इधर, बताया जाता कि विमान सेवा ठप होने नाराज कई यात्रियों ने दिल्ली व मुंबई एयरपोर्ट पर विमानन कंपनियों के स्टॉफ के साथ बाताबाती की. दोनों जगहों पर पैसेंजरों द्वारा हंगामा करने की भी बात कही जा रही है. कर्मियों ने जैसे- तैसे पैसेंजरों को समझाया.
यात्रियों को लेकर कल वापस मुंबई लौट गया विमान
बुधवार को एकलौता विमान (एसजी 950) को मुंबई से दरभंगा के लिए रवाना किया गया, लेकिन कम दृश्यता के कारण जहाज को यहां लैंड करने की अनुमति नहीं दी गयी. फ्लाइट को डायवर्ट करते हुये वाराणसी भेजा गया. वहां से फिर विमान को यात्री सहित वापस मुंबई भेज दिया गया. बताया जाता है कि पैसेंजर मुंबइ में बैठकर मौसम के सामान्य होने का इंतजार कर रहे हैं. बताया गया कि सामान्य स्थिति होने पर यात्रियों को दरभंगा भेजा जायेगा.
प्रत्येक फ्लाइट में 90 प्रतिशत से अधिक बुकिंग
स्पाइसजेट के एक अधिकारी के अनुसार प्रत्येक विमान में 90 प्रतिशत से अधिक बुकिंग होती है. बताया गया कि स्पाइसजेट के विमान में 186 से 189 सीट उपलब्ध रहता है. इस तरह एक विमान में रोजाना 180 यात्री सवार होते हैं.
2021 से चल रहा कैट टू लाइट लगाने का कार्य
दरभंगा एयरपोर्ट को शुरू हुए चार साल से अधिक हो गये हैं. आठ नवंबर 2020 को यहां से विमान सेवा का संचालन प्रारंभ हुआ था. इसके बाद से ठंड के मौसम में धुंध की वजह से हर साल फ्लाइट कैंसिल हो जा रही है. 2021 से क्लियर एयर टर्बुलेंस (कैट टू आइएलएस) एवं एयरोनॉटिकल ग्राउंड लाइटिंग सिस्टम (एजीएलएस) को लगाने का काम हो रहा है. भारतीय वायु सेना के अनुसार काम अप्रैल 2024 में पूरा कर लेना था. बताया गया कि कैट टू लाइट लगाने का कार्य इस साल के अंत तक होने की संभावना है.शून्य दृश्यता में भी लैंड कर सकेंगे विमान
कैट टू लाइट लगाने के बाद पायलटों को कोहरे में भी विमान उतारने में परेशानी नहीं होगी. विमानों के उड़ान भरने और उतरने में सबसे महत्वपूर्ण उपकरण इंस्ट्रूमेंट लैंडिंग सिस्टम (आइएलएस) कैट टू लाइट जरूरी है. इस प्रणाली से विमानों के उतरने और उड़ान भरने के लिए कम दृश्यता बाधा नहीं बनती है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है