याद आता है पिता के साथ उल्का भ्रमण : कुलपति
दरभंगा : कासिंदसं विवि के कुलपति प्रो. सर्व नारायण झा बताते हैं कि पिताजी से सीख लेकर दिन भर उपवास में रहते थे. कनक धारा लक्ष्मी सूक्त एवं श्रीसूक्त का पाठ करते थे. शाम में लक्ष्मी पूजन कर मखाना व पान खाकर घर से निकलते थे. परिजनों के बाद गांव के बड़े बुजुर्गों का पांव […]
दरभंगा : कासिंदसं विवि के कुलपति प्रो. सर्व नारायण झा बताते हैं कि पिताजी से सीख लेकर दिन भर उपवास में रहते थे. कनक धारा लक्ष्मी सूक्त एवं श्रीसूक्त का पाठ करते थे. शाम में लक्ष्मी पूजन कर मखाना व पान खाकर घर से निकलते थे.
परिजनों के बाद गांव के बड़े बुजुर्गों का पांव छूकर आशीर्वाद प्राप्त करते थे. सबसे ज्यादा आनंद पिताजी के साथ उल्का भ्रमण के दौरान आता था. पिताजी सहित ग्रामीणों के साथ उल्का लेकर गांव का भ्रमण करते थे. कर्तव्य का बोझ बढ़ने के साथ पर्व का उत्साह कम होता गया. शहरी परिवेश में आने के बाद उल्का भ्रमण की याद दीपावली पर्व के मौके पर सताया करती है.