प्रदूषण जांच केंद्र नहीं खोलने पर रद्द होगा पंप का लाइसेंस

प्रदूषणप्रमाण पत्र नहीं रहने से वाहन स्वामियों को देना पड़ रहा जुर्माना शहर में वाहनों के कारण 25 फीसदी प्रदूषण दरभंगा : जिले के सभी पेट्रोल पंप पर प्रदूषण जांच केंद्र खोलना अनिवार्य कर दिया गया है. उच्चतम न्यायालय के निर्देश पर यह कदम उठाया जा रहा है. प्रदूषण जांच केंद्र नहीं खोलने वाले पेट्रोल […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 22, 2019 6:30 AM

प्रदूषणप्रमाण पत्र नहीं रहने से वाहन स्वामियों को देना पड़ रहा जुर्माना

शहर में वाहनों के कारण 25 फीसदी प्रदूषण
दरभंगा : जिले के सभी पेट्रोल पंप पर प्रदूषण जांच केंद्र खोलना अनिवार्य कर दिया गया है. उच्चतम न्यायालय के निर्देश पर यह कदम उठाया जा रहा है. प्रदूषण जांच केंद्र नहीं खोलने वाले पेट्रोल पंपों के लाइसेंस का नवीकरण नहीं हो सकेगा. उच्चतम न्यायालय के निर्देश के आलोक में जिला परिवहन विभाग ने सभी पेट्रोल पंप अनुज्ञप्तिधारियों को इस बावत नोटिस जारी कर दिया है. फिलहाल जिला में 14 पीयूसी केंद्र खुले हैं.
कम केंद्र होने से वाहन स्वामियों को प्रदूषण प्रमाण पत्र प्राप्त करने में असुविधा हो रही है. प्रमाण- पत्र नहीं रहने के कारण वाहन जांच अभियान के दौरान गाड़ी चालकों को जुर्माना भरना पड़ रहा है. स्थिति को देखते हुए पेट्रोल पंपों पर ही जांच केंद्र खोले जाने को कहा गया है. जिला में अलग- अलग पांच कंपनियों का पेट्रोल पंप संचालित है.
शहरी क्षेत्र में दर्जनभर से ऊपर पेट्रोल पंप है. शहर समेत अन्य इलाकों में वाहनों के कारण हो रहे प्रदूषण को नियंत्रण करने के लिए यह निर्णय लिया गया है. बताया जाता है कि शहर में वाहनों के कारण 25 फीसद प्रदूषण फैल रहा है.
पेट्रोल पंप पर होगी सहूलियत : पेट्रोलियम कंपनियां वाहनों से निकलने वाले धुए की जांच के लिए पीयूसी मशीन सहित स्मोक यूनिट स्थापित करेगी. हालांकि केंद्र खोलने के लिए थर्ड पार्टी को भी प्राथमिकता दी गई है. पेट्रोल पंप पर प्रदूषण जांच केंद्र खुलने से वाहन मालिकों को सुविधा होगी. साथ ही इससे प्रदूषण नियंत्रण करने में सहूलियत मिलेगी. इंधन लेने के दौरान दोपहिया और चार पहिया वाहन मालिक प्रदूषण की जांच करा वहां से प्रमाणपत्र ले सकेंगे.
इसीलिए जरूरी है जांच केंद्र : जिला में हर दिन प्रदूषण का लेवल बढ़ता जा रहा है. शहर में कुल प्रदूषण का एक चौथाई यानी 25 फीसद प्रदूषण वाहनों के कारण होता है. प्रदूषण को कम करने के लिए पहले ही 15 साल से पुराने वाहनों के परिचालन पर रोक लगी है. हर पेट्रॉल पंप पर जांच केंद्र खुल जाने से चालक अपने वाहनों की जांच आसानी से करा सकेंगे.

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