दो वर्ष बीता,परिचालन शुरू नहीं
दरभंगाः अजमेरशरीफ एक्सप्रेस का परिचालन शुरू होने का दूर-दूर तक आसार नजर नहीं आ रहा. दो वर्ष पहले रेल बजट में घोषित यह गाड़ी निकट भविष्य में धरातल पर उतरती नहीं दिख रही है. महकमा इसके प्रति गंभीर भी नहीं है. लिहाजा यात्रियों को इस गाड़ी के लिए अभी और इंतजार करना होगा. अजमेरशरीफ के […]
दरभंगाः अजमेरशरीफ एक्सप्रेस का परिचालन शुरू होने का दूर-दूर तक आसार नजर नहीं आ रहा. दो वर्ष पहले रेल बजट में घोषित यह गाड़ी निकट भविष्य में धरातल पर उतरती नहीं दिख रही है. महकमा इसके प्रति गंभीर भी नहीं है. लिहाजा यात्रियों को इस गाड़ी के लिए अभी और इंतजार करना होगा.
अजमेरशरीफ के लिए ट्रेन की घोषणा दो साल पहले रेल बजट में की गयी थी. इससे पहले तत्कालीन रेलमंत्री लालू प्रसाद ने अपने भाषण में इसका जिक्र किया था. इस गाड़ी को दरभंगा से भाया रक्सौल-नरकटियागंज चलने की बात कही गयी. रेलवे की समय सारिणी में इसे शामिल भी कर दिया गया, पर आज तक यह धरातल पर नहीं उतर सका.
दरअसल, यह ट्रेन नरकटियागंज तक रेलखंड तैयार नहीं होने के कारण अधर में लटकी है. दो खंड में सीतामढ़ी से छौड़ादानो तथा छौड़ादानो से रक्सौल तक विभाग ने पटरी बिछा दी. परिचालन भी शुरू हो गया. रक्सौल से नरकटियागंज के बीच आमान परिवर्तन का कार्य आज तक पूरा नहीं हो सका है. यह ट्रेन वैसे तो सभी यात्रियों के लिए महत्वपूर्ण है, पर तीर्थाटन करनेवालों के लिए खास सुविधाजनक है. घोषणा के मुताबिक यह गाड़ी मथुरा, अयोध्या होते हुए अजमेरशरीफ जायेगी. इससे इन तीनों स्थलों के अलावा आगरा की सैर के ख्वाइशमंदों को भी सुविधा मिल जायेगी.
मंडल का एकमात्र ए-वन दर्जा प्राप्त स्टेशन होने के बावजूद दरभ्ांगा से इन जगहों के लिए सीधी ट्रेन नहीं है. इस बीच अजमेरशरीफ एक्सप्रेस का तत्काल रूट बदलकर परिचालन आरंभ किये जाने की चर्चा वर्ष 2013 के दिसंबर माह में जोर-शोर से शुरू हुई. सूत्रों के अनुसार, भाया समस्तीपुर, मुजफ्फरपुर, नरकटियागंज चलाये जाने की विभाग ने योजना बनायी, पर इसे आज तक अमली जामा नहीं पहनाया जा सका. इस ट्रेन को लेकर विभाग की संजीदगी का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि 15 फरवरी को जब जीएम से इस ट्रेन के बाबत पूछा गया तो उन्होंने रक्सौल खंड पर परिचालन शुरू होते ही ट्रेन चला देने की बात कह दी.
जबकि रक्सौल से नरकटियागंज के बीच आमान परिवर्तन हुआ ही नहीं. इधर, मंडल जनसंपर्क पदाधिकारी एमएआइ हुमायू का कहना है कि यह निर्णय मुख्यालय स्तर से लिया जायेगा.