सोनकी में नये क्षेत्र में तेजी से फैल रहा बाढ़ का पानी

सड़कें डूबीं, आवागमन ठप बुच्चामन में ढाई सौ घर धराशायी, लालूनगर से लोगों ने किया पलायन सदर : रनीपुर पंतायत में बाढ़ के पानी ने तबाही मचा रखा है. बुच्चामन गांव में कमला नदी के किनारे करीब ढाई सौ घर पानी घुसने से क्षतिग्रस्त हो गया है. वहीं लालूनगर के सौ से अधिक परिवार अपना […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 22, 2017 5:00 AM

सड़कें डूबीं, आवागमन ठप

बुच्चामन में ढाई सौ घर धराशायी, लालूनगर से लोगों ने किया पलायन
सदर : रनीपुर पंतायत में बाढ़ के पानी ने तबाही मचा रखा है. बुच्चामन गांव में कमला नदी के किनारे करीब ढाई सौ घर पानी घुसने से क्षतिग्रस्त हो गया है. वहीं लालूनगर के सौ से अधिक परिवार अपना घर खाली कर ऊंचे स्थानों पर शरण लिये हुए हैं. रानीपुर के राम टोला, गोपालपुर, मोहनपुर, नंदटोल, बेला, नवादा, मोसीमपुर एवं नवटोलिया के अधिकांश घर बाढ़ की चपेट में हैं. यहां करीब ढाई सौ घर क्षतिग्रस्त हो चुके हैं.
इधर सोनकी पंचायत के सहिला, जफड़ा, सोनकी आदि जगहों में भी बाढ़ के पानी ने तबाही मचा रखा है. एक से दूसरे गांव जानेवाली सड़क पर बाढ़ का पानी बह रहा है. लोगों का आवागमन बंद हो गया है. ऩये इलाके अदलपुर पंचायत के ठीकटोल आदि जगहों में भी बाढ़ के पानी का दवाब बढता ही जा रहा है. यहां के निचले इलाके में घरों में पानी प्रवेश करने लगा है. मालीटोल, फजिला, अदलपुर पासवान टोल के निचले भाग में पानी घुसने से करीब दर्जनभर से अधिक परिवार बेघर होकर ऊंचे स्थानों पर चले गये हैं. मखिया मो. ओजैर, जदयू के बदरे आलम आदि क्षेत्र में घूमकर लोगों का हालचाल ले रहे हैं. मदद में जुटे हैं.
इधर, इलाके में बाढ़ पीड़ितों की समस्या बरकरार है. जानमाल की सुरक्षा के लिये धरातल पर कहीं कोई व्यवस्था नजर नहीं आ रही. नाव के बिना जान जोखिम में डाल लोग आवागमन कर रहे हैं. इस वजह से बच्चे व जवान अपनी जान गंवा रहे हैं. पानी में डूबे कच्चे घर धराशायी हो रहे हैं. पक्का मकान भी दरकने लगा है. लोग सामान को बचाने के लिए किसी तरह उसे सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने में लगे हैं. अधिकतर गांवों का सड़क बाढ़ के पानी में टूटकर क्षतिग्रस्त हो चुकी है. विस्थापितों को चिलचिलाती धूप में खुले आसमान में रहना पड़ रहा है. कई नये इलाके में घरों में पानी प्रवेश करने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. रोज अपनी समस्या के निदान के लिए पीड़ित सड़क पर उतर आवाज उठा रहे हैं. कहीं न कहीं रोड जाम कर रहे हैं. प्रशासनिक अधिकारी वहां पहुंचकर हर मांग पूरी करने का आश्वाशन देकर जाम तो छुड़ा देते हैं, लेकिन धरातल पर मांग को पूरी करने की दिशा में कोई काम नहीं हो पाता है. लोग प्रशासनिक लापरवाही की वजह से बदहाल जिंदगी जीने के लिए मजबूर हैं.

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