टापू में तब्दील हो गया शहर का कटरहिया मुहल्ला

दरभंगा : वार्ड 17 का कटरहिया मोहल्ला पूरी तरह से टापू में तब्दील हो गया है. मोहल्ला की सभी सड़कें जलमग्न है. जल निकासी की कोई व्यवस्था नहीं होने के कारण निकट भविष्य में जल जमाव से लोगों को राहत मिलने की भी संभावना नहीं दिख रही है. लगातार जलजमाव से निकट भविष्य में इस […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 12, 2019 2:37 AM

दरभंगा : वार्ड 17 का कटरहिया मोहल्ला पूरी तरह से टापू में तब्दील हो गया है. मोहल्ला की सभी सड़कें जलमग्न है. जल निकासी की कोई व्यवस्था नहीं होने के कारण निकट भविष्य में जल जमाव से लोगों को राहत मिलने की भी संभावना नहीं दिख रही है. लगातार जलजमाव से निकट भविष्य में इस मुहल्ले में महामारी की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता है. लोगों को दैनिक कार्य में भी दिक्कत आ रही है. मुहल्ले के हजारों बच्चे स्कूल नहीं जा पा रहे. काम काजी महिलाएं घर बैठने को मजबूर हैं.

दैनिक उपयोग के सामान यथा दूध, सब्जी आदि खरीदने के लिए निकलने के लिए भी लोगों को सौ बार सोंचना पड़ता है. निजी जमीन पर बना कच्चा नाला भर दिये जाने के कारण जलनिकासी अवरुद्ध है. समस्या के कारण लोग अपने यहां आने वाले आगंतुकों को भी आने से मना कर दे रहे हैं. पिछले दिनों निगम के अधिकारियों ने स्थल मुआयना किया था. जल निकासी के संबंध में स्थानीय लोगों से बात की. समाधान निकालने की बात की गयी पर अबतक स्थिति जस की तस बनी है. लोगों का कहना है कि उनका जीना मुहाल हो गया है.
शाम ढलते ही घरों में कैद हो जा रहे लोग : दिन में तो कुछ लोग घरों से निकल कर काम आदि पर जाते हैं पर शाम होने से पहले ही सभी वापस घर लौट आते हैं. लगातार वर्षा के कारण सड़क पर जलस्तर लगातार उपर नीचे हो रहा है. इस कारण अंधेरे में आवागमन खतरनाक बन गया है. ऊपर से पानी जमा होने से सड़क व नाला की पहचान मिट गयी है. इस कारण लगातार लोग नाला में गिर कर चोटिल भी हो रहे हैं. बच्चों के घर से निकलने पर लोगों ने पूरी तरह से पावंदी लगा रखी है.
बच्चे स्कूल भी नहीं जा पा रहे हैं. दुर्गा मंदिर से पश्चिम रेलवे लाइन की ओर थोड़ी उंची सड़क रहने के कारण लोग दिनचर्या का सामान लेने लाइन के बगल से कीचड़ युक्त पगड़डी के सहारे दोनार गुमटी या रेलवे स्टेशन की ओर किसी तरह से निकल पा रहे हैं. जलजमाव के कारण सड़क व नाला में कोइ भेद नहीं रहने से शाम ढलते ही लोग घरों में कैद हो जा रहे है. सबसे बड़ी समस्या कामकाजी महिलाओं, स्कूली बच्चों व बुजुर्गों को हो रही है.

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