किसानों को 50 रुपये में दिया जायेगा आम का पेड़
बहादुरपुर : सघन बागवानी योजना के तहत किसानों को 50 रूपये आम का पेड़ दिया जाएगा. एक हेक्टेयर के लिए 400 आम का पौधा मिलेगा. इसकी कीमत बीस हजार रुपए होगी. किसानों को अपनी राशि से इसे क्रय करना होगा. विभाग द्वारा एक हेक्टेयर के लिए 50 हजार रुपए किसानों को सहायता राशि के रूप […]
बहादुरपुर : सघन बागवानी योजना के तहत किसानों को 50 रूपये आम का पेड़ दिया जाएगा. एक हेक्टेयर के लिए 400 आम का पौधा मिलेगा. इसकी कीमत बीस हजार रुपए होगी. किसानों को अपनी राशि से इसे क्रय करना होगा.
विभाग द्वारा एक हेक्टेयर के लिए 50 हजार रुपए किसानों को सहायता राशि के रूप में उपलब्ध करायी जाएगी. सहायता राशि का भुगतान तीन किश्तों में होगा. प्रथम किस्त के रूप में कुल राशि का 60 प्रतिशत पौधा लगाने के बाद भौतिक सत्यापन के उपरांत भुगतान किया जाएगा. दूसरे किस्त के रूप में 20 प्रतिशत राशि का भुगतान अगले वर्ष पौधा के 75 प्रतिशत जीवित रहने के उपरांत दिया जाएगा. तीसरे वर्ष में 90 प्रतिशत पौधा के जीवित रहने के पश्चात शेष बीस प्रतिशत राशि दी जाएगी.
इसी प्रकार पपीता का नौ रुपये प्रति पौधा विभाग द्वारा मूल्य तय किया गया है. 30 हजार प्रति हेक्टेयर किसानों को दो किस्तों में राशि उपलब्ध कराई जाएगी. टिशू कल्चर केला के लिए 16.50 रुपये प्रति पौधा मूल्य निर्धारित किया गया है. इसमें 62 हजार 500 रुपया सहायता राशि के रूप में दो किस्तों में आरटीजीएस के माध्यम से किसानों के खाते में भेजी जाएगी. बता दें कि सभी प्रखंडों के लिए आम, पपीता एवं टिशू कल्चर केला का औपबंधिक लक्ष्य किया गया है. इसके तहत आम 120 हेक्टेयर, पपीता 25 हेक्टेयर तथा टिशू कल्चर केला 10 हेक्टेयर में लगाया जाना है. इसके लिए आवेदन की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गई है. कृषि रोडमैप में वित्तीय वर्ष 2017-18 से 21-22 तक विशेष फसल के रुप में जिला को आम के फसल के लिए चिन्हित किया गया है.
किसान ऑनलाइन तथा ऑफ लाइन आवेदन कर इस योजना का लाभ ले सकते हैं. पासपोर्ट साइज फोटो, फोटो पहचान पत्र, भूमि स्वामित्व प्रपत्र, आधार कार्ड तथा बैंक खाता का पासबुक आवेदन के साथ संलग्न करना होगा.
ले में सघन बागवानी के तहत आम, पपीता तथा टिश्यू कल्चर केला लगाये जाने का औपबंधिक लक्ष्य विभाग द्वारा प्राप्त हुआ है. इसके लिए व्यापक प्रचार प्रसार किया जा रहा है. कोशिश है कि अधिक से अधिक किसान इसका लाभ उठा सकें. एक किसानों को अधिकतम चार हेक्टेयर के लिए सहायता राशि दी जाएगी.
कैलाश महतो, सहायक निदेशक उद्यान