दरभंगा. आलू-प्याज गरीबों का सब्जी माना जाता है. इन दिनों आलू के तेवर काफी गरम है. कीमत 30 रुपये प्रतिकिलो तक पहुंच गयी है. सामान्य तौर पर हरी सब्जी के भाव कम हो तो आलू का दाम भी घट जाता है. जब हरी सब्जी का भाव चढ़ता है, तो गरीब और मध्यम वर्ग आलू की तरफ शिफ्ट हो जाते हैं. वर्तमान में हरी सब्जी के साथ-साथ आलू भी महंगा हो गया है. ऐसे में गरीबों की हालत खराब है. आलू -प्याज की कीमत नींद उड़ाने वाली है. वर्तमान में 140 से 150 रुपये पसेरी आलू एवं प्याज बिक रहा है. जबकि 10 दिन पूर्व कीमत 100 से 125 रुपये पसेरी था. खुदरा में आलू 30 रुपये प्रतिकिलो तक पहुंच गया है. थोक सब्जी एजेंट जीवछ खर्गा, मुजाहिद कुजरा, इस्लाम शेख, महेंद्र खटीक का कहना है कि हीट वेव के कारण अन्य सब्जियां जल्द खराब हो रही है. ऐसे में टिकाऊ होने के चलते लोग आलू का ज्यादा इस्तेमाल कर रहे हैं. इन स्थितियों ने हरी सब्जी के साथ ही आलू- प्याज की मांग बढ़ा दी है. कहा कि कीमत में उछाल अभी जारी रहने का अनुमान है. बताया कि खुदरा बाजार में पिछले एक महीने में आलू -प्याज की कीमत करीब 10 फीसद तक चढ़ गई है. कारोबारी सुरेश महतो, रामू कुजरा, दिनेश खटीक आदि ने बताया कि पिछले एक महीना में औसत किस्म के आलू की कीमत 20 रुपये प्रतिकिलो से 30 रुपये तक पहुंच चुकी है. यदि चिप्सोना या सूर्या आलू खरीदना चाहेंगे तो यह 35 से 40 रुपये किलो के आसपास है. कुछ दिन पहले तक 14 रुपये किलो बिकने वाला छोटा आलू भी 20 से 22 रुपये किलो बिक रहा है. आलू-प्याज कारोबारी संतोष मंडल, विनोद सहनी, आशुतोष पंसारी, मुख्तार अंसारी कहते हैं कि अपश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश समेत अन्य राज्यों में असमय बारिश ने फसल को प्रभावित किया है. आपूर्ति में कमी आयी है. कुछ कोल्ड स्टोरेज मालिकों ने आलू-प्याज के स्टॉक को रोकना शुरू कर दिया है. इससे मांग ज्यादा और आपूर्ति कम हो गई है. वहीं फेडरेशन ऑफ कोल्ड स्टोरेज एसोसिएशन ऑफ इंडिया के जिला अध्यक्ष विनोद पंसारी, महेश मारवाड़ी, जगन्नाथ सिंह ने बताया कि पूरे देश में आलू की कीमत स्थिर है. कोल्ड स्टोरेज में स्टॉक कम हो रहा है. आलू की अधिक खपत है. इस वजह से इस मौसम में भी कीमत बढ़ रही है. हरी सब्जी कारोबारी साहब कुजरा, समसुल कुजरा, राजू कुशवाहा, अशोक महतो, गुलशन निशा आदि ने बताया कि बारिश नही होने से सब्जी की फसल खेत में सूख रही है. बाजार तक लाते- लाते सब्जी की स्थिति बुरी हो जा रही है. मजबूरन कोल्ड स्टोर एवं निजी फ्रिज में रखना पड़ रहा है. इससे हरी सब्जी की कीमत में 10 से 15 रुपये का उछाल आया है. लोकल सब्जी की आपूर्ति कम है. मांग को देखते हुए बाहर से मंगाना पड़ रहा है. इस वजह से भी कीमत में उछाल है.
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