डीएमसीएच में जूनियर डॉक्टरों का हंगामा अधीक्षक को पीटा

दरभंगा : सुरक्षा की गारंटी को लेकर सोमवार से जारी डीएमसीएच के जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल ने मंगलवार को विस्फोटक रूप धारण कर लिया. हड़ताल के कारण इलाज नहीं होने से नाराज परिजनों ने इमरजेंसी चौक के समीप सड़क जाम कर दिया. इसकी जानकारी मिलने पर करीब सौ की संख्या में जूनियर डॉक्टर हाथ में […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 6, 2017 5:05 AM

दरभंगा : सुरक्षा की गारंटी को लेकर सोमवार से जारी डीएमसीएच के जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल ने मंगलवार को विस्फोटक रूप धारण कर लिया. हड़ताल के कारण इलाज नहीं होने से नाराज परिजनों ने इमरजेंसी चौक के समीप सड़क जाम कर दिया. इसकी जानकारी मिलने पर करीब सौ की संख्या में जूनियर डॉक्टर हाथ में लाठी-डंडा, हॉकी स्टीक, लोहे का रॉड, विकेट, बैट व बांस लेकर सड़क पर उत्पात मचाना शुरू कर दिया. इस दौरान सड़क जाम

डीएमसीएच में जूनियर
कर रहे मरीज के परिजन जान बचा कर भाग निकले. जानकारी मिलने पर अधीक्षक डॉ संतोष कुमार मिश्र वहां पहुंचे. अधीक्षक के पहुंचते ही जूनियर डॉक्टरों का गुस्सा फूट पड़ा. पुलिस की मौजूदगी में जूनियर डॉक्टर अधीक्षक के साथ गाली-गलौज के साथ हाथापाई करने लगे. इसके बाद इमरजेंसी वार्ड में ले जाकर एक कमरे में उन्हें बंधक बना लिया. बताया जाता है कि एक चतुर्थवर्गीय कर्मी व गार्ड के हेड ने किसी तरह बीच-बचाव कर अधीक्षक की जान बचायी, वरना बड़ी घटना हो सकती थी.
घटना की सूचना मिलने पर सदर एसडीओ डॉ गजेंद्र प्रसाद सिंह व एएसपी दिलनवाज अहमद दंगा निरोधक दस्ता के साथ डीएमसीएच पहुंचे. काफी मशक्कत के बाद अधीक्षक को जूनियर डॉक्टरों के चुंगल से मुक्त कराया. जूनियर डॉक्टरों से हड़ताल वापस लेने को कहा गया लेकिन, वे अपनी मांग पर अड़े हुए हैं. शाम करीब चार बजे पुलिस कड़ाई से पेश आयी है. पुलिस की कड़ाई के बाद जूनियर डॉक्टर इमरजेंसी वार्ड से निकल गये. इसके बाद पुलिस ने जब इमरजेंसी वार्ड की तलाशी ली, तो वहां से भारी संख्या में लाठी-डंडा, लोहे का रॉड, हॉकी स्टीक बरामद किया गया है. इधर, जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल से डीएमसीएच की चिकित्सा व्यवस्था पूरी तरह से ठप हो गयी है. हड़ताल के कारण मंगलवार को आउटडोर, इमरजेंसी समेत सभी विभाग में काम बंद रहा. एक भी मरीज का ऑपरेशन नहीं हो सका.
मरीज के हित में जूनियर डॉक्टरों को हड़ताल खत्म कर देना चाहिए. आश्वासन के बाद भी छात्र जिद्द पर अड़े हुए हैं. किसी को कानून अपने हाथ में लेने की छूट नहीं है.
डॉ गजेंद्र प्रसाद सिंह, एसडीओ सदर
चार घंटे तक अधीक्षक को बनाये रखा बंधक
काफी मशक्कत के बाद पुलिस ने कराया मुक्त

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