नयी दिल्ली : बिहार सरकार ने दरभंगा में राज्य के दूसरे एम्स की स्थापना का मार्ग प्रशस्त करते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को सूचित किया है कि दरभंगा मेडिकल कॉलेज की जिस इमारत में एम्स बनाये जाने का प्रस्ताव है, उसकी इमारत, विरासत भवन की श्रेणी में नहीं आती है. स्वास्थ्य मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार बिहार सरकार ने दरभंगा मेडिकल कॉलेज की इमारत और परिसर, विरासत स्थल की श्रेणी में आने सहित अन्य मूलभूत सुविधाओं के बारे में स्थिति को स्पष्ट करते हुए केंद्रीय मंत्रालय के समक्ष एक प्रस्ताव भेजा है. स्वास्थ्य मंत्री डाॅ. हर्षवर्धन ने बिहार सरकार के स्पष्टीकारण के साथ मिले प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है.
उल्लेखनीय है कि बिहार में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) की श्रेणी में पहला अस्पताल पटना में स्थापित किया गया था. दरभंगा मेडिकल काॅलेज को एम्स की तर्ज पर विकसित करने के लिये राज्य सरकार द्वारा चिन्हित भूखंड के प्रस्ताव को केंद्र ने हाल ही में कुछ आपत्तियों के साथ खारिज कर दिया था. मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि बिहार सरकार ने दरभंगा मेडिकल काॅलेज परिसर, विरासत स्थल के दायरे में नहीं आने का स्पष्टीकरण दिया है.
राज्य सरकार ने अपने प्रस्ताव में एम्स के लिये जरूरी अन्य प्रतिबद्धताओं को भी पूरा करने का विश्वास जताया है. इसके बाद अब मंत्रालय बिहार के दरभंगा में एम्स की स्थापना के प्रस्ताव को केंद्रीय मंत्रिमंडल की मंजूरी के लिये भेजेगा. अधिकारियों ने मंत्रिमंडल की मंजूरी मिलने और अन्य औपचारिकताएं पूरी होने के बाद इस साल के अंत तक दरभंगा एम्स का निर्माण कार्य शुरू होने की उम्मीद जतायी है. उल्लेखनीय है कि इसकी अनुमानित लागत लगभग 1300 करोड़ रुपये है. राज्य सरकार ने दरभंगा एम्स के लिये मेडिकल काॅलेज परिसर सहित आसपास के क्षेत्र में 200 एकड़ जमीन देने का प्रस्ताव दिया है.