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खुले में शौच, पी रहे बाढ़ का पानी दरभंगा : हनुमाननगर प्रखंड की अधिकतर पंचायतों में बाढ़़ का पानी फैलने लगा है. सड़क, पुल, पुलिया, गड्ढे बाढ़़ के पानी से भर गये हैं. दर्जनों गांव के अधिकांश घरों में पानी प्रवेश कर चुका है. ग्रामीण परिवार एवं माल मवेशी के साथ उंचे स्थान पर शरण […]

खुले में शौच, पी रहे बाढ़ का पानी

दरभंगा : हनुमाननगर प्रखंड की अधिकतर पंचायतों में बाढ़़ का पानी फैलने लगा है. सड़क, पुल, पुलिया, गड्ढे बाढ़़ के पानी से भर गये हैं. दर्जनों गांव के अधिकांश घरों में पानी प्रवेश कर चुका है. ग्रामीण परिवार एवं माल मवेशी के साथ उंचे स्थान पर शरण ले लिए हैं.
जान माल की रक्षा को लेकर अधिकांश ग्रामीण ऊंची जगह पर तंबू गाड़ कर अस्थाई रूप से निवास कर रहे हैं. इन जगहों पर चाय नाश्ते की दुकान भी खुल गयी है. फसल पूरी तरीके से चौपट हो चुका है.
सरकारी राहत दूर-दूर तक नजर नहीं आ रहा. सवारी के रूप में नाव एवं राहत की मांग को लेकर ग्रामीण लगातार सड़क जाम कर रहे हैं. प्रशासन बेबस की स्थिति में है. व्यवस्था को लेकर लोगों में काफी आक्रोश है.
सिर के ऊपर प्लास्टिक नहीं रहने के कारण लोगों को खुले आसमान के नीचे रहना पड रहा है. लोग रतजगा कर समय काट रहे हैं. चारा नहीं मिलने के कारण मवेशी पालकों की परेशानी बढ़ गई है. शौचालय एवं पेयजल सबसे बड़ी समस्या है. लोग खुले में शौच कर रहे हैं एवं बाढ़ का पानी पीने पर मजबूर हैं.
छोटकी डीहलाही में घर के छप्पर तक पहुंचा पानी
छोटकी डीहलाही गांव में तो कई जगहों पर छत के ऊपर से पानी गुजर रहा है. लोग समय रहते घर छोड कर पलायन कर गये, वरना बडी घटना हो सकती थी. यहां दिघवा बांध के ऊपर से पानी गुजर रहा है. हनुमाननगर प्रखंड के छोटकी डीलाही, नयानगर, लालगंज, हिमायतनगर, छतौना, नेयामचक, काली आदि गांव से काफी संख्या में बाढ़ पीड़ित दरभंगा-समस्तीपुर मार्ग में शरण लिये हैं. राम आशीष यादव, गणेशी यादव, उपेंद्र यादव, शिवजी पासवान, केवल पासवान, विनोद पासवान, संतजी यादव आदि ने बताया की बाढ़ का पानी गांव में प्रवेश कर जाने के कारण शौचालय, पेयजल के अलावा पशु चारा की समस्या खड़ी हो गई है. गांव छोड़कर मुख्य सड़क पर परिवार एवं माल मवेशी के साथ आना मजबूरी हो गयी.
न राहत और न ही स्वास्थ्य शिविर का पता
स्थानीय लोगों का कहना है कि किसी तरह का राहत अबतक नहीं मिला है. स्वास्थ्य शिविर भी कहीं नहीं लगाया गया है. गर्भवती महिलाओं एवं बुजुर्गों को खटिया पर लादकर मुख्य सड़क पर लाया गया है. दवा दारू तथा इलाज के लिए लोग तरस रहे हैं.
बाढ़ पीड़ितों के सामने चुनौती बनी शौचालय
व पेयजल व्यवस्था
राहत की मांग को लेकर लोग लगातार कर रहे सड़क जाम
हनुमाननगर प्रखंड में हजारों घरों में घुसा पानी
आवागमन बन रही सबसे बड़ी समस्या
ऊंची जगहों पर तंबू लगा कर समय काट रहे लोग
कुशल क्षेम तक पूछने नहीं आ रहे नेता
सडक पर डेरा जमाये बाढ़ पीड़ित राम अवतार पासवान, कृष्ण मोहन यादव, तेतर यादव, मोहन यादव, कृष्णा पासवान आदि का कहना है कि जानवर को बचाने के चक्कर में सब कुछ बर्बाद हो गया. पानी जब आया तो सबसे ज्यादा परेशानी गर्भवती महिलाओं, बुजुर्गों एवं बच्चों को हुई. शौचालय एवं चापाकल पानी में डूब गया है. सड़क से प्रशासनिक अधिकारी एवं बड़े- बड़े नेता गुजर रहे हैं, परंतु कुशल क्षेम तक पूछने के लिए कोई नहीं ठहरता.

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