अहल्या-गौतम महोत्सव : भोजपुरी गायक पवन सिंह के गीत पर झूम उठे दर्शक…VIDEO

कमतौल : ‘लाले रंग सेनुरा हो, लाले रंग चुनरीया, से लाले रंगवा ना’ जैसे गीत-संगीत से सजी महफिल ने लोगों को झूमने पर मजबूर कर दिया. मौका था अहल्यास्थान में आयोजित आठवें राजकीय अहल्या-गौतम महोत्सव के तीसरे दिन समापन सत्र का. गायकों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम की महफिल में जादुई समां बांध दिया था. कहना अतिश्योक्ति […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 31, 2017 10:10 PM

कमतौल : ‘लाले रंग सेनुरा हो, लाले रंग चुनरीया, से लाले रंगवा ना’ जैसे गीत-संगीत से सजी महफिल ने लोगों को झूमने पर मजबूर कर दिया. मौका था अहल्यास्थान में आयोजित आठवें राजकीय अहल्या-गौतम महोत्सव के तीसरे दिन समापन सत्र का. गायकों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम की महफिल में जादुई समां बांध दिया था. कहना अतिश्योक्ति नहीं होगी कि चिलचिलाती ठंड में संगीत के जादू ने लोगों को उत्साह और जोश से लबरेज कर दिया.

महोत्सव की तीसरी संगीतमयी संध्या में वैसे तो सभी कलाकार के गीतों ने तालियों की गड़गड़ाहट बटोरी, लेकिन जब नामचीन भोजपुरी गायक पवन सिंह की बारी आयी तो दर्शक दीर्घा में बैठे कई दर्शक खुद को रोक नहीं पाए. संगीतकारों व गायकों के साथ सुर-में सुर मिलाने लगे. कुछ बैठे-बैठे कदमताल मिलाते रहे. महफिल में मौजूद कई दर्शक फिल्मी धुन पर साथ-साथ गाते और झूमते नजर आए. नामचीन भोजपुरी एक्टर सह गायक पवन सिंह द्वारा एक के बाद एक दिलकश गीतों ने लोगों को ठंड में भी गर्मी का अहसास कराया. उन्होंने लोगों की फरमाइश पर अपनी कुछ खास रचनाएं पेश कीं. अपनी गायिकी, आलाप, तान और मुरकियों से खूब वाहवाही लूटी.

अतिथियों को सम्मानित करने की परंपरा के पहले नामचीन गायक पवन सिंह को देखने सुनने के लिए दर्शक बेकरार थे. घोषित समय बीतने के डेढ़ घंटे बाद थोड़ी देर के लिए अफरातफरी का माहौल कायम होने लगा. परंतु प्रशासनिक अधिकारियों ने सूझबूझ से काम लिया. आयोजकों से कलाकार को मंच पर बुलाने की अपील कर किसी होने वाली अनहोनी घटना को टाल दिया. इसके बाद आनन फानन में गीत- संगीत का कार्यक्रम शुरू करवाया गया. उद्घोषक जय प्रकाश जिद्दी ने सुरीले अंदाज में एक से एक रचना सुनाने लगे, जिससे दशकों के सब्र का बांध टूटने से बच गया. दर्शकों ने सर्द रात को भुलाकर गीत-संगीत का आनंद लिया. वाह..वाह..व जोरदार तालियों के साथ मंच पर प्रस्तुति दे रहे हर एक कलाकार की हौसला अफजाई करते रहे.

महोत्सव के तीसरे दिन सांस्कृतिक कार्यक्रम का भाजपा प्रदेश अध्यक्ष नित्यानंद राय, विधायक जीवेश कुमार, सभी आगत अतिथि, न्यास समिति के सदस्य, सुरक्षा व्यवस्था में लगे प्रशासनिक अधिकारी, कर्मचारी सहित कई गणमान्य अतिथियों ने गीत-संगीत का आनंद लिया.

इससे पहले आठवें राजकीय महोत्सव अहल्या-गौतम महोत्सव के तीसरे सह समापन सत्र का दीप प्रज्ज्वलित कर बतौर मुख्य अतिथि भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सह सांसद माननीय नित्यानंद राय ने किया. इस अवसर पर भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष गोपाल जी ठाकुर, दरभंगा के नगर विधायक संजय सरावगी, स्थानीय विधायक जीवेश कुमार, पूर्व विधायक अशोक यादव, पूर्व विधायक हरि भूषण ठाकुर उर्फ बचोल, हाजीपुर के विधायक अवधेश कुमार, एमएलसी अर्जुन सहनी, पूर्व एलएलसी मिश्री लाल यादव, राम कुमार झा, देव नारायण यादव, राजेन्द्र मंडल, मुरारी मोहन झा आदि मंचासीन रहे. इसके बाद सभी आगत अतिथियों को मिथिला की रीति से पाग-चादर और माला पहनाकर सम्मानित किया गया.

नगर विधायक संजय सरावगी ने कहा कि प्रदेश और केंद्र की सरकार मिलकर सिर्फ पर्यटन के क्षेत्र में अहल्यास्थान का ब्रांडिंग करे, तो मिथिलांचल का स्वतः विकास हो जाएगा. बेरोजगारी दूर होगी. इसके बाद सभी वक्ताओं ने मिथिला के विकास के लिए प्रतिबद्ध सरकार की सराहना करते हुए कहा कि हर हाल में अहल्यास्थान ही नहीं मिथिलांचल में पर्यटन का विकास होकर रहेगा. सहित कई कई अन्य शेष कार्यक्रम की अध्यक्षता न्यास के अध्यक्ष डॉ. कवीश्वर ठाकुर तथा मंच संचालन स्थानीय पुत्री मेधा राज ने किया.

आठवें राजकीय अहल्या-गौतम महोत्सव में बतौर मुख्य अतिथि आये भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सह संसद नित्यानंद राय ने कहाकि मंच ने कुछ मांगा होता तो शायद कुछ कमी भी रह जाती, परंतु आप लोगों ने मांगा है, तो इसे जरूर पूरा किया जायेगा. उन्होंने कहा कि आपलोगों ने सिर्फ अहल्या-गौतम को जोड़ने की मांग की है. मैं आश्वस्त करता हूंकि सिर्फ अहल्या को गौतम से नहीं, अहल्या का उद्धार करने वाले अयोध्या वासी श्रीराम से भी जोड़ा जायेगा. इसके लिए कार्य योजना तैयार हो गयी है. असर बहुत जल्द दिखने लगेगा.

नित्यानंद ने कहा कि मंचस्थ अतिथि मुझे यहां आने से धन्य होने की बात कह रहे थे. लेकिन, यहां आकर मैं खुद धन्य-धन्य हो गया. इस तपोस्थली के दर्शन और आपके प्यार ने मुझे खींच कर यहां तक ले आया. उन्होंने कहा कि पहुंच पथ जर्जर है, उसे तो आपके विधायक चुटकी बजाते हुए करने में सक्षम हैं. स्थानीय विधायक और मंचस्थ लोगों द्वारा कभी कृष्ण, कभी माधव कहे जाने पर कहा कि मैं नारायण का सेवक हूं, कृपया मुझे इन शब्दों से महिमा मंडित न करें. मैं तो आप सबका सेवक हूं.

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