अपेक्षा के मुताबिक नहीं हो रहा विकास

आयोजन. अहियारी दक्षिणी पंचायत में प्रभात ख़बर आपके द्वार कार्यक्रम आयोजित कमतौल : अहियारी दक्षिणी पंचायत के पंचायत भवन पर गुरुवार को ‘प्रभात ख़बर आपके द्वार’ कार्यक्रम आयोजित किया गया. इसमें कई पंचायत प्रतिनिधि और कई गणमान्य लोग शामिल हुए. पंचायत में विकास और आ रहे सकारात्मक बदलाव पर आयोजित परिचर्चा में लोगों ने खुलकर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 15, 2017 6:00 AM

आयोजन. अहियारी दक्षिणी पंचायत में प्रभात ख़बर आपके द्वार कार्यक्रम आयोजित

कमतौल : अहियारी दक्षिणी पंचायत के पंचायत भवन पर गुरुवार को ‘प्रभात ख़बर आपके द्वार’ कार्यक्रम आयोजित किया गया. इसमें कई पंचायत प्रतिनिधि और कई गणमान्य लोग शामिल हुए. पंचायत में विकास और आ रहे सकारात्मक बदलाव पर आयोजित परिचर्चा में लोगों ने खुलकर अपनी बात रखी. ग्रामीणों ने सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन से समाज में आ रहे बदलाव को स्वीकार किया. लोगों का यह भी कहना था कि विकास तो हुआ है पर आधा-अधूरा.
योजनाओं को धरातल पर उतारने में सामूहिक प्रयास नहीं होने और जनप्रतिनिधियों द्वारा सार्थक पहल नहीं किये जाने की भी बात उठी. लोगों ने कहा कि अन्य पंचायतों की अपेक्षा अहियारी दक्षिणी पंचायत में विकास नगण्य है. ग्रामीण विकास के लिए तरस रहे हैं. मॉडल पंचायत के लिए सर्वे हो चुका है. इस दिशा में कब काम प्रारंभ होगा यह अबतक स्पष्ट नहीं हुआ है.
पंचायत एक नजर में
प्राथमिक विद्यालय : चार (एक भवनहीन), मध्य विद्यालय : दो
उच्च विद्यालय : एक (निर्माणाधीन)
आंगनबाड़ी केंद्र : 10
कृषि और पशुपालन पर निर्भर पंचायत में विकास की गति काफी कमजोर है. बंद पड़ी योजनाओं को धरातल पर उतारने की आवश्यकता है. सड़क, स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में व्यापक सुधार की जरुरत है. घर-घर शौचालय का निर्माण और हर घर नल-जल योजना को सामूहिक प्रयास से ही पूरा किया जा सकता है. शिक्षा और स्वास्थ्य में सुधार के लिए सरकारी स्तर पर सार्थक पहल होनी चाहिए.
राम प्रवेश कुमार, शिक्षक
निमरौली पुरवारी टोल, उसरा, रही टोल, महथा पोखर, गोरार पोखर पर बसे लोगों तक विकास की किरण नहीं पहुंची है. इन जगहों पर ध्यान देने की जरुरत है. जहां आने-जाने के लिए सड़क नहीं है, वहां अन्य सुविधा क्या होगी, अंदाजा लगाया जा सकता है. आपसी खींचतान से पंचायत में अपेक्षित विकास नहीं हो सका है. सामूहिक प्रयास की जरुरत है.
मो. अंजार, वार्ड सदस्य
सरकारी नीतियों और योजनाओं को धरातल पर उतारने में प्रशासनिक अधिकारी और जनप्रतिनिधि विफल रहे हैं. इससे पंचायत का अपेक्षित विकास नहीं हो सका है. बदलाव तो हुआ है, लेकिन जितना होना चाहिए, नहीं हुआ है.
कैलाश कुमार राय, ग्रामीण
शिक्षा के प्रति जागरुक लोगों का हर क्षेत्र में विकास हो रहा है. यहां शिक्षा को लेकर लोगों में उतनी जागरुकता नहीं है. नतीजतन, सरकारी योजनाओं की पेंच को ग्रामीण समझ नहीं पा रहे. आपसी खींचतान से कई योजना धरातल पर उतरने से पहले ही दम तोड़ रही है.
बद्री नारायण मिश्र, ग्रामीण
पहिले से त बहुत बदलाव भेलै य. गांव में दुकान सब बहुते खुलि गेलै. कच्चा मकान के जगह पक्का मकान बनि गेलै. गांव में जहां-तहां सड़क बनलै, बहुतो जगह पर अभियो सड़क नइ बनलै है. गांव के लोग के कीचड़ से छुटकारा नइ मिललै. त ई कोन विकास भेलै.
फकीरा राय, ग्रामीण
इन सुविधाओं की है जरूरत
प्राथमिक स्वास्थ्य उपकेंद्र का निर्माण हो
पशु चिकित्सालय खोला जाये, किसानों के लिए सरकारी नलकूप लगे
निजी नलकूपों तक बिजली पहुंचायी जाये, सार्वजनिक शौचालय का निर्माण हो
पंचायत सरकार भवन बने, प्रमुख सड़कों का निर्माण हो
जलजमाव की समस्या से छुटकारा मिले
पुराने नाला की उड़ाही और नए नाला का निर्माण हो
सड़कों पर प्रकाश के लिए सोलर लाइट लगायी जाए
कृषि उपज की बिक्री का समुचित प्रबंध हो
टूटे बिजली के पोल और जर्जर तार को बदला जाए
मॉडल पंचायत को लेकर सर्वेक्षण होने और उच्च विद्यालय का निर्माण होने से लोगों में खुशी है. अहल्यास्थान से पंचायत को जोड़ने वाली मुख्य सड़क सहित कई अन्य सड़कों का निर्माण नहीं होने से परेशानी है. पंचायत प्रतिनिधि सहित ग्रामीण इस मुद्दे पर अनशन और धरना तक दे चुके हैं. आश्वासन के बाबजूद आठ वर्षों में कई लंबित योजना को पूर्ण कराने में प्रशासनिक स्तर पर तेजी नहीं लायी गयी.
ललन पासवान, पंसस
अन्य पंचायत जहां स्मार्ट बनने की दिशा में अग्रसर है, वहीं इस पंचायत का आधा-अधूरा विकास मुंह चिढ़ा रहा है. प्रमुख सड़क और नाला का निर्माण नहीं हो सका है. इसे प्राथमिकता के आधार पर पूरा करने की योजना बनायी गयी है. पंचायत सरकार भवन का निर्माण नहीं हुआ है. स्वास्थ्य उप केंद्र और किसानों की कई समस्या जस की तस है. इसके लिए सामूहिक प्रयास की जरुरत है.
नागेन्द्र शर्मा, मुखिया
गरीब, मजदूर और किसान की हालत नहीं बदल रही है. गरीबों को पेंशन की राशि नहीं मिल रही है. किसानों को बाढ़-सुखाड़ का अनुदान समय पर नहीं मिल पाता है. पटवन के लिए खेतों में सरकारी नलकूप की व्यवस्था होनी चाहिए. निजी नलकूपों तक बिजली पहुंचायी जानी चाहिए, समय पर उन्नत किस्म के खाद-बीज उपलब्ध कराने की व्यवस्था के साथ ही उपज का उचित मूल्य मिले.
राम प्रसाद पासवान, ग्रामीण

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