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डीएमसीएच में 65 में 46 दवाएं ही उपलब्ध

दरभंगा : डीएमसीएच में मरीजों को सरकार द्वारा उपलब्ध करायी गयी दवा नहीं मिल रही है. चिकित्सकों द्वारा जो दवा लिखी जाती है उसमें से कुछ दवा अस्पताल में मिलती है तो अधिकांश दवा बाहर से खरीदनी पड़ती है. डीएमसीएच के एमओपीडी एवं जीआपीडी में शनिवार को सरकार द्वारा आपूर्ति की जाने वाली 65 दवाओं […]

दरभंगा : डीएमसीएच में मरीजों को सरकार द्वारा उपलब्ध करायी गयी दवा नहीं मिल रही है. चिकित्सकों द्वारा जो दवा लिखी जाती है उसमें से कुछ दवा अस्पताल में मिलती है तो अधिकांश दवा बाहर से खरीदनी पड़ती है. डीएमसीएच के एमओपीडी एवं जीआपीडी में शनिवार को सरकार द्वारा आपूर्ति की जाने वाली 65 दवाओं की लिस्ट में मात्र 46 दवाएं ही उपल्ब्ध थी. जानकारी के अनुसार यह स्थिति लगातार बनी है. ओपीडी में एक्लोफेनाक टेबलेट, सिट्रजिन टेबलेट, प्रेडनीसोलोन टेबलेट,

क्लोनाजेपम टेबलेट, डीपाईलकरबेमेजीन, एमोक्सीसीलीन किडस टेबलेट, ओफोल्क्सेसीन टेबलेट, क्लोरोक्वीन टेबलेट, फोसफेट सीरप, सल्फाडोक्सीन पाइरीमेथामीन टेबलेट, एसीटाइल सेलीकीलिक एसीड एसपीरीन टेबलेट, माइकोनेजोल ओयनटमेंट, गामाबेंजीन हेक्साक्लोराइड लोशन, ट्राइफलुओपेराजीन एचसीएल टेबलेट, एमीट्रीपटीलीन टेबलेट, फलुक्सेटीन एचसीएल टेबलेट, एटोफीलीन थेयोफीलीन टेबलेट, मल्टी विटामिन सीरप एवं विटामिन ए सीरप उपलब्ध नहीं है. जबकि सरकारी लिस्ट के अनुसार अस्पताल में इसे उपलब्ध होना है. मरीजों को यह दवा बाहर से लानी पड़ती है.

औसत 1800 प्रतिदिन आते हैं मरीज: ओपीडी में रोजाना पंद्रह से दो हजार मरीज इलाज के लिए रजिस्ट्रेशन करवाते हैं. इनमें उन मरीजों की संख्या ज्यादा होती है, जो अत्यधिक गरीब होते हैं. उनके पास इतने पैसे नहीं होते कि वे बाहर से दवा खरीद सके. लाइन में घंटों खड़े रहने के बाद जो दवा उनको काउंटर से मिलती है, वही लेके वे घर लौट जाते हैं. परिजनों ने बताया कि डाक्टर द्वारा लिखी गयी दवाओं में आधी दवा भी नहीं मिल पाती है.
मरीजों को बाहर से खरीदनी पड़ती हैं अधिकांश दवाएं

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