Darbhanga News: मिथिला विश्वविद्यालय में मात्र 250 प्राध्यापक शोध पर्यवेक्षक बनने के इच्छुक

Darbhanga News:लनामिवि में पीएचडी एडमिशन टेस्ट आयोजन की तैयारी चल रही है.

By Prabhat Khabar News Desk | December 16, 2024 10:35 PM

Darbhanga News: दरभंगा. लनामिवि में पीएचडी एडमिशन टेस्ट आयोजन की तैयारी चल रही है. विवि ने सभी पीजी विभागाध्यक्षों से शोध पर्यवेक्षक के अधीन विषयवार रिक्त सीटों की संख्या एवं संभावित शोध पर्यवेक्षकों से 13 दिसंबर तक आवेदन मांगा था. समय बीतने के बावजूद सभी विभागों से अभी तक रिक्तियां विवि को प्राप्त नहीं हो सकी है. बताया जाता है कि 250 संभावित पर्यवेक्षकों ने शोध पर्यवेक्षक बनने के लिए आवेदन किया है. पर्यवेक्षकों के आंकड़े में कमी को देखते हुए विवि ने 18 दिसंबर तक आनलाइन आवेदन की तिथि बढ़ा दी है. इससे संबंधित पत्र परीक्षा नियंत्रक प्रो. विनोद कुमार ओझा ने सोमवार को जारी किया है. जानकार बताते हैं कि शोध विवि बनने जा रहे लनामिवि में पर्यवेक्षकों की संख्या में इतना कमी चिंतनीय है. लनामिवि में 24 विषयों में पीजी की डिग्री दी जाती है. 22 पीजी विभाग सहित 12 पीजी अध्ययन वाले कालेज हैं. इसके अलावा शिक्षा समेत दो विषय में भी पीजी की पढ़ाई होती है. डिग्री स्तरीय 31 अंगीभूत एवं 37 संबद्ध कालेजों में करीब तीन हजार से अधिक शिक्षक कार्यरत हैं. इसमें से केवल 250 प्राध्यापक ने ही पर्यवेक्षक बनने के लिये आवेदन दिया है.

इन प्राध्यापकों के अधीन हो सकते इतने शोध छात्र

एक प्रोफेसर के अधीन अधिक से अधिक आठ, एसोसिएट प्रोफेसर के अधीन छह और सहायक प्रोफेसर के अधीन चार शोधार्थी पंजीकृत होते हैं. प्रत्येक संभावित पर्यवेक्षक के पास उपलब्ध पीएचडी के लिये रिक्त सीटों की संख्या डीन के माध्यम से कुलसचिव को सूचित करने के लिये विवि ने कहा है. संकाय सदस्य द्वारा विभागाध्यक्ष को बताई गई पीएचडी सीटों की संख्या में सामान्यतः परिवर्तन नहीं किया जाएगा. संभावित पर्यवेक्षक के लिए पीएचडी छात्रों की संख्या का मार्गदर्शन करना अनिवार्य होगा. प्रोफेसर, जिसके पास रेफर्ड जर्नल या यूजीसी द्वारा चिन्हित जर्नल में कम से कम पांच शोध प्रविष्टियां हो, विश्वविद्यालय-कॉलेज का कोई भी नियमित एसोसिएट-असिस्टेंट प्रोफेसर, जिसके पास पीएचडी की डिग्री हो और रेफर्ड जर्नल या यूजीसी द्वारा चिह्नित जर्नल में कम से कम दो शोध प्रविष्टियां हों, उसे शोध पर्यवेक्षक के रूप में मान्यता दी जा सकती है, बशर्ते कि ऐसे क्षेत्रों-विषयों में जहां रेफर्ड जर्नल नहीं हैं या उनकी संख्या सीमित है, विश्वविद्यालय का पीजीआरसी लिखित रूप में कारणों को दर्ज करके किसी व्यक्ति को शोध पर्यवेक्षक के रूप में मान्यता देने के लिए उपरोक्त शर्त में छूट दे सकता है. सेवानिवृत्त शिक्षक, अपने पास पहले से पंजीकृत छात्रों की पीएचडी तक ही पर्यवेक्षक बने रह सकते हैं. सेवानिवृत्ति के बाद नए पीएचडी उम्मीदवार को नामांकित नहीं करेंगे.

विषय- आवेदन की संख्या

शिक्षा- 35

हिंदी- 24

मैथिली- 23इतिहास- 21

गणित- 21अर्थशास्त्र- 18

मनोविज्ञान- 17उर्दू- 17

जंतू विज्ञान- 10अंग्रेजी- 11

भूगोल- 9वनस्पति विज्ञान- 9

भौतिकी-8राजनीतिविज्ञान- 8

संस्कृत- 6

दर्शनशास्त्र- 6समाजशास्त्र- 5वाणिज्य- 4

संगीत- 3रसायन- 3

गृहविज्ञान- 2एआइएच- 1

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Next Article

Exit mobile version