पति का साथ छूटा, तो बच्चों की खातिर रेबनी बन गयी राजमिस्त्री

मदर्स डे पर विशेष दरभंगा : ‘मां’ को धरती पर भगवान का रूप यूं ही नहीं कहा जाता है. हकीकत में एक मां अपने बच्चों की परवरिश व उनका भविष्य गढ़ने के लिए सबकुछ सहन कर लेती हैं. समाज के मिथक को तोड़ने में भी नहीं हिचकती. इसे चरितार्थ कर रही है प्रखंड क्षेत्र के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 12, 2019 2:15 AM

मदर्स डे पर विशेष

दरभंगा : ‘मां’ को धरती पर भगवान का रूप यूं ही नहीं कहा जाता है. हकीकत में एक मां अपने बच्चों की परवरिश व उनका भविष्य गढ़ने के लिए सबकुछ सहन कर लेती हैं. समाज के मिथक को तोड़ने में भी नहीं हिचकती. इसे चरितार्थ कर रही है प्रखंड क्षेत्र के केवटगामा पंचायत के फकदोलिया निवासी स्व. मनोज राय की पत्नी रेबनी देवी.

बच्चों को दो जून की रोटी देने के लिए करनी-बसुला थाम लिया. वह राजमिस्त्री बन गयी. आज उसके पास काम की कमी नहीं है. वह जी तोड़ मेहनत करती है. इससे जो पैसे मिलते हैं उससे अपने बच्चों का भरण-पोषण करती हैं. उनके पति मनोज राय बाहर मजदूरी करते थे. एक दशक पूर्व बाहर ही उनकी हत्या कर किसी ने शव को पटरी पर फेंक दिया था.

पति की मौत के बाद रेबनी पर विपत्ती का पहाड़ टूट पड़ा. दो पुत्र एवं एक पुत्री के साथ वे कैसे समय गुजारती, यह समस्या उनके सामने खड़ीहो गयी.

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