दरभंगा : बिहारमें दरभंगा के बहेड़ीमें एक किशोरी की भक्ति देख श्रद्धालुओं की आंखें फटी की फटी रह गयीं. बहेड़ी के सिरुआ गांव के अरुण सिंह की पुत्री कोमल कुमारी (16) ने माता के चरणों में अर्पण करने के लिए खुद की आंख निकाल ली. अपनी अंगुली से उसने बायीं आंख निकाल ली. जब तक धर्मसार दुर्गा मंदिर में मौजूद अन्य श्रद्धालुओं की नजर पड़ती, उसकी आंख बाहर लटक चुकी थी. चेहरा लहूलुहान हो गया था. एक पल के लिए लोगों की समझ में कुछ भी नहीं आया, जब बात समझ में आयी तो आनन-फानन में अस्पताल लेकर भागे. हालांकि इस अवस्था में भी किशोरी माता को अपनी आंख अर्पित करने की जिद करती रही. इस घटना से पूरा इलाका सन्न है.
जानकारी के अनुसार चैती नवरात्र पर धर्मसार में हो रही माता की पूजा को लेकर शनिवार को बेल तोड़ी के लिए कलश शोभायात्रा निकाली गयी थी. इसमें कोमल भी शामिल थी. वह अन्य कुंवारी कन्याओं के साथ कलश लेकर मंदिर पहुंची. वहां माता का पट खोलने से पूर्व परंपरानुरूप चक्षु दान के लिए पूजा-अर्चना हो रही थी. इसी बीच कोमल ने माता को खुद की आंख चढ़ाने की बात मंदिर के पुजारी से कही. पुजारी ने इसे मजाक समझ अनसुना कर दिया. इस दौरान वह सिर झुकाये खड़ी रही. लोगों को लगा कि शायद वह माता का ध्यान कर रही है.
बताया जाता है कि इसी क्रम में वह अपनी अंगुलियों से आंख निकालने लगी. अचानक उसने अपनी बायीं आंख को बाहर निकाल लिया. आंख बाहर निकलकर लटक गयी. यह देख मौजूद लोगों की आंखें फटी रह गयीं. सभी सन्न रह गये. उसकी आंखों से खून की धार बह निकली. पूरा चेहरा लहूलुहान हो गया. इसके बाद भी कोमल अपनी आंख माता को अर्पित करने की जिद्द पर अड़ी रही. यह देख आसपास के लोगों ने उसके दोनों हाथ पकड़ लिये. किसी तरह मंदिर में मौजूद लोगों ने स्थिति पर काबू पाया. इसी बीच कुछ लोगों ने उसके परिजनों को घटना की सूचना दी. आनन-फानन में उसे डीएमसीएच में भर्ती कराया गया, जहां उसका उपचार चल रहा है. उसके आंख की जांच की जा रही है. चिकित्सकों ने कई जांच करवाया है. देर शाम रिपोर्ट आने के बाद ही स्थिति स्पष्ट हो पायेगी, लेकिन जानकार बताते हैं कि कोमल की बायीं आंख की रोशनी चले जाने का खतरा है.
ग्रामीणों के अनुसार कोमल माता दुर्गा की अनन्य भक्त है. घर में भी उसका अधिकांश वक्त पूजा-अर्चना में ही बीतता है. इससे पूर्व कोमल शुक्रवार को भी कलश यात्रा में शामिल थी. उसके बाद वह मंदिर में पहुंच कर माता के नाम से गुप्त दान दिया था. उसने एक छोटी सी पोटरी मंदिर के पुजारी को दी थी, जिसे पुजारी ने दान-पात्र में डाल दिया था. बताया जाता है कि उसमें 21 सौ रुपये के साथ माता की चांदी की एक मूर्ति भी थी. कोमल की इस ‘भक्ति’ की चर्चा पूरे क्षेत्र में है.