बस-बोलेरो की टक्कर में दो की मौत, सड़क जाम

गायघाटः मुजफ्फरपुर-दरभंगा एनएच-57 पर जारंग डीह गांव के समीप गुरुवार की सुबह बस व बोलेरो की टक्कर में दो की मौत हो गयी. वहीं पांच अन्य लोग जख्मी हो गये. मृतकों में मधुबनी जिले के बिस्फी थाना क्षेत्र के रघौली निवासी बोलेरो चालक शत्रुघ्न यादव व सुभाष चंद्र गुप्ता की पुत्री शिखा गुप्ता (15) शामिल […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 30, 2014 6:10 AM

गायघाटः मुजफ्फरपुर-दरभंगा एनएच-57 पर जारंग डीह गांव के समीप गुरुवार की सुबह बस व बोलेरो की टक्कर में दो की मौत हो गयी. वहीं पांच अन्य लोग जख्मी हो गये. मृतकों में मधुबनी जिले के बिस्फी थाना क्षेत्र के रघौली निवासी बोलेरो चालक शत्रुघ्न यादव व सुभाष चंद्र गुप्ता की पुत्री शिखा गुप्ता (15) शामिल हैं.

घटना से आक्रोशित लोगों ने सड़क को जाम कर प्रशासन के विरोध में नारेबाजी की. सूचना मिलने पर पहुंचे गायघाट बीडीओ संजीव कुमार व थानाध्यक्ष शिवमंगल सिंह ने लोगों को समझा कर करीब तीन घंटे बाद जाम हटवाया. तब शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए एसकेएमसीएच भेजा गया. जानकारी के अनुसार, मोतिहारी जिले के ढाका निवासी सुभाष चंद्र गुप्ता अपनी बहन की ससुराल दरभंगा जिले के कमतौल से शादी समारोह में भाग लेने पटना जा रहे थे. पटना में गुरुवार को उनकी भांजी की शादी थी. इसी क्रम में जारंग डीह गांव के समीप मुजफ्फरपुर से आ रही यात्री बस ने बोलेरो में ठोकर मार दी. इससे बोलेरो चालक श्री यादव व उस पर सवार शिखा ने घटनास्थल पर ही दम तोड़ दिया. जबकि पांच लोग जख्मी हो गये. सभी एक ही परिवार के थे.

बताया जाता है कि टक्कर इतनी जोरदार थी कि बोलेरो के परखच्चे उड़ गये. वहीं बस का गुल्ला टूट जाने के कारण टायर सेट बाहर आ गया. दुर्घटना के बाद स्थानीय ग्रामीणों ने बड़ी मशक्कत के बाद बोलेरो से मृतका की मां रेखा गुप्ता, अवधेश गुप्ता की पुत्री, बहन रिमङिाम गुप्ता, लॉली गुप्ता व सुभाष चंद्र गुप्ता व एक अन्य को बाहर निकाला. सभी को तत्काल स्थानीय पीएचसी में भरती कराया गया. प्राथमिक उपचार के बाद सभी को एसकेएमसीएच भेज दिया गया. जहां गंभीर स्थिति देख डॉक्टरों ने रिमङिाम गुप्ता, रेखा गुप्ता व लॉली गुप्ता को पटना रेफर कर दिया.

पांच महीने में 53 की मौत

जाम पर डटे आक्रोशित लोगों का कहना था कि यहां फोरलेन के पांच किमी में वन-वे होने के कारण पिछले पांच महीने में 53 लोगों की जान सड़क दुर्घटना में जा चुकी है. बावजूद प्रशासन की नींद नहीं खुल रही है. ग्रामीण दुर्घटना का कारण एनएचएआइ के अधिकारियों की लापरवाही बता रहे थे.

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