टीका ही हेपेटाइटिस बी से बचाव: डॉ बीके सिंह

दरभंगा : देश में एक करोड़ लोग हेपेटाइटिस बी से ग्रसित हैं. हेपेटाइटिस बी एक गंभीर संक्रमण है. वायरस के कारण हेपेटाइटिस बी होता है. हेपेटाइटिस बी के कारण भूख कम लगना, थकान, मांसपेशियों, जोड़ों और पेट में दर्द होना, दस्त व उल्टी होना, पीलीया आदि रोग होते हैं. समय से इसका उपचार नहीं होने […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 18, 2017 4:22 AM

दरभंगा : देश में एक करोड़ लोग हेपेटाइटिस बी से ग्रसित हैं. हेपेटाइटिस बी एक गंभीर संक्रमण है. वायरस के कारण हेपेटाइटिस बी होता है. हेपेटाइटिस बी के कारण भूख कम लगना, थकान, मांसपेशियों, जोड़ों और पेट में दर्द होना, दस्त व उल्टी होना, पीलीया आदि रोग होते हैं. समय से इसका उपचार नहीं होने से यकृत की क्षति यानि सिरोसिस, यकृत का कैंसर हो जाता है जिससे मरीज काल के गाल में समा जाता है. इससे बचाव का सबसे सही तरीका समय से हेपेटाइटिस बी का टीका लेना है.

उक्त बाते डीएमसी मेडिसीन विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ बीके सिंह ने शिप्ला कंपनी द्वारा आयोजित हेपेटाइटिस बी जागरूकता सप्ताह के मौके पर अपने कार्यालय कक्ष में कही. उन्होंने बताया कि टीकाकरण से हेपेटाइटिस बी के संक्रमण से लंबे समय तक बचाव होता है. उन्होंने बताया कि पहले एक वायल से दस लोगों को टीका देना पड़ता था. अब हेपेटाइटिस बी का सिंगल डोज टीका भी बाजार में उपलब्ध हो गया है.

किसे कब लगवाने चाहिये टीके
डॉ बीके सिंह ने बताया कि जन्म के समय नवजात को हेपेटाइटिस बी का पहला टीका लगवाना चाहिये. दूसरा टीका जन्म के छठे सप्ताह और तीसरा टीका छह से सात महीने के बीच लगवानी चाहिये. वहीं जिसे जन्म के समय टीके नहीं लगाये गये. उन्हें भी हेपेटाइटिस बी के तीन टीके जरूर लेनी चाहिये.

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