बगही एचएम को कम्युनिटी किचन चालू करने का आदेश

सीओ ने किया बाढ़ प्रभावित क्षेत्र का दौरा, बांटा पॉलीथिन बेनीपुर : प्रखंड की रमौली पंचायत के बगही एवं रही टोल के बाढ़ पीड़ित परिवारों के बीच सीओ पंकज कुमार झा लंबे अवकाश से वापस आते ही राहत वितरण का काम प्रारंभ कर दिया गया है. सीओ ने गुरुवार को एक सौ परिवार को पॉलीथिन […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 19, 2019 2:07 AM

सीओ ने किया बाढ़ प्रभावित क्षेत्र का दौरा, बांटा पॉलीथिन

बेनीपुर : प्रखंड की रमौली पंचायत के बगही एवं रही टोल के बाढ़ पीड़ित परिवारों के बीच सीओ पंकज कुमार झा लंबे अवकाश से वापस आते ही राहत वितरण का काम प्रारंभ कर दिया गया है. सीओ ने गुरुवार को एक सौ परिवार को पॉलीथिन उपलब्ध कराते हुए बगल के विद्यालय में सामुदायिक कीचन चालू करने का आदेश बगही विद्यालय के एचएम को दिया. साथ ही पीड़ित परिवारों को छह हजार रुपये प्रति परिवार की दर से बाढ़ राहत के लिए अनुमोदित कर जिला को भेज दिया.

सीओ ने कहा कि रमौली पंचायत में 22 सौ हेक्टेयर में शत-प्रतिशत फसल की क्षति हुई है. इसकी सूची प्रखंड कृषि कार्यालय को अनुशंसा कर उपलब्ध करा दी गयी है. वहीं नवादा पंचायत में भी कई बाधो में बाढ़ का पानी आने से हजारों एकड़ फसल की बर्बादी हुई है. सीओ ने कहा कि इस तरह की सूचना नहीं है. जांच की जायेगी. फसल क्षति होने पर मुआवजा की अनुशंसा की जायेगी.

वहीं नगर परिषद क्षेत्र के वार्ड 26, 27, 28 एवं 29 में बाढ़ का पानी प्रवेश कर जाने से हजारों एकड़ फसल की बर्बादी हुई है. साथ ही कई लोगों के घरों में पानी प्रवेश कर जाने से माल-मवेशी को लेकर पीड़ित ऊंचे स्थानों पर शरण लेने को मजबूर हैं. यहां अभी तक अंचल व नगर प्रशासन की ओर से राहत के नाम पर कोई व्यवस्था नहीं किए जाने से लोगों में आक्रोश है. इस संबंध में सीओ ने कहा कि नगर परिषद के चार वार्ड आंशिक रूप से प्रभावित हैं. इसमें वार्ड 26 एवं 27 वलहा अलीनगर अंचल में पड़ता है.

यहां के पीड़ितों को अलीनगर अंचल से फसल एवं बाढ़ राहत की व्यवस्था की जायेगी. बेनीपुर अंचल के अधीन पढ़ने वाले वार्ड 28 एवं 29 के प्रभावित लोगों की सूची नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी को देने को कहा गया है. उपलब्ध होते ही पीड़ित परिवारों को नियमानुसार प्रति परिवार छह हजार रुपया बाढ़ राहत के रूप में दिया जायेगा. इधर पानी से चारों ओर घिरे लगभग पांच दर्जन महादलित परिवार के लोग प्रशासन की ओर टकटकी लगाए टापू बने टोले पर वक्त गुजारने को मजबूर हैं.

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