पटना : केंद्र और राज्य सरकार के वादे और दावों के बीच बिहार में एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) / जापानी इंसेफेलाइटिस (जेई) से बच्चों की मौत का आंकड़ा डेढ़ सौ को पार कर गया है. इस बीमारी से करीब छह सौ बच्चे पीड़ित हुए हैं. वहीं, भवनों की जर्जर हालत और सुविधाओं की कमी से अस्पताल जूझ रहे हैं.
उत्तर बिहार के सबसे बड़े दरभंगा मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल की तस्वीर कुछ ऐसी ही है. मालूम हो कि दरभंगा मेडिकल कॉलेज के चिकित्सक मुजफ्फरपुर में तैनात किये गये हैं. दरभंगा मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल की तस्वीर देख कर ऐसा लगता है कि यहां की इमारत कभी भी धराशायी हो सकती है. दीवारों से लेकर अंदर के कमरों और दरवाजों की स्थिति भयावह है. यहां इलाज करा रहे मरीजों और उनके परिजनों का कहना है कि वे डर के साये में इलाज कराने को मजबूर हैं.
दरभंगा मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में इलाज करा रहे लोगों ने आरोप लगाया है कि अस्पताल में दवाओं की कमी है. अस्पताल के पंखे और एसी काम नहीं कर रहे हैं. उनका कहना है कि इलाज कराने के लिए यहां आना पड़ता है. लेकिन, हमेशा डर सताता रहता है कि कहीं कोई अनहोनी ना हो जाये. अस्पताल प्रशासन भी फंड की कमी का रोना रोते रहते हैं.
वहीं, अस्पताल के अधीक्षक डॉ राज रंजन प्रसाद का कहना है कि इस संबंध में प्रशासन और मंत्री की सूचना दे दी गयी है. फिलहाल कुछ नहीं हुआ है. यहां से कई बार चिट्ठी लिखी गयी. अगर तुरंत कदम नहीं उठाये गये तो भवन का एक हिस्सा किसी भी समय गिर सकता है. अधीक्षक ने कहा कि हमारे हाथ में जो भी है, वह कर रहे हैं. साथ ही कहा कि अनहोनी का डर सताता रहता है. हम सिर्फ कागजी लिखा-पढ़ी कर सकते हैं. अस्पताल के भवन के संबंध में बड़े फैसले तो सरकार को ही करने हैं. साथ ही कहा कि हम ड्यूटी निभाते रहते हैं, साथ में भगवान से प्रार्थना भी करते रहते हैं कि कोई अनहोनी घटना ना घट जाये.
Bihar: The building of Darbhanga Medical College and Hospital (DMCH) is in dilapidated condition&the premises is also in unhygienic conditions along with lack of proper facilities.People say,"There is no medicine. Even fans & ACs are not working. We are buying our own medicines." pic.twitter.com/JpSG2HeA8d
— ANI (@ANI) June 21, 2019
Dr. Raj Ranjan Prasad,Superintendent of DMCH: Authorities and ministers have been informed about the condition in the hospital but nothing has happened yet. I have written to them many a times. If something is not done immediately parts of the building can collapse. pic.twitter.com/opsn2GL3VL
— ANI (@ANI) June 21, 2019