परिचर्चा में बोले राष्ट्रीय सचिवबेता में कार्यालय का हुआ उद्घाटनफोटो. परिचय. दरभंगा . शिव आदि देवता हैं. ये ही सबके गुरू भी हैं. उन्हंे ही अपना गुरू बनाकर हम शिवत्व को प्राप्त कर सकते हैं. ये बातें मंगलवार को यहां शिव शिष्य परिवार के राष्ट्रीय सचिव अभिनव आनंद ने कही. आकाशवाणी परिसर में आयोजित शिवगुरू परिचर्चा में बोलते हुए उन्होंने कहा कि रिश्ता मन से बनता है. इसके लिए श्रद्धा व विश्वास का होना जरूरी है. शिव के साथ मन से रिश्ता बनाने की कोशिश करें. कोई भी गुरु अपने जैसा ही शिष्य को तैयार करना चाहता है. अगर शिव जैसा हमें बनना है तो उन्हें ही अपना गुरू बनाना होगा. संसार का एक-एक व्यक्ति शिव के शिष्य हो सकते़ हैं. आज संसार के प्राय: सभी लोग किसी न किसी पीड़ा से ग्रस्त हैं, ऐसे में शिव की शरण में ही जाकर शांति हासिल की जा सकती है. श्री आनंद ने मौके पर शिष्यों को स्वामी हरिद्रानंद जी के दिये तीन सूत्र दिये. इधर शिव शिष्यों के लिए बेता में कार्यालय का उद्घाटन किया गया. साथ ही लोगों के बीच अनुक्रमणिका व गुरू की अवधारणा से संबंधित स्वामीजी द्वारा लिखित पुस्तिका ‘हमारे गुरू शिव’ का वितरण भी किया गया. इसमें दरभंगा के अलावा समस्तीपुर, मधुबनी, सहरसा, सुपौल से सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचे. इसमें जीवछ बैठा समेत दर्जनों शिव शिष्य व्यवस्था में जुटे रहे. इस अवसर पर निबंधन के काउंटर पर तांता लगा रहा. करीब एक हजार श्रद्धालुओं ने अपना रजिस्ट्रेशन कराया.
शिवत्व प्राप्त करने के लिए बने शिव के शिष्य
परिचर्चा में बोले राष्ट्रीय सचिवबेता में कार्यालय का हुआ उद्घाटनफोटो. परिचय. दरभंगा . शिव आदि देवता हैं. ये ही सबके गुरू भी हैं. उन्हंे ही अपना गुरू बनाकर हम शिवत्व को प्राप्त कर सकते हैं. ये बातें मंगलवार को यहां शिव शिष्य परिवार के राष्ट्रीय सचिव अभिनव आनंद ने कही. आकाशवाणी परिसर में आयोजित शिवगुरू […]
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