माधोपट्टी के अधिकतर घरों में नहीं जले चूल्हे
दुखद. डूबने से पांच बच्चों की मौत के बाद परिजनों की चीत्कार से गमगीन हुआ वातावरण कमतौल : माधोपट्टी में शनिवार को एक ही टोले के अलग-अलग परिवार के पांच बच्चों की डूबने से मृत्यु होने की खबर के बाद गांव ही नहीं आसपास के इलाके में मातमी सन्नाटा पसर गया है. परिजनों की चीख-पुकार […]
दुखद. डूबने से पांच बच्चों की मौत के बाद परिजनों की चीत्कार से गमगीन हुआ वातावरण
कमतौल : माधोपट्टी में शनिवार को एक ही टोले के अलग-अलग परिवार के पांच बच्चों की डूबने से मृत्यु होने की खबर के बाद गांव ही नहीं आसपास के इलाके में मातमी सन्नाटा पसर गया है. परिजनों की चीख-पुकार देर रात तक गूंजती रही. टोले के अधिकांश घरों में चूल्हे नहीं जले. मौके पर मौजूद पूर्व मुखिया अरविंद पाठक, पूर्व जिप सदस्य संजीव कुमार हिमांशु, लक्ष्मण यादव सहित कई बुजुर्गों ने बताया कि टोले ही नहीं, पंचायत और इसके आसपास के कई घरों के चूल्हे नहीं जलेंगे. नाते-रिश्तेदारों का आना जारी है. जब तक शव को सुपुर्दे खाक नहीं किया जाता, स्थिति सामान्य होने की दिशा में नहीं बढ़ेगा.
जिसने सुना, रह गया सन्न
कमतौल. शनिवार को पांच बच्चों की डूबने से मौत की खबर जैसे ही कनीय से लेकर वरीय अधिकारी ने सुनी, सभी सन्न रह गए. कार्यलयों में मातमी सन्नाटा पसर गया. वहीं सबों के चेहरे पर चिंता की लकीरें नजर आने लगी. सभी के जेहन में कुछ दिन पूर्व जिला के घनश्यामपुर में इसी तरह पांच बच्चियों की डूबने से हुई मृत्यु की याद ताजा हो आयी. मौके पर उपस्थित बीडीओ तौकीर हाशमी, सीओ संतोष कुमार सुमन, थानाध्यक्ष कुंदन कुमार, अनि देवचन्द्र मिश्र और पुलिस कर्मी सहित चौकीदार प्रमोद पासवान के चेहरे पर चिंता के भाव स्पष्ट दिख रहे थे. कई बुजुर्ग ग्रामीण अधिकारियों को करुण स्वर में कह रहे थे कि इतनी उमर बीत गयी, आज तक इस तरह की घटना नहीं देखने को मिली थी. मरने वालों को अल्लाह जन्नत नसीब दे.