कुंवर लाल के लिए अभिशाप बना गरीबी
जीते जी रहने को एक छत भी नहीं हो सका मयस्सरफोटो – बेनीपुर. गरीबी अभिशाप बनके बरपा शिवराम पंचायत के उफरदाहा निवासी कुंवर लाल देव पर जिन्हें अपनी जीते जी एक छत भी मयस्सर नहीं हो सका और अंतत: ठंड ने उसे दूध मुंहे बच्ची के साथ अपने आगोश में समा ही लिया. कुंवर लाल […]
जीते जी रहने को एक छत भी नहीं हो सका मयस्सरफोटो – बेनीपुर. गरीबी अभिशाप बनके बरपा शिवराम पंचायत के उफरदाहा निवासी कुंवर लाल देव पर जिन्हें अपनी जीते जी एक छत भी मयस्सर नहीं हो सका और अंतत: ठंड ने उसे दूध मुंहे बच्ची के साथ अपने आगोश में समा ही लिया. कुंवर लाल देव स्व अजय लाल देव का तीसरा बेटा था. किसी तरह मजदूरी कर अपने तीन बच्चों एवं बीवी का भरण-पोषण तो कर लेता था पर बीपीएल धारी रहते हुए भी आज तक उसे इंदिरा आवास तक नसीब नहीं हो सका. कुंवर अपने बाल-बच्चों के साथ भाई के अर्धनिर्मित भवन में ही किसी तरह गुजर कर रहा था. पर इस बार के इस शीतलहर के झोंके को वह बरदाश्त नहीं कर सका और एक पिता-पुत्री की मौत हो गयी. इनकी मौत से पूर्णत: टूट चुकी उनकी पत्नी चुनचुन देवी हर आने-जाने वालों से एक ही सवाल करती है कि आब एहि चुनियां-मुनियां के के देखतै. कुंवर को दो पुत्री एवं एक पुत्र है. जिसमें छोटी पुत्री की मौत उसके साथ ही हो गया तथा बड़ी बेटी दस वर्षीय रिंकी कुमारी एवं 8 वर्षीय पुत्र वितुल कुमार देव आज अपने पिता के शव से लिपट कर विलाप कर रहा है. उनके विलाप से हर आने-जाने वाले लोग दहल रहे हैं. वहां आने वाले लोगों के मुंह से एक ही शब्द निकल रहा है- भगवान के एहन नहि करवाक चाहि? वहीं ग्रामीणों ने इस बात का भी मलाल दिख रहा था कि जहां सरकार घोषणा पर घोषणा कर रही है जो ठंड से किसी को मरने नहीं दिया जायेगा पर यहां ठंड से मरने वालों की सुधि लेने तक मुखिया से लेकर कोई आला अधिकारी तक तैयार नहीं है. इसपर प्रतिक्रिया करते हुए जदयू के कारी लाल देव कहते हैं कि जहां बेदर्द हाकिम हो वहां फरियाद किससे करें.