स्वच्छता सर्वेक्षण में एक पायदान ऊपर चढ़ा दरभंगा नगर निगम
दरभंगा. शहरी विकास मंत्रालय द्वारा कराये गये वर्ष 2018 के राष्ट्रीय स्वच्छता सर्वेक्षण में शहरी क्षेत्र की साफ-सफाइ मामले में राज्य स्तर पर दरभंगा नगर निगम 1146.26 अंक लाकर चौथा स्थान प्राप्त किया है.प्रभात खबर डिजिटल प्रीमियम स्टोरीJayant Chaudhary: क्या है ऑरवेलियन-1984, जिसका मंत्री जयंत चौधरी ने किया है जिक्रJustice Yashwant Varma Case: कैसे हटाए […]
दरभंगा. शहरी विकास मंत्रालय द्वारा कराये गये वर्ष 2018 के राष्ट्रीय स्वच्छता सर्वेक्षण में शहरी क्षेत्र की साफ-सफाइ मामले में राज्य स्तर पर दरभंगा नगर निगम 1146.26 अंक लाकर चौथा स्थान प्राप्त किया है.
देश में दरभंगा नगर निगम ने 407वां रैंक प्राप्त किया है. बता दे कि बीते वर्ष राष्ट्रीय सर्वेक्षण सूची में नगम को 389वां रैंक प्राप्त हुआ था. साथ ही प्रदेश स्तर पर पांचवा स्थान मिला था. इससे पूर्व यह छठे पायदान पर था. गाइडलाइन के मुताबिक चार हजार अंकों में से कम से कम 1400 अंक लाना अनिवार्य था.
केंद्र की एजेंसी ने पांच माह पूर्व तीन स्तर पर निगम कर्मियों के आमजन से व्यवहार से लेकर साफ-सफाइ की व्यवस्था की हकीकत की जांच जमीनी स्तर की थी. सर्वेक्षण कार्य पूरे होने के बाद छह मार्च को केंद्र सरकार ने स्वच्छता सर्वेक्षण रैंकिग जारी किया है. निगम के पास खुद के डपिंग ग्राउंड का अभाव, कचरा कम्पोस्ट किये जाने के उपकरण आदि संसाधनों की कमी स्वच्छता सर्वेक्षण में और बेहतर रैंकिंग लाने में रोड़ा अटका गया.
दो स्तर पर किया गया था निगम का सर्वेक्षण
सर्वेक्षण में पटना 1685.55 अंक, मुजफ्फरपुर 1319.91, बिहारशरीफ 1300.76, दरभंगा 1146.26, भागलपुर 1067.38 तथा मुंगेर को 1958.57 अंक मिला है. आरा आदि कई निगम सूची में स्थान नहीं बना सका है. बता दे कि दो कैटोगरी में सर्वे किया गया था. इसमें एक लाख से कम जनसंख्या वाले नगर परिषद, नगर पंचायत व उससे अधिक जनसंख्या वाले परिषद व निगम को रखा गया था. एक लाख से उपर जनसंख्या वाले पांच सौ निगम में से दरभंगा को 407वां रैंक मिला है.
तीन स्तर पर सर्वेक्षण किया गया था. पहले स्तर पर नगर क्षेत्र के लोगों को मिल रही निगम की ओर से सेवा, सड़क की सफाई, डोर टू डोर कचरे का उठाव, डपिंग ग्राउंड की स्थिति, कचरा प्रबंधन, कचरा को कम्पोस्ट बनाये जाने को लगे यंत्र, कर्मचारियों का बायोमिट्रिक मशीन से उपस्थिति, लोगों के साथ व्यवहार, शौचालयों की स्थिति, परिवहन, उपचार, प्रसंस्करण को सर्वे में शामिल किया गया था. दूसरे स्तर पर कार्यो का दी गयी रिर्पोट के आधार पर जांच की गयी थी. निगम से मिल रही सेवा पर लोगों की राय भी ली गयी थी.