जिले के 1000 मिडिल स्कूलों में तैनात किए जायेंगे रात्रि प्रहरी
जिले के करीब 1000 मिडिल स्कूलों में रात्रि प्रहरी तैनात किए जायेंगे. विभाग ने इसे लेकर निर्णय लिया है. यह पहला मौका है, जब इन विद्यालयों में रात्रि प्रहरी बहाल होंगे.
दरभंगा. जिले के करीब 1000 मिडिल स्कूलों में रात्रि प्रहरी तैनात किए जायेंगे. विभाग ने इसे लेकर निर्णय लिया है. यह पहला मौका है, जब इन विद्यालयों में रात्रि प्रहरी बहाल होंगे. इनके जिम्मे विद्यालय की पूरी सुरक्षा व्यवस्था होगी. बेंच डेस्क, आइसीटी लैब, स्मार्ट क्लास के तहत टीवी, स्मार्ट बोर्ड, बूट मॉडल के तहत कंप्यूटर आदि की सुरक्षा की व्यवस्था की जा सकेगी. इससे पहले माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालयों में रात्रि प्रहरी की व्यवस्था की गयी थी. राज्य में ऐसे विद्यालयों की संख्या 5921 है. वर्तमान में मध्य विद्यालयों में रात्रि प्रहरी की व्यवस्था नहीं है. राज्य में कुल मध्य विद्यालयों की संख्या 29019 है. इसमें से केवल उन्हीं मध्य विद्यालयों में रात्रि प्रहरी एजेंसियों द्वारा रखे गये हैं, जहां आइसीटी लैब की स्थापना की गई है. ऐसे मध्य विद्यालयों की संख्या 889 है. शेष 28201 मध्य विद्यालयों में रात्रि प्रहरी की व्यवस्था नहीं है. शिक्षा विभाग के अपर सचिव सुनील कुमार ने इस संबंध में संकल्प जारी किया है. इसके अनुसार रात्रि प्रहरी की सेवा अंशकालिक होगी और इसके लिए एकमुश्त राशि का भुगतान किया जायेगा. विद्यालयों में हाउसकीपिंग एजेंसियों द्वारा सफाई कर्मी को किसी एक विद्यालय के लिए रात्रि प्रहरी की जिम्मेदारी सौंप जाएगी. इन्हें पांच हजार रुपए अतिरिक्त दिए जायेंगे.जिन विद्यालयों में पुरुष रसोइया कार्यरत है, उन्हें अंशकालिक रात्रि प्रहरी के रूप में रखने की अनुमति दी जा सकेगी. ऐसे विद्यालयों में एजेंसी के सफाई कर्मी को यह जिम्मा नहीं दिया जायेगा. विद्यालयवार चिन्हित आउटसोर्सिंग एजेंसी के सफाई कर्मी एवं पुरुष रसोइया का रात्रि प्रहरी में टैगिंग की जिम्मेवारी जिला शिक्षा पदाधिकारी को सौंपी गई है. चयनित रात्रि प्रहरी को उनके ही गांव में स्थित मध्य विद्यालय में कार्य की अनुमति नहीं होगी. हाउसकीपिंग एजेंसी को प्रत्येक रात्रि प्रहरी पांच हजार रुपये मासिक दिया जायेगा. एजेंसी द्वारा रात्रि प्रहरी को वर्दी उपलब्ध कराई जाएगी, जिससे उनकी पहचान सहज हो सके. रात्रि प्रहरी की सेवा के दौरान विद्यालय में यदि किसी भी प्रकार की चोरी अथवा सुरक्षा में चूक होती है, तो इसकी सारी जिम्मेवारी संबंधित एजेंसी की होगी. जिला शिक्षा पदाधिकारी संबंधित एजेंसी के मासिक बिल से चोरी हुए सामान के समतुल्य मूल्य की कटौती करेंगे. कटौती की गई राशि से चोरी हुए सामान की प्रतिपूर्ति की जायेगी.
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