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दरभंगा संस्कृत विवि के 22 प्राचार्य हुए बर्खास्त

दरभंगा : पटना हाइकोर्ट ने मंगलवार को कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय के 22 कमीशंड प्रिंसिपल की सेवा समाप्त करने का फैसला सुनाया. साथ ही कोर्ट ने कुलपति को तीन महीने के अंदर विधिसम्मत सफल उम्मीदवारों की सूची तैयार करने को कहा. इनमें से 20 प्राचार्य अभी कार्यरत हैं, दो रिटायर हो चुके हैं.प्रभात खबर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 25, 2019 4:15 AM

दरभंगा : पटना हाइकोर्ट ने मंगलवार को कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय के 22 कमीशंड प्रिंसिपल की सेवा समाप्त करने का फैसला सुनाया. साथ ही कोर्ट ने कुलपति को तीन महीने के अंदर विधिसम्मत सफल उम्मीदवारों की सूची तैयार करने को कहा. इनमें से 20 प्राचार्य अभी कार्यरत हैं, दो रिटायर हो चुके हैं.

न्यायाधीश डॉ अनिल कुमार उपाध्याय की एकल पीठ ने इस संबंध में दायर रिट याचिका पर सुनवाई करते हुए यह फैसला सुनाया. कोर्ट ने प्राचार्यों की नियुक्ति को रद्द करते हुए कहा कि हटाये गये प्राचार्य भी चयन में शामिल हो सकते है. यदि वे सफल घोषित होते हैं, तो उन्हें हटाये गये अवधि का भी वेतन और अन्य सुविधाओं का लाभ प्राप्त होगा. डॉ रमेश कुमार झा एवं अन्य ने राज्य सरकार एवं अन्य के खिलाफ 2011 में वाद दायर किया था.
बरती गयी थी इस तरह की अनियमितता
नियुक्ति के दौरान कई तरह की अनियमितता बरती गयी थी. आवेदकों ने गैर मान्यताप्राप्त पत्रिका में प्रकाशित आलेखों का उपयोग किया था. साथ ही कई ने वित्तरहित कॉलेजों के साथ ही फर्जी अनुभव प्रमाणपत्र लगा रखा था. चयन समिति ने इन सभी का लाभ आवेदक को दे दिया था. कॉलेजों में प्राच्य भाषा के बदले अंग्रेजी के शिक्षक को प्राचार्य बना दिया गया. वहीं, नियुक्ति के बाद प्रकाशित आलेख का भी अंक आवेदक को मिल गया था.

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