बार-बार पीड़ितों को राहत के लिए नहीं देना होगा आवेदन
दरभंगा : बाढ़ प्रभावित इलाके के पीड़ितों को बार-बार राहत के लिए आवेदन नहीं देना पड़ेगा. स्वतः उनका नाम ऑनलाइन दर्ज किया जाएगा. गुरुवार को ऑनलाइन समीक्षात्मक बैठक में वरीय तकनीकी प्रबंधक डॉ शैलेश कुमार श्रीवास्तव ने उपस्थित आपदा प्रबंधन पदाधिकारी एवं अधीनस्थ डाटा ऑपरेटर को प्रशिक्षण के रूप में जानकारी देते हुए बताया कि […]
By Prabhat Khabar Digital Desk |
July 6, 2018 4:45 AM
दरभंगा : बाढ़ प्रभावित इलाके के पीड़ितों को बार-बार राहत के लिए आवेदन नहीं देना पड़ेगा. स्वतः उनका नाम ऑनलाइन दर्ज किया जाएगा. गुरुवार को ऑनलाइन समीक्षात्मक बैठक में वरीय तकनीकी प्रबंधक डॉ शैलेश कुमार श्रीवास्तव ने उपस्थित आपदा प्रबंधन पदाधिकारी एवं अधीनस्थ डाटा ऑपरेटर को प्रशिक्षण के रूप में जानकारी देते हुए बताया कि जिन बाढ़ पीड़ितों का नाम पिछले वर्ष दर्ज किया गया है. उन्हें डाटा के माध्यम से अपडेट करें. नया नाम जुड़ने के लिए अलग से ऑप्शन दिया गया है. साथ ही जिन लोगों के नामों में अशुद्धियां है, उन्हें दूर कर शुद्ध करने की जानकारी दी. उन्होंने उपस्थित डाटा ऑपरेटर से कहा कि संबंधित प्रखंड के डाटा ऑपरेटर को इस संबंध में तिथि निर्धारित कर विशेष प्रशिक्षण दें. बैठक में आपदा प्रबंधन प्रभारी पदाधिकारी पुष्पेश कुमार सहित अधीनस्थ डाटा ऑपरेटर मौजूद थे.
बाढ़ पूर्व तैयारियों का सेना की टीम ने लिया जायजा : आगामी बाढ़ पूर्व तैयारियों को लेकर सेना की छह सदस्यीय टीम दो दिवसीय दौड़े पर हैं. यह टीम शुक्रवार को वापस हो जाएगी. इसकी जानकारी देते हुए आपदा प्रबंधन प्रभारी पदाधिकारी पुष्पेश कुमार ने बताया कि बाढ़ प्रभावित इलाके घनश्यामपुर गौड़ा बौड़ाम, हनुमाननगर, बिरौल, कुशेश्वरस्थान, कुशेश्वरस्थान पूर्वी आदि क्षेत्रों का सेना द्वारा सर्वेक्षण किया जा रहा है। ताकि बाढ़ के समय इन क्षेत्रो में राहत एवं बचाव कार्य तीव्र गति से किया जा सके.
खतरे के निशान से उपर बह रही बागमती नदी
केंद्रीय जल आयोग ने डीएम को दैनिक बाढ़ जल स्तर प्रतिवेदन गुरुवार के सुबह छह बजे का भेजा है इसके अनुसार बागमती नदी बेनीबाद में खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. वहीं कमला बलान झंझारपुर में खतरे के निशान के करीब है. प्रतिवेदित जल स्तर के आंकड़े अनुसार केंद्रीय जल आयोग द्वारा जल स्तर मापक स्केल को देखते हुए बताया गया है कि बागमती नदी का बेनीबाद में खतरे का निशान 48. 68 मीटर के विरुद्ध 49.130 मीटर के करीब से बह रही है. हायाघाट में खतरे के निशान 45 .72 मीटर के विरुद्ध 41.690 मीटर करीब से बह रही है. अधवारा समूह की नदियां कमतौल में खतरे का निशान 50 मीटर के विरुद्ध 48 .860 मीटर के करीब से बह रही है, जबकि एकमीघाट में खतरे के निशान 46. 94 मीटर के विरुद्ध 43.980 मीटर करीब से बह रही है. कमला बलान झंझारपुर में खतरे के निशान 50 मीटर के विरुद्ध 50.147 मीटर करीब से बह रही है.
डीएम ने तलब किया तटबंध पर भंडारित सामग्रियों का प्रतिवेदन : तटबंध पर भंडारित की गयी सामग्रियों का प्रतिवेदन अविलंब उपलब्ध कराने का निर्देश डीएम डॉ. चंद्रशेखर सिंह ने संबंधित कार्यपालक अभियंता को दिया है. ताकि समय रहते तटबंध मरम्मती में उपलब्ध सामग्रियों का भौतिक सत्यापन किया जा सके. डीएम डॉ. सिंह ने गुरुवार को पत्र जारी करते हुए कहा है कि भंडारित सामग्रियों का प्रतिवेदन उपलब्ध कराने के लिए लगातार प्रतिवेदित किया गया है,
बावजूद अब तक संबंधित विभाग के कार्यपालक अभियंता द्वारा स्पष्ट प्रतिवेदन उपलब्ध नहीं कराया गया है. इस पर उन्होंने खेद व्यक्त किया है. मालूम रहे कि पिछले अनुभवों से तटबंधों की मरम्मती को लेकर कई कार्यपालक अभियंता एवं अभियंता सहित सामान्य पदाधिकारियों पर कार्रवाई करते हुए विभाग को डीएम द्वारा पत्र लिखा गया था. ज्ञात हो कि कार्यपालक अभियंता द्वारा मरम्मत किए गये तटबंधों के नाम, विवरण, भंडारित सामग्री की मांग आदि उपलब्ध कराया जाना है.