दरभंगा : जिला में जन वितरण प्रणाली विक्रेताओं के लिए अनुशंसित सूची पर उच्च न्यायालय ने तत्काल रोक लगा दी है. न्यायालय ने दो सप्ताह के अंदर अपना पक्ष रखने का निर्देश जिला प्रशासन को जारी किया है. यह खबर यहां आते ही अनुज्ञप्ति के लिए अनुमोदित 504 अभ्यर्थियों के बीच निराशा छा गयी है. सनद रहे कि प्राइस डीलर एसोसिएशन ने इन नियुक्तियों के विरुद्ध उच्च न्यायालय में 10989/17 याचिका दायर की थी. इसी आलोक में उच्च न्यायालय ने बिहार सरकार के अपर सचिव खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग बिहार, डीएम, डीएसओ सहित तीनों अनुमंडल के एसडीओ को दो सप्ताह के अंदर अपना पक्ष रखने का निर्देश दिया है.
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न्यायालय के निर्णय से फंसा नये डीलर की बहाली का मामला
दरभंगा : जिला में जन वितरण प्रणाली विक्रेताओं के लिए अनुशंसित सूची पर उच्च न्यायालय ने तत्काल रोक लगा दी है. न्यायालय ने दो सप्ताह के अंदर अपना पक्ष रखने का निर्देश जिला प्रशासन को जारी किया है. यह खबर यहां आते ही अनुज्ञप्ति के लिए अनुमोदित 504 अभ्यर्थियों के बीच निराशा छा गयी है. […]
732 रिक्तियों के लिए 928 लोगों ने किया था आवेदन : 31 मई 2017 को जिलाधिकारी द्वारा पीडीएस दुकान चलाने के लिए योग्य बेरोजगारों से आवेदन मांगा था. इसके लिए पूरे जिले से कुल 732 रिक्तियों के विरुद्ध 928 आवेदन जिला कार्यालय को प्राप्त हुए थे. प्रक्रिया पूरी करते हुए 504 आवेदन अनुमोदित किया गया था. 92 आवेदन अनुमंडल स्तर पर जांच के लिए रखा गया था.
प्रतिनियोजन तोड़े जाने से बिचौलिये दुकानदार परेशान : खाद्य उपभोक्ता एवं संरक्षण मंत्री मदन सहनी का कहना है कि पूर्व से बिचौलिए टाइप जन वितरण प्रणाली के विक्रेता नहीं चाहते कि स्वच्छ व पारदर्शी नियुक्तियां हो. स्वच्छ एवं पारदर्शी नियुक्ति होने से पूर्व के विक्रेताओं की नहीं चलेगी. तत्काल प्रथा यह कि एक विक्रेताओं के पास कई दुकान टैग किया गया है. इससे इन दुकानदारों को काफी कमीशन मिल रहा है, परंतु लाभुकों को परेशानी हो रही है. प्रतिनियोजन को तोड़े जाने से पीडीएस विक्रेताओं में बौखलाहट बढ़ गई है. इससे पूर्व भी इन्हीं लोगों ने हाईकोर्ट में केस कर रोक लगवा दी थी.
निष्कासित दुकानदार खेल रहा नया खेल
जिला आपूर्ति पदाधिकारी कुमार राम बाबू का कहना है कि जन वितरण के अनाज गवन के कई मामले में कई दुकानदार निष्कासित हो चुके हैं. इन्हीं लोगों द्वारा नया खेल खेला जा रहा है. डीएसओ श्री कुमार ने कहा कि उच्च न्यायालय ने अनुज्ञप्ति पर रोक तो नहीं लगाई है, परंतु अपना पक्ष रखने के लिए दो सप्ताह का समय दिया है. बहुत जल्द नवनियुक्त विक्रेताओं को अनाज आवंटन का आरओ (रिलीज ऑर्डर) उपलब्ध कराया जाएगा. इन नियुक्तियों के बाद अन्य जगहों पर भी नियुक्ति के लिए विज्ञापन निकाला जाएगा. उन्होंने कहा कि अगर उच्च न्यायालय में यह मामला नहीं जाता तो दो अक्टूबर के अवसर पर सभी नवनियुक्त विक्रेताओं को अनाज का आरओ उपलब्ध कराया जाता.
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