नदी से मिट्टी कटाई ने ले ली किशोरों की जान
बुझ गया शोएब के घर का चिराग तंगहाली झेल रहे मजदूरों के घर में पसरा मातमी सन्नाटा एक साथ तीन बच्चों की मौत से गांव में मचा कोहराम सदर : नदी में एक बार फिर अवैध मिट्टी खनन ने जान ले ली. बागमती नदी में पिछले दिनों काटी गयी मिट्टी के कारण बन गये गहरे […]
बुझ गया शोएब के घर का चिराग
तंगहाली झेल रहे मजदूरों के घर
में पसरा मातमी सन्नाटा
एक साथ तीन बच्चों की मौत से गांव में मचा कोहराम
सदर : नदी में एक बार फिर अवैध मिट्टी खनन ने जान ले ली. बागमती नदी में पिछले दिनों काटी गयी मिट्टी के कारण बन गये गहरे गड्ढे में डूबने से शीशो पश्चिमी गांव के तीन किशोरों की मौत हो गयी. ग्रामीण इससे खासे नाराज हैं.
मालूम हो कि नवी अहमद के बगीचा के समीप पुल के पास नदी में नहाने के दौरान आलमगीर अंसारी के पुत्र आदिल अंसारी, शोएब खान के पुत्र तौसीद खान एवं अहमद अंसारी के पुत्र सोहैल अंसारी डूब गये. लोगों ने बताया कि जिस जगह यह घटना हुई है उसी जगह करीब 50 फीट में गहरा गड्ढा खोदकर मिट्टी काट ली गयी. इसी में डूबने से गांव के तीन बच्चे मर गये. यहां बता दें कि आये दिन इस तरह के गड्ढों में डूबने से जिला के विभिन्न हिस्सों में मौतें होती रहती हैं. इसे लेकर खनन विभाग ने अवैध मिट्टी खनन पर सख्ती से रोक लगा रखा है. हालांकि इसका कहीं अनुपालन नहीं होता.
इधर एक साथ गांव के तीन बच्चों की मौत से कोहराम मच गया है. कारूणिक चित्कार से वातावरण गमगीन हो गया है. ढांढ़स बंधाने की हिम्मत तक लोग नहीं जुटा पा रहे. तीनों परिवार अत्यंत गरीब है. तीनों के पिता मजदूरी कर परिवार का भरण-पोषण करते हैं. इसमें आदिल के पिता यहीं रहकर मजदूरी करते हैं. वहीं तौसीद के पिता मजदूरी के लिए बाहर रहते हैं. सोहैल के पिता दर्जी का काम कर दोजून की रोटी का जुगाड़ कर पाते हैं.
तौसीद की मौत के साथ ही शोएब के घर का चिराग बुझ गया. वह उसका इकलौता पुत्र था. इधर तीन भाई में आदिल दूसरे नंबर पर था, चार भाई में सोहैल का नंबर तीसरा था. किसी को पता नहीं था कि खेल-खेल में तीनों की जिंदगी का खेल खत्म हो जायेगा.