दरभंगा : बिहार में दरभंगा जिला के कमतौल थाना क्षेत्र के करवा-तरियानी पंचायत के रजौन गांव में सदर थाना क्षेत्र के सारामोहनपुर से धूमधाम से शादी करने रविवार को आया दूल्हा सोमवार को बैरंग बिना दुल्हनकेही अपने पिता और परिजनों के साथ घर लौट गया है. बताया जाता है कि दूल्हे के पिता (समधी) द्वारा लियेगये दहेज की राशि दुल्हन के परिजनों को लौटा दिया गया है. वहीं दूल्हे के नाम से खरीदी गयी बाइक और कई अन्य सामग्री उन्हें दे दी गयी है.
बताया जाता है कि दूल्हा पहले से शादीशुदा था और उसकी उम्र भी दुल्हन से काफी अधिक थी. इस बात का पता दुल्हन के परिजनों को शादी से तीन दिन पहले जानकारी मिल गया था. उस समय ही शादी नहीं करने का निर्णय ले लिया गया था. दूल्हे के परिजनों को शादी नहीं करने की कोई जानकारी नहीं दी गयी. रविवार को दोपहर शादी समारोह होना था. उसके लिए सजधज कर दूल्हे राजा और बाराती रजौन पहुंचे थे. पूरी बारात आने के बाद लड़की के परिजनों ने शादी नहीं होने और ली गयी रकम वापस करने को कह दिया. इससे मामला उलझ गया था.
ग्रामीणों की मानें तो इस शादी के लिए दोनों पक्ष के महिलाओं द्वारा बातचीत तय किया गया था. शादी से पहले एक बाइक और नकद रुपये भी दियेगये थे. शादी से तीन दिन पूर्व लड़की वालों को लड़के की पहले दो शादी और अधिक उम्र होने की जानकारी मिली थी. उस समय ही परिजनों ने बारात लौटा देने की ठान ली थी. लेकिन, दहेज की रकम लेने के लिए उन्हें जानकारी नहीं दी गयी थी.
शादी से इंकार करने और ली गयी रकम को वापस किये जाने के विवाद का निपटारा करने सोमवार को सारमोहनपुर के मुखिया मुन्नी खातून, सरपंच अशोक कुमार यादव सहित कई ग्रामीण रजौन पहुंचे थे. जहां स्थानीय पूर्व मुखिया आफाक आलम, भवनाथ झा सहित कई गणमान्य भी उपस्थित थे. दोनों पक्षों की रजामंदी से विवाद का निपटारा किया गया. इसके बाद दूल्हे और उसके परिजन वापस चले गये.