कंपकंपी और कोहरा से थम गया है जनजीवन
कमतौल/जाले. जाले प्रखंड क्षेत्र में जनजीवन पर कड़ाके की ठंड का व्यापक असर देखा जा रहा है़ चल रही पछुआ हवा के झोंका के कारण हाड़ कंपाने वाली ठंड और लगने वाले कोहरा से शाम होते ही सड़कें सुनी हो जाती है़ सुबह से लेेकर रात तक लोग अलाव के सहारे जिंदगी बचाने की जुगत […]
कमतौल/जाले. जाले प्रखंड क्षेत्र में जनजीवन पर कड़ाके की ठंड का व्यापक असर देखा जा रहा है़ चल रही पछुआ हवा के झोंका के कारण हाड़ कंपाने वाली ठंड और लगने वाले कोहरा से शाम होते ही सड़कें सुनी हो जाती है़ सुबह से लेेकर रात तक लोग अलाव के सहारे जिंदगी बचाने की जुगत में लगे रहते हैं़ शुक्रवार और शनिवार को कुछ देर के लिए धूप का नजारा देख कर लोग राहत महसूस कर ही रहे थे कि दोपहर के बाद चलने वाली पछुआ हवा के झोंकों ने उन्हें फिर से कमरे में कैद रहने को विवश कर दिया़ कड़ाके की ठंड का असर सबसे अधिक नवजात और वयोवृद्ध लोगों पर पड़ रहा है़ क्षेत्र में ठंडा व शीत लहर के कारण जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है. स्कूल बंद होने से दिन भर बच्चे घर के आसपास धमाचौकड़ी मचाने में व्यस्त रहते हैं. वही बच्चे को ठंड असर नहीं करे, उनके अभिभावक इस बात को लेेकर चिंतित रहते हैं. सड़कों पर यातायात में कमी देखी जा रही है़ बाजारों में भी ग्राहकों की आवाजाही नहीं के बराबर होती है़ दिन भर काम के बाद मन बहलाने के लिए बाजार का रुख करने वाले लोग भी अपने घरों में ही कैद हो जाते हैं़ जिससे शाम के बाद बाजार में चहल-पहल नहीं के बराबर होती है़ लोग ठंड से बचने के लिए पूरे दिन अलाव के पास बैठ समय व्यतीत करते हैं़