कुशेश्वरस्थान पूर्वी. महादेव मठ गांव में 24 घंटे तक अग्निदेव अपना रौद्र रूप दिखाते रहे. 24 घंटे बाद किसी तरह आग पर काबू पाया गया. इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि गांव का कितना भयावह दृश्य होगा. उजुआ-सिमरटोका पंचायत के वार्ड चार व पांच महादेव मठ में एक भी घर नहीं बचा.आग लगने के तुरंत बाद स्थानीय अधिकारी छह अग्निशमन वाहन के साथ महादेव मठ पहुंचे. आग की लपट इतनी भयावह थी कि अग्निशमन वाहन पर काबू पाने में सफल नहीं हो सके. सीओ गोपाल पासवान ने बताया कि दरभंगा के अलावा खगड़िया से भी अग्निशमन वाहन को बुलाया गया था. इधर सीओ व बीडीओ किशोर कुमार लगातार गांव में मौजूद रहे. काफी मशक्कत के बाद 24 घंटे बाद आग पर काबू पाया गया, लेकिन तब तक गांव में राख के सिवा कुछ बचा नही. गांव के लोग आसपास के खेतों में प्लास्टिक लगाकर किसी तरह परिवार के साथ दिन बीताने को मजबूर हैं. इस चिलचिलाती धूप में प्लास्टिक के नीचे अपने बच्चों के साथ रहना कितना मुश्किल होता होगा, यह तो सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है. न खाने के लिए अनाज और न ही पीने के लिए पानी. सिर्फ एक प्लास्टिक के सहारे काट रहे यहां के लोग जीवन.अंचल की ओर से तत्काल राहत दिये जाने से लोगों ने राहत की सांस ली है. महादेव मठ स्थित रेज्ड प्लेटफार्म पर अंचल की ओर से सामुदायिक किचन की व्यवस्था की गयी है. लोगो के बीच प्लास्टिक का वितरण भी किया गया है. सीओ ने बताया कि गांव के कोई भी लोग भूखा नहीं रहे, इसके लिए सामुदायिक किचेन की व्यवस्था कल से ही शुरू कर दी गयी है. लोगों के ठहरने के लिए बाढ़ शरणस्थली भवन के साथ रेज्ड प्लेटफार्म पर टेंट की व्यवस्था की गयी है.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है