समस्या से नहीं छूट रहा ब्लड बैंक का पीछा
पावर की समस्या दूर होने पर अब चिकित्सक का टोटाजाले. स्थानीय रेफरल अस्पताल में लाखों की लागत से लगाये गये ब्लड-बैंक के उपकरण ने अभी तक काम करना प्रारंभ नहीं किया है़ पूर्व में पावर की कमी के कारण ब्लड-बैंक के उपकरणों को चालू नहीं किया गया था़ अब 30 केवीए पावर के जेनेरेटर लगने […]
पावर की समस्या दूर होने पर अब चिकित्सक का टोटाजाले. स्थानीय रेफरल अस्पताल में लाखों की लागत से लगाये गये ब्लड-बैंक के उपकरण ने अभी तक काम करना प्रारंभ नहीं किया है़ पूर्व में पावर की कमी के कारण ब्लड-बैंक के उपकरणों को चालू नहीं किया गया था़ अब 30 केवीए पावर के जेनेरेटर लगने के उपरांत इसे चलाने के लिए प्रशिक्षित चिकित्सक का न होना कारण बन गया है़ इस संदर्भ में पूछे जाने पर प्रभारी डा़ गंगेश झा ने बताया कि पूर्व में सिंहवाड़ा प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र से डा़ बीके शर्मा को ब्लड स्टोरेज के लिए प्रशिक्षित कर इस अस्पताल में प्रतिनियोजित किया गया था़ उन दिनों 10 केवीए पावर के जेनेरेटर होने की वजह से ब्लड स्टोरेज का उपकरण पावर की कमी के कारण काम नहीं कर पा रहा था़ इसी क्रम में कुछ दिनों के बाद डा़ शर्मा का प्रतिनियोजन समाप्त कर पुन: सिंहवाड़ा स्वास्थ्य केन्द्र पर पदस्थापित कर दिया गया़ अब इस अस्पताल में 30 केवीए पावर का जेनेरेटर लगा दिया गया है़ इस जेनेरेटर से ब्लड-बैंक के उपकरणों को पावर की कमी खत्म हो गयी है़ अब यहां पावर की कमी तो नहीं है मगर ब्लड स्टोरेज के लिए प्रशिक्षित डॉक्टर का अभाव हो गया है. इस वजह से इसे चालू नहीं किया जा सका हैं़ उन्होंने आगे बताया कि ऐसे तो जिला में डॉक्टर की कमी हो गयी है़ इस अस्पताल में ओपीडी का काम भी जैसे-तैसे चल रहा है़