profilePicture

मिथिला की कला, संस्कृति एवं ऐतिहासिक धरोहर समृद्धशाली

गौरवमयी इतिहास से रू-ब-रू हो गौरवान्वित महसूस कर रहे लोगप्रभात खबर डिजिटल प्रीमियम स्टोरीJayant Chaudhary: क्या है ऑरवेलियन-1984, जिसका मंत्री जयंत चौधरी ने किया है जिक्रJustice Yashwant Varma Case: कैसे हटाए जा सकते हैं सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के जज?Spies In Mauryan Dynasty : मौर्य काल से ही चल रही है ‘रेकी’ की परंपरा, आज […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 25, 2020 2:40 AM

गौरवमयी इतिहास से रू-ब-रू हो गौरवान्वित महसूस कर रहे लोग

महाराजाधिराज लक्ष्मीश्वर सिंह संग्रहालय में संग्रहालय सप्ताह शुरू
दरभंगा : मिथिला की कला, संस्कृति व ऐतिहासिक धरोहर काफी संपन्न है. जिला मुख्यालय में दो संग्रहालयों में इन धरोहरों को संरक्षित कर रखा गया है. इन्हें देख कर लोग अपनी कला व संस्कृति पर गर्व महसूस करते हैं.
लोगों को इन धरोहरों से रू-ब-रू कराने को लेकर शुक्रवार से लक्ष्मीश्वर सिंह संग्रहालय में एक सप्ताह तक विशेष प्रदर्शनी की शुरुआत की गयी. समझा जाता है कि इससे युवाओं में धरोहरों के संरक्षण के प्रति जागरुकता बढ़ेगी. एक सप्ताह के भीतर लोगों को इस ओर जागरुक करने को लेकर संगोष्ठी, कार्यशाला आदि का आयोजन होगा.
चित्र प्रदर्शनी में देवी- देवताओं की मूर्ति, मिथिला पेंटिग आदि प्रदर्शित किया जाएगा. प्रदर्शनी का उदघाटन एमएलएसएम कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ विद्यानाथ झा ने किया. प्रदर्शनी को लेकर लोगों में खासा उत्साह देखा गया. गौरवमयी इतिहास से लोग रू-ब-रू हुए. अपने आपको गौरवान्वित महसूस किया.
पुरातात्विक सामग्रियों के संरक्षण पर बल : कार्यशाला की अध्यक्षता करते हुए लनामिवि पीजी इतिहास विभाग के पूर्व अध्यक्ष डॉ तुलाकृष्ण झा ने कहा कि इतिहास लेखन में सबसे महत्वपूर्ण सामग्री पुरातात्विक सामग्री है. इसका संरक्षण जरुरी है. इस अवसर पर चन्द्र प्रकाश, प्रो. वीणा ठाकुर, अवनींद्र झा, दयानंद झा, फ़वाद गज़ाली, मुरारी कुमार झा, कल्पना मिश्र, डॉ प्रेमचंद्र राय, अवध प्रसाद सिंह, डॉ नवा इमाम ने भी विचार व्यक्त किये.

Next Article

Exit mobile version